कोरबा: नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए सरकार कई तरह की कोशिश कर रही है. वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के जरिए कई लोग ठीक हो चुके हैं. जिला अस्पताल में संचालित OST (Oral subtutu therapy) सेंटर के जरिए यह सुविधा लोगों को मिल रही थी. लेकिन दवा की कमी में एक बार फिर से इस सेंटर को बंद करने से पीड़ितों की समस्या बढ़ गई है.
ISO सर्टिफाइड कोरबा के सरकारी जिला अस्पताल परिसर में ओएसटी सेंटर का संचालन पिछले कई सालों से किया जा रहा है. पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर रमेश इसके प्रभारी हैं. इस केंद्र के जरिए उन लोगों को सहूलियत दी जा रही है जो इंजेक्शन या दूसरे तरह का नशा करते रहे हैं. OST सेंटर में दी जाने वाली दवा से नशेड़िओं को काफी राहत मिली है. लेकिन हाल ही में ही दवा की आपूर्ति बंद होने के कारण इस केंद्र पर ताला लग गया है. ऐसे में हितग्राहियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
दवा की कमी के कारण स्पर्श क्लिनिक में लटक रहा ताला !
भारत सरकार उपलब्ध करा रही दवा
भारत सरकार देश के सभी OST सेंटर में दवाएं उपलब्ध करा रही है. राज्य स्तर पर दवाओं का वितरण किया जा रहा है. कोरबा जिले में नशे के आदी 300 से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन जिला अस्पताल में चल रहे OST सेंटर में कराया हुआ है. ये सभी चाहते हैं कि नियमित रूप से दवा की आपूर्ति सुनिश्चित हो. ताकि उन्हें फिर से नशे की तरफ न जाना पड़े.