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EXCLUSIVE: हाथियों का उत्पात, सड़कों का नेटवर्क, सिंचाई सुविधा बढ़ाना होगी पहली प्राथमिकता: केरकेट्टा

कांग्रेस सरकार के 2 साल पूरे होने पर कोरबा जिले के पाली-तानाखार विधानसभा से कांग्रेस विधायक और गौरेला पेंड्रा मरवाही आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मोहित राम केरकेट्टा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. केरकेट्टा ने 2 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने हाथियों के उत्पात, सड़कों के नेटवर्क और सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया.

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मोहित राम केरकेट्टा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत
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Published : Dec 17, 2020, 4:47 PM IST

कोरबा: कांग्रेस विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा कर सड़क, सिंचाई और हाथियों के उत्पात से होने वाले जान-माल के नुकसान से जुड़े सवालों पर सहजता से जवाब दिए. केरकेट्टा के मुताबिक बीजेपी के शासनकाल में पाली-तनाखार काफी पिछड़ता चला गया, लेकिन अब क्षेत्र के विकास पर फोकस है.

मोहित राम केरकेट्टा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत

सवाल: क्षेत्रीय विधायक के तौर पर क्या उपलब्धियां रहीं?

जवाब: पिछले चुनाव में हमारी पार्टी को जनता का भरपूर प्यार मिला. 2 साल का कार्यकाल हमारे लिए गर्व का विषय है. सीएम भूपेश बघेल ने शपथ लेने के पहले ही किसानों से जो वादा किया था, वह पूरा किया. यह बड़ी बात है. हमारी सरकार की पहचान किसानों की हितैषी सरकार के रूप में है. इन्हीं उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया है.

पढ़ें: भूपेश कैबिनेट की बैठक में 15 फैसलों पर लगी मुहर, दो साल के कामकाज की हुई समीक्षा

सवाल : आपका विधानसभा क्षेत्र पाली-तनाखार काफी पिछड़ा हुआ है. आपने वहां किस तरह का प्रयास किया?

जवाब : 15 साल तक बीजेपी का राज रहा. इस दौरान पाली-तानाखार काफी पिछड़ता चला गया. यहां काफी पिछड़ापन है. सीएम से हमने चर्चा की है और कई कार्यों के लिए बजट स्वीकृत कराया है. हमने आने वाले अनुपूरक बजट में भी पाली-तानाखार क्षेत्र में करोड़ों रुपए का प्रस्ताव दिया है. पाली से सिल्ली और पोड़ी तक पीढ़ियों से अधूरा पड़ा गौरव पथ अब बनने जा रहा है. यह बड़ी उपलब्धि रही.

सरकार ने जो नरवा, गरवा घुरवा, बाड़ी योजना चलाई है. गोबर खरीदी हो रही है. इससे विकास को रफ्तार मिली है. अभी 3 साल का समय हम इस दिशा में काम करेंगे. विकास की गति को और भी बढ़ाएंगे.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल: चंदखुरी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ यात्रा का होगा समापन

सवाल : हाल ही में अपने कटघोरा वन मंडल में डीएफओ की शिकायत की थी. दूसरे और भी विभाग हैं, जिनमें शिकायत के बाद भी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती?

जवाब : वन विभाग की शिकायत मुझे मिली थी. वह सही नहीं थी. यहां पर ठेकेदारी प्रथा ज्यादा हावी है. मुझे गलत जानकारी दी गई थी. इसके बाद मैंने बारीकी से उस विषय का अध्ययन किया. मैंने पत्र जरूर बनाया था और डीएफओ को आगाह भी किया था. मजदूर और ठेकेदारों को जो भुगतान लंबित है, उसकी रिपोर्ट मुझे 4-6 दिन के भीतर ही सौंपी गई. मैंने पाया कि केवल 30% काम ही शेष रह गया है. डीएफओ को हमने चेतावनी दी कि आगे से इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. ग्रामीण हो या ठेकेदार सभी को साथ लेकर चलना है. इसलिए हमने वह पत्र ना तो वन मंत्री और ना मुख्यमंत्री को प्रेषित किया.

सवाल : पाली-तानाखार की सड़कें जिले में सबसे खराब हैं. त्योहारों के समय भी पाली थमा रहा. सड़कों का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है?

