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सर्पदंश की घटना में देरी और अंधविश्वास मरीजों के लिए हो सकती है जानलेवा - snake bite case in katghora

सर्पदंश से होने वाली मौत पर डॉक्टर का कहना है कि यदि मरीज को समय पर उचित इलाज मिले तो उन्हें बचाया जा सकता है. लेकिन देरी और अंधविश्वास के कारण मरीज की जान चली जाती है.

katghora
कोरबा
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Published : Jul 29, 2020, 8:44 PM IST

कटघोरा : बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं. आए दिन घरों और खेतों में सांप के डंसने से ग्रामीणों की मौत हो रही है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और देरी से अस्पताल जाने के कारण भी ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है. यदि उन्हें समय पर उचित इलाज मिले तो मरीज को बचाया जा सकता है.

सर्पदंश के मामले में न करें देरी

विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार 15 दिनों में कटघोरा के आठ लोगों को सांप ने काटा. इसमें से अभी तीन दिनों में 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अभी भी तीन लोग जिंदगी के लिए रिम्स में जूझ रहे हैं. कटघोरा सीएससी के डॉक्टर लाल कटघोरा ने बताया कि बारिश शुरू होते ही सांपो का निकलना शुरू हो जाता है. इसमें से कई सांप जहरीले होते हैं. जिनके काटने से लोगों की स्थिति गंभीर हो जाती है.

पढ़ें : SPECIAL: सांपों को मारें नहीं बचाएं, 'पर्यावरण को संतुलित रखने में है इनका अहम योगदान'

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास मौत का कारण

बरसात के मौसम में कटघोरा में सर्पदंश से सोमवार को दूसरी मौत हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल का न होना भी मौत का एक प्रमुख कारण है. जहां समय पर मरीज को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है और लोग पहले झाड़फूक पर ज्यादा विश्वास करते हुए समय पर मरीज को अस्पताल नहीं लेकर पंहुच पाते हैं. इन कारणों के कारण भी मरीज का उचित इलाज नहीं हो पाता है और उनकी मौत हो जाती है. जबकि कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम मौजूद हैं. सभी प्रकार की व्यवस्था भी उपलब्ध है.

कोरबा में पाए जाते हैं सबसे ज्यादा जहरीले सांप
कोरबा में सामान्य तौर पर मिलने वाले धमना के साथ ही कोबरा, अजगर, डोमी, करैत के साथ ही कुछ दुर्लभ प्रजाति के सांप भी पाए जाते हैं. इसकी सूचना वन विभाग को भी है, हालांकि सांपों के संरक्षण के लिए उस तरह के प्रशासनिक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं, जैसा कि जिले में सांपों की संख्या को देखते हुए जरूरत है.

कटघोरा : बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं. आए दिन घरों और खेतों में सांप के डंसने से ग्रामीणों की मौत हो रही है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और देरी से अस्पताल जाने के कारण भी ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है. यदि उन्हें समय पर उचित इलाज मिले तो मरीज को बचाया जा सकता है.

सर्पदंश के मामले में न करें देरी

विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार 15 दिनों में कटघोरा के आठ लोगों को सांप ने काटा. इसमें से अभी तीन दिनों में 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अभी भी तीन लोग जिंदगी के लिए रिम्स में जूझ रहे हैं. कटघोरा सीएससी के डॉक्टर लाल कटघोरा ने बताया कि बारिश शुरू होते ही सांपो का निकलना शुरू हो जाता है. इसमें से कई सांप जहरीले होते हैं. जिनके काटने से लोगों की स्थिति गंभीर हो जाती है.

पढ़ें : SPECIAL: सांपों को मारें नहीं बचाएं, 'पर्यावरण को संतुलित रखने में है इनका अहम योगदान'

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास मौत का कारण

बरसात के मौसम में कटघोरा में सर्पदंश से सोमवार को दूसरी मौत हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल का न होना भी मौत का एक प्रमुख कारण है. जहां समय पर मरीज को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है और लोग पहले झाड़फूक पर ज्यादा विश्वास करते हुए समय पर मरीज को अस्पताल नहीं लेकर पंहुच पाते हैं. इन कारणों के कारण भी मरीज का उचित इलाज नहीं हो पाता है और उनकी मौत हो जाती है. जबकि कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम मौजूद हैं. सभी प्रकार की व्यवस्था भी उपलब्ध है.

कोरबा में पाए जाते हैं सबसे ज्यादा जहरीले सांप
कोरबा में सामान्य तौर पर मिलने वाले धमना के साथ ही कोबरा, अजगर, डोमी, करैत के साथ ही कुछ दुर्लभ प्रजाति के सांप भी पाए जाते हैं. इसकी सूचना वन विभाग को भी है, हालांकि सांपों के संरक्षण के लिए उस तरह के प्रशासनिक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं, जैसा कि जिले में सांपों की संख्या को देखते हुए जरूरत है.

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