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कोरबा : खुद की जमीन पर कब्जा पाने की शिकायत कर थक चुके दिव्यांग बुजुर्ग, कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु - Chhattisgarh State Scheduled Tribe Commission

एक बुजुर्ग को अपनी जमीन पर दखल नहीं दिलाया जा रहा है. मामला करीब 7 दशक पुराना है. सरकारी दफ्तरों के चक्कार काट-काटकर बुजुर्ग अब इतने परेशान हो गए हैं कि उन्होंने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग (Demand For Euthanasia From Collector) की है.

elder Demand For Euthanasia From Collector in korba
कोरबा में बुजुर्ग ने कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु
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Published : Dec 14, 2021, 9:49 PM IST

कोरबा : पूर्वजों की जमीन पर कब्जा पाने के लिए एक बुजुर्ग सिस्टम से इतने त्रस्त हो गये कि अब उन्होंने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु मांगी (Demand For Euthanasia From Collector) है. मामला जिले के पाली तहसील के ग्राम पंचायत बदरा का है. ग्रामीण बुजुर्ग उत्तम सिंह ने कलेक्टर को दिये आवेदन में अपने पूर्वजों की 110 एकड़ जमीन मौजूद होने का दावा किया है. उन्होंने लिखा है कि उनके पूर्वजों की 110 एकड़ जमीन पर फर्जी तरीके से तालाब का निर्माण कर दिया गया है. वह अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए भटक रहा है, लेकिन उसे दखल नहीं दिलाया जा रहा है. इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है. मामला करीब 7 दशक पुराना है.

कोरबा में बुजुर्ग ने कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु

यह है पूरा मामला

बुजुर्ग उत्तम सिंह ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि उनके पूर्वजों की जमीन पाली तहसील की ग्राम पंचायत बतरा पटवारी हल्का क्रमांक 8 में है. जमीन का खसरा नंबर 871 और उसका कुल रकबा 110 एकड़ है. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि ग्राम पंचायत द्वारा दबावपूर्वक इस जमीन पर अंडिहामुड़ा तालाब का निर्माण कर दिया गया है, जिसमें राजस्व अमले की भी मिलीभगत है.

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बुजुर्ग को नहीं दी जा रही जमीन की नकल

इस जमीन के बदले में उन्हें अन्यत्र जमीन देने की बात हुई थी, लेकिन मामला नहीं सुलझ पाया. इतना ही नहीं यह मामला करीब 7 दशक पुराना है, जिसका निदान अब तक नहीं हो पाया है. उत्तम ने अपने आवेदन में आगे उल्लेख किया है कि वह पटवारी से लेकर तहसील और जनपद सीईओ के कार्यालयों के चक्कर लगाकर अब थक चुके हैं. लेकिन उन्हें उनकी ही जमीन की नकल तक नहीं दी जा रही है. जिससे वे बेहद परेशान हो चुके हैं. दिव्यांग होने के कारण वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं. उन्होंने कहा है कि अब भी समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह अब जीना नहीं चाहते. इस कारण उन्होंने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है.



अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी लिखा है कलेक्टर को पत्र

इस प्रकरण में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (Chhattisgarh State Scheduled Tribe Commission) ने भी कलेक्टर के नाम एक पत्र लिखा है. इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल निराकरण करने के आदेश दे दिये गए हैं. बावजूद इसके मामले का समाधान नहीं हो सका है. हालात अब ऐसे हो चुके हैं कि बुजुर्ग उत्तम सिंह इच्छा मृत्यु की मांग करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे.

कोरबा : पूर्वजों की जमीन पर कब्जा पाने के लिए एक बुजुर्ग सिस्टम से इतने त्रस्त हो गये कि अब उन्होंने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु मांगी (Demand For Euthanasia From Collector) है. मामला जिले के पाली तहसील के ग्राम पंचायत बदरा का है. ग्रामीण बुजुर्ग उत्तम सिंह ने कलेक्टर को दिये आवेदन में अपने पूर्वजों की 110 एकड़ जमीन मौजूद होने का दावा किया है. उन्होंने लिखा है कि उनके पूर्वजों की 110 एकड़ जमीन पर फर्जी तरीके से तालाब का निर्माण कर दिया गया है. वह अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए भटक रहा है, लेकिन उसे दखल नहीं दिलाया जा रहा है. इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है. मामला करीब 7 दशक पुराना है.

कोरबा में बुजुर्ग ने कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु

यह है पूरा मामला

बुजुर्ग उत्तम सिंह ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि उनके पूर्वजों की जमीन पाली तहसील की ग्राम पंचायत बतरा पटवारी हल्का क्रमांक 8 में है. जमीन का खसरा नंबर 871 और उसका कुल रकबा 110 एकड़ है. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि ग्राम पंचायत द्वारा दबावपूर्वक इस जमीन पर अंडिहामुड़ा तालाब का निर्माण कर दिया गया है, जिसमें राजस्व अमले की भी मिलीभगत है.

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बुजुर्ग को नहीं दी जा रही जमीन की नकल

इस जमीन के बदले में उन्हें अन्यत्र जमीन देने की बात हुई थी, लेकिन मामला नहीं सुलझ पाया. इतना ही नहीं यह मामला करीब 7 दशक पुराना है, जिसका निदान अब तक नहीं हो पाया है. उत्तम ने अपने आवेदन में आगे उल्लेख किया है कि वह पटवारी से लेकर तहसील और जनपद सीईओ के कार्यालयों के चक्कर लगाकर अब थक चुके हैं. लेकिन उन्हें उनकी ही जमीन की नकल तक नहीं दी जा रही है. जिससे वे बेहद परेशान हो चुके हैं. दिव्यांग होने के कारण वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं. उन्होंने कहा है कि अब भी समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह अब जीना नहीं चाहते. इस कारण उन्होंने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है.



अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी लिखा है कलेक्टर को पत्र

इस प्रकरण में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (Chhattisgarh State Scheduled Tribe Commission) ने भी कलेक्टर के नाम एक पत्र लिखा है. इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल निराकरण करने के आदेश दे दिये गए हैं. बावजूद इसके मामले का समाधान नहीं हो सका है. हालात अब ऐसे हो चुके हैं कि बुजुर्ग उत्तम सिंह इच्छा मृत्यु की मांग करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे.

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