जवाब : लंबे समय से ही पाली की सड़कें खराब है. हमने लगातार प्रयास किया है और टेंडर हो चुके हैं. काम भी शुरू कर दिया गया है. मुनगाडीह का जो करोड़ों का पुल पानी में बह गया था, वह 5 करोड़ का पुल भी अब बनकर तैयार है. इसके लिए हमने सीएम को पत्र लिखा था. जिसके बाद तत्काल पैसे स्वीकृत किए गए. अब पुल तैयार है. केवल उद्घाटन करने भर की देरी है. खासतौर पर मेरे विधानसभा क्षेत्र पाली-तानाखार में सड़क विहीन जैसी स्थिति है, लेकिन अब धीरे-धीरे काम हो रहे हैं. टेंडर हो चुका है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में किसान खुश, सरकार ने पूरे किए वादे: रविंद्र चौबे

सवाल : सड़कों के सवाल पर हमेशा यही जवाब दिया जाता है कि टेंडर हो चुका है, काम हो रहा है लेकिन असर नहीं दिखता. क्या आप विश्वास दिलाएंगे कि काम कब तक पूरे होंगे?

जवाब : सड़क के निर्माण में कई बार ठेकेदारों के कारण विलंब तो होता ही है. लेकिन इसमें गति लाने के निर्देश भी दिए गए हैं. सभी को दायित्व सौंपा गया है. यदि कहीं विलंब हो रहा है तो आप ठेकेदार का नाम बताइए. सूची दीजिए, हम उसका ठेका निरस्त करेंगे और नए सिरे से दूसरे से काम करवाएंगे. हालांकि फिलहाल ऐसी स्थिति निर्मित नहीं है. अब काम शुरू हो चुके हैं और संभवत: बरसात के पहले तक सभी सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

सवाल : आप प्राधिकरण के भी अध्यक्ष हैं. राज्य मंत्री का दर्जा आपको मिला है. दोहरी भूमिका का निर्वहन कैसे कर रहे हैं?

जवाब : मुझे गौरेला पेंड्रा मरवाही आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है. जिसमें पेंड्रा, बिलासपुर जिले का कोटा, मुंगेली और पंडरिया सहित चार-पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. दिक्कत यह है कि इस प्राधिकरण में 3-4 करोड़ का बेहद कम फंड होता है. जिसके कारण प्रस्ताव लटके रह जाते हैं. हमने मांग की है कि इस फंड को बढ़ाकर कम से कम 50 से 60 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाए. जिससे विकास कार्य हो सकें. इस फंड से एंबुलेंस खरीदी, हॉस्टल निर्माण के साथ ही बिजली जाने पर सौर ऊर्जा से पढ़ाई हो सके. इस तरह के कई प्रस्ताव हमने बनवाए हैं.

सवाल : बीते कुछ समय से रेत माफिया बेलगाम हैं? अवैध कार्य लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं. कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं?

जवाब : रेत माफिया वाली बात सच है. इनकी गतिविधियां काफी बढ़ गईं थीं. लेकिन हमने कलेक्टर को बोल कर इनके ऊपर कारवाई भी कराई है. ग्रामीणों के साथ ही ठेकेदारों को भी कहा है कि जहां कहीं भी अवैध उत्खनन हो रहा है या रेत की चोरी हो रही है, हमें सीधे जानकारी दें. जानकारी मिलने पर हमने कार्रवाई भी करवाया है. अफसरों को भी इस विषय में बताया गया है. जो भी गलत काम करेगा, उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि कोई अधिकारी गलत पाया जाता है तो उस अधिकारी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

सवाल : 2 साल बीत चुके हैं. अब शेष 3 सालों में कौन से काम आपके सर्वोच्च प्राथमिकता में होंगे?

जवाब : आने वाले 3 सालों में पेयजल, बिजली और सड़क जैसी समस्याएं सर्वोच्च प्राथमिकता में होंगे. मेरे विधानसभा में हाथियों का मूवमेंट भी काफी बढ़ा है. जान-माल की काफी हानि हुई है. इसके लिए हमने वनमंत्री से भी बात की थी. एक अलग प्रस्ताव बनाया गया है ताकि वन क्षेत्रों के किनारे गड्ढे खोदकर या फेंसिंग करके हाथियों को वनों के भीतर ही रोका जा सके.

स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो जाए जिससे ग्रामीणों को दूर से ही हाथियों के मूवमेंट की जानकारी मिल सके. इसके अलावा पाली-तानाखार क्षेत्र में खासतौर पर किसान धान की फसल उगाते हैं. सिंचाई के लिए काफी मोहताज रहते हैं. बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं. सिंचित रकबा बढ़ाने के साथ ही हर गांव तक सुविधाजनक सड़क बनवाना प्राथमिकता रहेगी.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ का पहला एलिफेंट रिजर्व बनने जा रहा है लेमरू, बड़ा सवाल क्या इससे हाथी-मानव के बीच संघर्ष होगा कम?

सवाल : आपने शिक्षा की बात की है. पोड़ी, उपरोड़ा क्षेत्र से काफी शिक्षकों को गलत तरीके से शहर में लाकर अटैच किया गया है. आपको भी शिकायत मिली होगी?

