कोरबा : कुसमुंडा इलाके में गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने कहा डीजल चोर गैंग के सरगना साजिद खान (Diesel thief gangster Sajid) ने अशरफ खान से 20 लाख रुपये ऐंठने के लिए पूरी स्क्रिप्ट लिखी थी. गोली लगने वाले से जिस घायल युवक ने पुलिस से शिकायत की थी. उसे ही पुलिस ने आरोपी बनाया था. बता दें कि 10 दिन पहले जिले के कुसमुंडा में हुए गोलीकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. गोलीकांड के सामने आने के बाद जिले के कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह कायम हो गया था. मामले को सुलझाने में पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी थी. पुलिस की जांच के बाद पूरा मामला ही उलट गया है. घटना के बाद सुमित चौधरी नाम के आपराधिक प्रकरण वाले युवक ने अशरफ खान, राजा खान और अभिषेक आनंद पर गोली चलाने का आरोप लगाया था और कहा था कि इन तीनों ने उसके पैर में गोली मारी है. पुलिस को प्रार्थी की भूमिका शुरू से ही संदेहास्पद लग रही थी. अब जांच में पुलिस ने प्रार्थी बनकर शिकायत करने वाले सुमित चौधरी को आरोपी बनाया है.
जोकि निगरानी शुदागुंडा बदमाश और डीजल चोर गैंग के सरगना साजिद खान द्वारा फिट किया गया एक मोहरा मात्र है. पुलिस ने साजिद खान और उसके गुर्गे सहित लगभग 9 लोगों पर गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. सुमित चौधरी सहित गोली चलाने वाले युवक मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू को भी गिरफ्तार किया है, लेकिन मास्टरमाइंड साजिद अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है.
यह है पूरा मामला
गोलीकांड की घटना बीते 28 दिसंबर की है. जब बिलासपुर निवासी सुमित चौधरी मोटरसाइकिल पर अपने दोस्त दुजराम के साथ कोरबा से बिलासपुर लौट रहा था. कुसमुंडा साइडिंग के पास ही इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया. शुरू में सुमित ने पुलिस को बताया कि अशरफ खान, राजा खान और अभिषेक आनंद व कुछ अन्य लोग वहां मौजूद थे. किसी बातचीत को लेकर उनके मध्य विवाद हुआ और अशरफ ने गोली चला दी, जोकि मेरी जांघ में लग गई है. इस गंभीर घटना के बाद पुलिस भी कुछ कंफ्यूज थी, लेकिन तात्कालिक तौर पर सुमित को प्रार्थी बनाकर पुलिस ने कुसमुंडा थाने में आर्म्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया.
इसके बाद प्रार्थी द्वारा बताए गए घटनाक्रम और घटनास्थल का निरीक्षण, मेडिकल रिपोर्ट और बैलेस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट के साथ शुरू किया गया, तब पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि प्रार्थी झूठ बोल रहा है. यह पूरा षड्यंत्र किसी और के द्वारा रचा गया है. शुरू में मेडिकल रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट नहीं था कि गोली चली है या नहीं.
दो-तीन दिन तक पूरा मामला उलझा रहा और सभी कंफ्यूज थे. लेकिन पुलिस के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया कि गोली चली थी.
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इस तरह हुआ पुलिस को शक, फिर सामने आया सच
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जानकारी आईजी रतनलाल डांगी को भी पुलिस ने दिया और आवश्यक निर्देश प्राप्त किये. विशेष टीम का गठन किया गया. जांच में पुलिस ने पाया कि प्रार्थी सुमित चौधरी के पास एक लाल रंग की कार है, जिसमें कि वह हमेशा आना-जाना करता है. लेकिन घटना के दिन वह अपनी बुलेट से आया था. घटनास्थल से कुसमुंडा थाना बेहद नजदीक था, बावजूद इसके थाना ना जाकर सीधे एसपी को सूचना दी गई. पुलिस को यहां भी शक हुआ कि बिलासपुर जाते वक्त वह बिना काम घटनास्थल पर क्यों पहुंचा?
