कोरबा : मानसून ने कोरबा शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है. पिछले तीन दिनों से प्रदेश में बदरा बरस रहे हैं.लेकिन इस मानसून ने कई शहरों की पोल भी खोलकर रख दी है.ऐसा ही एक शहर कोरबा है.जहां का ड्र्रेनेज सिस्टम की बारिश ने कलई खोली है. 4 लाख आबादी वाले कोरबा नगर निगम में बरसाती नालों में फंसा हुआ कचरा शहरवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. नाले कचरा के कारण जाम हैं.जिसके कारण पानी का बहाव रुक जाता है. जिसके कारण लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुसना शुरु हो चुका है.
अतिक्रमण की चपेट में कई बरसाती नाले : नगर पालिक निगम कोरबा के सभी 67 वार्ड में छोटे बड़े 42 नाले हैं. 19 मुख्य बड़े नाले हैं. जिनसे बड़े पैमाने पर बरसात का पानी बाहर निकलता है. शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से इन नालों पर आश्रित है. रोजमर्रा के उपयोग का गंदा पानी भी इन्हीं नालों से बहकर गटर से होते हुए शहर के बाहर छोड़ा जाता है.
सड़क पर उतरे महापौर, अतिक्रमण नहीं करने की जारी की अपील : पहली बारिश के बाद ही नाली का पानी दुकान और घर में घुसने की शिकायत नगर निगम को मिली. इसके बाद महापौर राजकिशोर प्रसाद ने खुद ही मोर्चा संभाला और सड़कों पर उतरे. उन्होंने टीपी नगर क्षेत्र का निरीक्षण किया, वार्ड क्रमांक 12 शारदा विहार में भी गए.
"कई स्थानों पर नालों के ऊपर अतिक्रमण किया गया है. कुछ जगह पर हमने लो लेवल कलवर्ट को तोड़वाया भी है. आम लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह का प्लास्टिक कचरा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियों को ही दें. कचरा नाली में ना फेंके, जिससे कि जाम होने की स्थिति निर्मित हो. इसी तरह नाले को अतिक्रमण से मुक्त रखना भी नागरिकों की जिम्मेदारी है. इन सभी कारणों से भी नाले जाम हो जाते हैं. जिससे परेशानी जनता को ही होती है" राजकिशोर प्रसाद,महापौर
किन नालों के पास हुआ अतिक्रमण : इनमें से चित्रा टॉकीज समीप वाला नाला, वार्ड क्रमांक 30 के पास स्थित नाला, विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित नाला, शारदा विहार नाला, तुलसी नगर नाला, नया बस स्टैंड नाला, शारदा विहार से रेलवे लाइन तक के नाला, मुड़ापार नाला, दादर बस्ती नाला प्रमुख हैं. इनके अलावा और भी छोटे बड़े नाले निगम क्षेत्र में मौजूद हैं. कई नाले ऐसे हैं, जिनपर अतिक्रमण हो चुका है. जिसके कारण शहर का ड्रेनेज सिस्टम काफी हद तक प्रभावित हुआ है. अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती चली गयी.