जवाब : इस विषय में मुझे जानकारी मिली है. कई लोगों से मुझे सूचना मिलती रहती है. जितने भी शिक्षकों को पोड़ी, उपरोड़ा से शहरों में अटैच किया गया है. हमने उसकी कॉपी मंगवाई है. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हम कोई समझौता नहीं करेंगे. जिन शिक्षकों को भी अटैच किया गया है, उनकी छानबीन करके उनको वापस बुलाएंगे.

कोरबा: कांग्रेस विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा कर सड़क, सिंचाई और हाथियों के उत्पात से होने वाले जान-माल के नुकसान से जुड़े सवालों पर सहजता से जवाब दिए. केरकेट्टा के मुताबिक बीजेपी के शासनकाल में पाली-तनाखार काफी पिछड़ता चला गया, लेकिन अब क्षेत्र के विकास पर फोकस है.

मोहित राम केरकेट्टा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत

सवाल: क्षेत्रीय विधायक के तौर पर क्या उपलब्धियां रहीं?

जवाब: पिछले चुनाव में हमारी पार्टी को जनता का भरपूर प्यार मिला. 2 साल का कार्यकाल हमारे लिए गर्व का विषय है. सीएम भूपेश बघेल ने शपथ लेने के पहले ही किसानों से जो वादा किया था, वह पूरा किया. यह बड़ी बात है. हमारी सरकार की पहचान किसानों की हितैषी सरकार के रूप में है. इन्हीं उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया है.

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सवाल : आपका विधानसभा क्षेत्र पाली-तनाखार काफी पिछड़ा हुआ है. आपने वहां किस तरह का प्रयास किया?

जवाब : 15 साल तक बीजेपी का राज रहा. इस दौरान पाली-तानाखार काफी पिछड़ता चला गया. यहां काफी पिछड़ापन है. सीएम से हमने चर्चा की है और कई कार्यों के लिए बजट स्वीकृत कराया है. हमने आने वाले अनुपूरक बजट में भी पाली-तानाखार क्षेत्र में करोड़ों रुपए का प्रस्ताव दिया है. पाली से सिल्ली और पोड़ी तक पीढ़ियों से अधूरा पड़ा गौरव पथ अब बनने जा रहा है. यह बड़ी उपलब्धि रही.

सरकार ने जो नरवा, गरवा घुरवा, बाड़ी योजना चलाई है. गोबर खरीदी हो रही है. इससे विकास को रफ्तार मिली है. अभी 3 साल का समय हम इस दिशा में काम करेंगे. विकास की गति को और भी बढ़ाएंगे.

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सवाल : हाल ही में अपने कटघोरा वन मंडल में डीएफओ की शिकायत की थी. दूसरे और भी विभाग हैं, जिनमें शिकायत के बाद भी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती?

जवाब : वन विभाग की शिकायत मुझे मिली थी. वह सही नहीं थी. यहां पर ठेकेदारी प्रथा ज्यादा हावी है. मुझे गलत जानकारी दी गई थी. इसके बाद मैंने बारीकी से उस विषय का अध्ययन किया. मैंने पत्र जरूर बनाया था और डीएफओ को आगाह भी किया था. मजदूर और ठेकेदारों को जो भुगतान लंबित है, उसकी रिपोर्ट मुझे 4-6 दिन के भीतर ही सौंपी गई. मैंने पाया कि केवल 30% काम ही शेष रह गया है. डीएफओ को हमने चेतावनी दी कि आगे से इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. ग्रामीण हो या ठेकेदार सभी को साथ लेकर चलना है. इसलिए हमने वह पत्र ना तो वन मंत्री और ना मुख्यमंत्री को प्रेषित किया.

सवाल : पाली-तानाखार की सड़कें जिले में सबसे खराब हैं. त्योहारों के समय भी पाली थमा रहा. सड़कों का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है?

जवाब : लंबे समय से ही पाली की सड़कें खराब है. हमने लगातार प्रयास किया है और टेंडर हो चुके हैं. काम भी शुरू कर दिया गया है. मुनगाडीह का जो करोड़ों का पुल पानी में बह गया था, वह 5 करोड़ का पुल भी अब बनकर तैयार है. इसके लिए हमने सीएम को पत्र लिखा था. जिसके बाद तत्काल पैसे स्वीकृत किए गए. अब पुल तैयार है. केवल उद्घाटन करने भर की देरी है. खासतौर पर मेरे विधानसभा क्षेत्र पाली-तानाखार में सड़क विहीन जैसी स्थिति है, लेकिन अब धीरे-धीरे काम हो रहे हैं. टेंडर हो चुका है.

