कोरबा: लॉकडाउन के बाद शुरू हुए वाहनों में भले ही यात्रियों का अतापता नहीं है, लेकिन यातायात और परिवहन विभाग की जांच पड़ताल पूरी रफ्तार से चल रही है. वाहनों के जांच के दौरान एक यात्री बस संचालक पर 46 हजार पेनाल्टी लगाए जाने की बात को लेकर मौके पर जमकर बहस जैसी स्थिति निर्मित हो गई. बस संचालक ने ट्रांसपोर्टर अधिकारी पर हजारों रुपये की मांग करने का आरोप लगाया है. जबकि अधिकारी का कहना है कि नियमों के अंतर्गत पेनाल्टी लगाई गई है.
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कोरोना संक्रमण की वजह से ही मार्च से नवंबर तक यात्री वाहन के आवाजाही थमी रही. सरकार ने बस संचालकों को संचालन की परमिशन दे दी है. इसके बाद यात्रियों की कम संख्या होने की वजह से बस संचालकों के खर्च नहीं निकलने की शिकायत सामने आ रही थी. तमाम समस्याओं के बाद भी संचालकों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. कोरबा शक्ति मार्ग पर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने संयुक्त जांच अभियान चलाया. इस दौरान एक बस संचालक पर परमिट नहीं होने की वजह से 46 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाई गई. जिसके बाद से संचालक केसर स्वामी और परिवहन विभाग के उप निरीक्षक ज्योति भूषण के बीच जमकर बहसबाजी होने लगी.
ऑनलाइन पेमेंट करनी होगी पेनल्टी
बस संचालक का कहना है कि समस्या के दौर में इतनी बड़ी राशि आखिर वह कहां दे सकेंगे. उनके पास 2 बस है. लेकिन अभी फिलहाल एक ही बस चल रही है. बस ऑपरेटर ने यह भी आरोप लगाया कि विभिन्न परीक्षाओं और शासकीय काम के लिए आधी रात को बस बुलाते हैं और विभिन्न स्थानों के लिए रवाना कर दी जाती है उस समय प्रशासन किसी भी पेपर की मांग नहीं की जाती है. जबकि यातायात के उपनिरीक्षक ज्योति भूषण ने आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया और बताया कि नियमों के तहत पेनाल्टी की गई है, जो उसे ऑनलाइन पेमेंट करना है. उप निरीक्षक ज्योति भूषण ने यह भी बताया कि सभी वाहनों की जांच की जा रही है और समझाइश देखकर छोड़ दिया जा रहा है.