बिलासपुर का रहने वाला है साजिद खान
मामले में जिन पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया, उनसे भी तस्दीक कर पुलिस ने घटना की प्रमाणिकता को उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर परखा. पुलिस ने पाया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है और सुमित चौधरी एक मोहरा मात्र है. पर्दे के पीछे से कोई और खेल खेल रहा है. पुलिस को यह पता चला कि प्रार्थी सुमित चौधरी की जान पहचान डीजल माफिया साजिद खान और गोपू पांडे के गैंग से है. साजिद खान बिलासपुर निवासी है, जिसे हाल ही में कोरबा पुलिस ने निगरानीशुदा गुंडा बदमाश की लिस्ट में डाला है. जबकि गोपू पांडे कोरबा जिले के पुरानी बस्ती का रहने वाला है. अभी पता चला कि गोपू पांडे रायपुर जेल में बंद चीना पांडे का मुख्य शागिर्द है, जो साजिद खान का करीबी रहा है. वर्तमान में गोपू चीना पांडे के मोबाइल का भी उपयोग कर रहा है.
गैंग की कुंडली बनाकर पुलिस ने सघनता से की जांच
पुलिस ने पूरे गैंग की कुंडली बनाई और सघनता से जांच की, इस दौरान पुलिस का शक पुख्ता होता चला गया. पुलिस के संज्ञान में यह बात आई कि सुमित चौधरी और दूज राम साहू के साथ मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सूनमक लड़का भी देखा गया था. मुस्तकीम को भी हिरासत में लिया गया और पूछताछ शुरू की गई. मुस्तकीम खान ज्यादा देर तक टिक नहीं सका और पुलिस के सामने सच्चाई बयान कर दिया. मुस्सू ने 1 लाख की सुपारी लेकर गोली चलाने की बात स्वीकार कर ली.
20 लाख रुपए ऐंठने के लिए रची थी पूरी साजिश
पुलिस की जांच में अब मुस्तकीम खान एक अहम कड़ी बनकर सामने आया, जिसने पुलिस को बताया कि वह पूर्व में साजिद खान के साथ मिलकर कुसमुंडा खदान में डीजल चोरी का काम करता था, लेकिन चार-पांच महीनों से डीजल चोरी का काम बंद है. इससे साजिद खान बौखलाया हुआ है. उसने यह भी बताया कि अशरफ खान, राजा खान और अभिषेक का साजिद खान से पूर्व का लेनदेन का विवाद है और अशरफ वापस नहीं कर रहा है. इसके बाद साजिद खान ने अपने साथी कमल अग्रवाल, कोमल पटेल, कालीचरण, गौरव ठाकुर, अभिषेक, सुमित चौधरी व मुस्सू के साथ मिलकर इस पूरी साजिश रची, यह तय हुआ कि इन्हें संगीन जुर्म में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाए. फिर ब्लैकमेल कर रकम की मांग की जाए. अशरफ से 20 लाख रुपए ऐंठने की तैयारी साजिद (Diesel thief gangster Sajid) ने की थी.
लेकिन यह प्लान बीच में ही फेल हो गया. सुमित चौधरी ने गोली खाने के लिए हामी भर दी थी. मुस्तकीम नाम के शातिर चोर को गोली चलाने के लिए 1 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. घटना से 1 दिन पहले भी सुमित और मुस्तकीम घटनास्थल पर पहुंचे थे, लेकिन तब सुमित की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह अपने ही पैर में गोली चलवा ले. इसके बाद वह 28 को दोबारा वहां पहुंचे और पूरी घटना को अंजाम दिया. पूरे प्लान के मुताबिक ही गोली खाने के बाद सुमित अपने साथी दूजराम साहू के साथ बुलेट में बैठकर सर्वमंगला पुल के पास आया और वहीं से पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को फोन लगाकर घटना की सूचना दी.
एसपी ने पूरी टीम को दिया 10 हजार का नगद पुरस्कार, सरगना अभी फरार
पुलिस ने पूरे मामले का मास्टरमाइंड डीजल चोर माफिया साजिद खान को करार दिया है, जिसके साथ गोपू पांडे भी पूरे मामले की व्यूह रचना की थी. पुलिस ने फिलहाल गोली खाने वाले सुमित चौधरी, गोली चलाने मुस्तकिम खान और सुमित के दोस्त दूज राम को ही गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. जबकि मामले का मास्टरमाइंड साजिद खाना पुलिस की पकड़ से दूर है. उनकी तलाश की जा रही है. पुलिस के समक्ष अब भी कई सवाल हैं जिनके जवाब ढूंढने बाकी है. इस पूरे घटना के खुलासे के लिए एसपी ने पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम दिया है. यहां हैरानी वाली बात नहीं होगी कि इस मामले में आगे और भी चौंकाने वाले खुलासे होंगे. इस पूरी घटना को डीजल चोरी और डीजल चोर गैंग के मध्य वर्चस्व की लड़ाई के तौर पर भी देखा जा रहा है.