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सवाल : सड़कों के सवाल पर हमेशा यही जवाब दिया जाता है कि टेंडर हो चुका है, काम हो रहा है लेकिन असर नहीं दिखता. क्या आप विश्वास दिलाएंगे कि काम कब तक पूरे होंगे?

जवाब : सड़क के निर्माण में कई बार ठेकेदारों के कारण विलंब तो होता ही है. लेकिन इसमें गति लाने के निर्देश भी दिए गए हैं. सभी को दायित्व सौंपा गया है. यदि कहीं विलंब हो रहा है तो आप ठेकेदार का नाम बताइए. सूची दीजिए, हम उसका ठेका निरस्त करेंगे और नए सिरे से दूसरे से काम करवाएंगे. हालांकि फिलहाल ऐसी स्थिति निर्मित नहीं है. अब काम शुरू हो चुके हैं और संभवत: बरसात के पहले तक सभी सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

सवाल : आप प्राधिकरण के भी अध्यक्ष हैं. राज्य मंत्री का दर्जा आपको मिला है. दोहरी भूमिका का निर्वहन कैसे कर रहे हैं?

जवाब : मुझे गौरेला पेंड्रा मरवाही आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है. जिसमें पेंड्रा, बिलासपुर जिले का कोटा, मुंगेली और पंडरिया सहित चार-पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. दिक्कत यह है कि इस प्राधिकरण में 3-4 करोड़ का बेहद कम फंड होता है. जिसके कारण प्रस्ताव लटके रह जाते हैं. हमने मांग की है कि इस फंड को बढ़ाकर कम से कम 50 से 60 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाए. जिससे विकास कार्य हो सकें. इस फंड से एंबुलेंस खरीदी, हॉस्टल निर्माण के साथ ही बिजली जाने पर सौर ऊर्जा से पढ़ाई हो सके. इस तरह के कई प्रस्ताव हमने बनवाए हैं.

सवाल : बीते कुछ समय से रेत माफिया बेलगाम हैं? अवैध कार्य लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं. कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं?

जवाब : रेत माफिया वाली बात सच है. इनकी गतिविधियां काफी बढ़ गईं थीं. लेकिन हमने कलेक्टर को बोल कर इनके ऊपर कारवाई भी कराई है. ग्रामीणों के साथ ही ठेकेदारों को भी कहा है कि जहां कहीं भी अवैध उत्खनन हो रहा है या रेत की चोरी हो रही है, हमें सीधे जानकारी दें. जानकारी मिलने पर हमने कार्रवाई भी करवाया है. अफसरों को भी इस विषय में बताया गया है. जो भी गलत काम करेगा, उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि कोई अधिकारी गलत पाया जाता है तो उस अधिकारी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

सवाल : 2 साल बीत चुके हैं. अब शेष 3 सालों में कौन से काम आपके सर्वोच्च प्राथमिकता में होंगे?

जवाब : आने वाले 3 सालों में पेयजल, बिजली और सड़क जैसी समस्याएं सर्वोच्च प्राथमिकता में होंगे. मेरे विधानसभा में हाथियों का मूवमेंट भी काफी बढ़ा है. जान-माल की काफी हानि हुई है. इसके लिए हमने वनमंत्री से भी बात की थी. एक अलग प्रस्ताव बनाया गया है ताकि वन क्षेत्रों के किनारे गड्ढे खोदकर या फेंसिंग करके हाथियों को वनों के भीतर ही रोका जा सके.

स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो जाए जिससे ग्रामीणों को दूर से ही हाथियों के मूवमेंट की जानकारी मिल सके. इसके अलावा पाली-तानाखार क्षेत्र में खासतौर पर किसान धान की फसल उगाते हैं. सिंचाई के लिए काफी मोहताज रहते हैं. बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं. सिंचित रकबा बढ़ाने के साथ ही हर गांव तक सुविधाजनक सड़क बनवाना प्राथमिकता रहेगी.

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सवाल : आपने शिक्षा की बात की है. पोड़ी, उपरोड़ा क्षेत्र से काफी शिक्षकों को गलत तरीके से शहर में लाकर अटैच किया गया है. आपको भी शिकायत मिली होगी?

जवाब : इस विषय में मुझे जानकारी मिली है. कई लोगों से मुझे सूचना मिलती रहती है. जितने भी शिक्षकों को पोड़ी, उपरोड़ा से शहरों में अटैच किया गया है. हमने उसकी कॉपी मंगवाई है. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हम कोई समझौता नहीं करेंगे. जिन शिक्षकों को भी अटैच किया गया है, उनकी छानबीन करके उनको वापस बुलाएंगे.

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