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लोकसभा चुनाव: जोगी कांग्रेस-बसपा गठबंधन में दरार ! - जोगी कांग्रेस

जोगी कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ताओं में अनबन और फूट की खबरें आ रही हैं. इसकी बानगी मंगलवार को भी देखने को मिली. जब बसपा के प्रत्याशी के नामांकन रैली से जोगी कांग्रेस के नेता नदारद दिखे.

Jogi Congress-BSP alliance
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Published : Apr 4, 2019, 1:15 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 10:52 PM IST

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कोरबा: छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस और बसपा के आला नेता गठबंधन का राग अलाप रहे हैं, लेकिन कोरबा के कार्यकर्ताओं में गठबंधन जैसा कुछ भी नहीं दिख रहा है. यहां जोगी कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ताओं में अनबन और फूट की खबरें आ रही हैं. इसकी बानगी मंगलवार को भी देखने को मिली. जब बसपा के प्रत्याशी के नामांकन रैली से जोगी कांग्रेस के नेता नदारद दिखे.

गठबंधन की नैतिकता पर सवाल
इससे पहले भी गठबंधन के नेताओं से बिना बात किये ही प्रत्याशी का ऐलान करना और बैठक बुला लेना, गठबंधन की नैतिकता पर सवाल उठा रहे थे. अब नामांकन रैली में गठबंधन के नेताओं की गैर-मौजूदगी इस सवाल को और वाजिब बना रही है.

कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
इस बीच खबरें ये भी आई कि, जोगी कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके पीछे गठबंधन से नाराजगी बताई गई. इस बीच अजीत जोगी का कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान और बाद में मैदान से हट जाना भी गठबंधन को कठघरे में खड़ा कर रहा है. जमीनी स्तर पर जोगी कांग्रेस के लिए काम कर रहे कार्यकर्ता बताते हैं कि, कोरबा के सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि अजीत जोगी कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ें, लेकिन उनका मैदान से पीछे हट जाना उनके लिए झटका है.

जोगी की सीट से बपसा के प्रत्याशी
पहले अजीत जोगी ने कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ दिनों पहले ही वे अपने बयान से पलट गए और मंगलवार को बसपा के प्रत्याशी परमीत सिंह ने कोरबा से लोकसभा के लिए नामांकन भर दिया. नामांकन भरने पहुंचे बसपा प्रत्याशी परमीत सिंह ने शक्ति प्रदर्शन के लिए एक रैली भी निकाली, जिसमें जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं दिखे. इसपर, जोगी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीप नारायण सोनी का कहना है कि, 'पार्टी के अंतिम फैसले के लिए वे रायपुर में थे, इसलिए उनके कार्यकर्ताओं को बसपा के नामांकन की जानकारी नहीं थी.' सोनी ने कहा कि, 'ये चुनावी मेला है इसलिए लोग आते-जाते रहेंगे और कुछ नाराज भी रहेंगे. इससे गठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.'

बसपा की रैली से जोगी कांग्रेस नदारद
अब सवाल यह भी उठता है कि, जब कोरबा शहर में रैली निकाली गई, तो जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी कैसे नहीं हुई. इसके अलावा बसपा प्रत्यासी के नामांकन भरने की जानकारी वहीं से स्थानीय अखबारों और न्यूज चैनलों में भी प्रकाशित की गई थी. अजीत जोगी का कोरबा लोकसभा सीट से नहीं लड़ना और बसपा प्रत्याशी को मैदान में उतरना गठबंधन पर सवाल उठा रहे हैं.

'कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता'
जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन की दरार कांग्रेस को भी दिखाई दे रही है. कांग्रेस शहर अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद ने बताया कि, 'इस गठबंधन से नाराज पार्टी के कई बड़े पदाधिकारियों ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. इसका मतलब साफ है कि, उनके कार्यकर्ता इस गठबंधन से खुश नहीं हैं.' किशोर ने कहा कि, 'विधानसभा चुनाव में जिस तरह कोरबा में गठबंधन का सफाया हुआ है, लोकसभा में भी हाल कुछ वैसा ही है. अजीत जोगी चुनाव लड़ते भी तो कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता.'

बीजेपी भी नहीं मान रही चुनौती
इधर, कांग्रेस की तरह बीजेपी ने भी गठबंधन को चुनौती मानने से इनकार कर दिया है. बीजेपी का कहना है कि, 'कोरबा लोकसभा में सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि गठबंधन से कौन चुनाव लड़ रहा है.'

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कोरबा: छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस और बसपा के आला नेता गठबंधन का राग अलाप रहे हैं, लेकिन कोरबा के कार्यकर्ताओं में गठबंधन जैसा कुछ भी नहीं दिख रहा है. यहां जोगी कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ताओं में अनबन और फूट की खबरें आ रही हैं. इसकी बानगी मंगलवार को भी देखने को मिली. जब बसपा के प्रत्याशी के नामांकन रैली से जोगी कांग्रेस के नेता नदारद दिखे.

गठबंधन की नैतिकता पर सवाल
इससे पहले भी गठबंधन के नेताओं से बिना बात किये ही प्रत्याशी का ऐलान करना और बैठक बुला लेना, गठबंधन की नैतिकता पर सवाल उठा रहे थे. अब नामांकन रैली में गठबंधन के नेताओं की गैर-मौजूदगी इस सवाल को और वाजिब बना रही है.

कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
इस बीच खबरें ये भी आई कि, जोगी कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके पीछे गठबंधन से नाराजगी बताई गई. इस बीच अजीत जोगी का कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान और बाद में मैदान से हट जाना भी गठबंधन को कठघरे में खड़ा कर रहा है. जमीनी स्तर पर जोगी कांग्रेस के लिए काम कर रहे कार्यकर्ता बताते हैं कि, कोरबा के सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि अजीत जोगी कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ें, लेकिन उनका मैदान से पीछे हट जाना उनके लिए झटका है.

जोगी की सीट से बपसा के प्रत्याशी
पहले अजीत जोगी ने कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ दिनों पहले ही वे अपने बयान से पलट गए और मंगलवार को बसपा के प्रत्याशी परमीत सिंह ने कोरबा से लोकसभा के लिए नामांकन भर दिया. नामांकन भरने पहुंचे बसपा प्रत्याशी परमीत सिंह ने शक्ति प्रदर्शन के लिए एक रैली भी निकाली, जिसमें जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं दिखे. इसपर, जोगी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीप नारायण सोनी का कहना है कि, 'पार्टी के अंतिम फैसले के लिए वे रायपुर में थे, इसलिए उनके कार्यकर्ताओं को बसपा के नामांकन की जानकारी नहीं थी.' सोनी ने कहा कि, 'ये चुनावी मेला है इसलिए लोग आते-जाते रहेंगे और कुछ नाराज भी रहेंगे. इससे गठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.'

बसपा की रैली से जोगी कांग्रेस नदारद
अब सवाल यह भी उठता है कि, जब कोरबा शहर में रैली निकाली गई, तो जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी कैसे नहीं हुई. इसके अलावा बसपा प्रत्यासी के नामांकन भरने की जानकारी वहीं से स्थानीय अखबारों और न्यूज चैनलों में भी प्रकाशित की गई थी. अजीत जोगी का कोरबा लोकसभा सीट से नहीं लड़ना और बसपा प्रत्याशी को मैदान में उतरना गठबंधन पर सवाल उठा रहे हैं.

'कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता'
जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन की दरार कांग्रेस को भी दिखाई दे रही है. कांग्रेस शहर अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद ने बताया कि, 'इस गठबंधन से नाराज पार्टी के कई बड़े पदाधिकारियों ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. इसका मतलब साफ है कि, उनके कार्यकर्ता इस गठबंधन से खुश नहीं हैं.' किशोर ने कहा कि, 'विधानसभा चुनाव में जिस तरह कोरबा में गठबंधन का सफाया हुआ है, लोकसभा में भी हाल कुछ वैसा ही है. अजीत जोगी चुनाव लड़ते भी तो कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता.'

बीजेपी भी नहीं मान रही चुनौती
इधर, कांग्रेस की तरह बीजेपी ने भी गठबंधन को चुनौती मानने से इनकार कर दिया है. बीजेपी का कहना है कि, 'कोरबा लोकसभा में सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि गठबंधन से कौन चुनाव लड़ रहा है.'

Intro:JCCJ और बसपा के आला नेता गठबंधन का राग अलाप रहे हैं। लेकिन कोरबा लोकसभा में गठबंधन की सुस्त पड़ा हुआ है। JCCJ और बसपा में अनबन और फूट साफ तौर पर दिख रहा है। मंगलवार को बसपा प्रत्याशी के नामांकन रैली और शक्ति प्रदर्शन से JCCJ के नेता नदारद दिखाई दिए।


Body:कभी बिना बातचीत के टिकट का एलान करना, कभी बिना बातचीत के बैठक आयोजित करना और तमाम तरह के अजीबोगरीब घटनाक्रम JCCJ और बसपा गठबंधन की नैतिकता पर सवाल खड़े करते रहे हैं। यही कारण है कि हर प्रेस वार्ता और मीडिया से बातचीत में गठबंधन की एकजुटता पर सवाल किए जाते हैं। अब गठबंधन में एकजुटता की कमी और फूट अब सामने दिखने लगी है।
JCCJ के कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी जिसमें बसपा से गठबंधन एक बड़ा कारण रहा। दूसरी ओर अजीत जोगी द्वारा पहले कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ने का एलान करना और फिर अपने ही बयान से पलट जाना दूसरा कारण रहा। कोरबा में टिकट की माथापच्ची को लेकर JCCJ के कार्यकर्ता भी रुष्ट नज़र आए। सबकी इच्छा थी अजीत जोगी गठबंधन के प्रत्याशी बन कर मैदान में उतरें लेकिन कार्यकर्ताओं की ख्वाहिश अधूरी रह गई।
जब मंगलवार को बसपा ने नामांकन रैली निकाली और शक्ति प्रदर्शन किया तो JCCJ के कार्यकर्ता मौजूद नहीं थे। इस पर JCCJ के जिला अध्यक्ष दीप नारायण सोनी ने बताया कि गठबंधन बिल्कुल मजबूत है और फूट जैसी कोई बात नहीं है। सोनी ने बताया कि पार्टी के अंतिम फैसले के लिए वे रायपुर में थे इसलिए उनके कार्यकर्ताओं को बसपा के नामांकन की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ये चुनावी मेला है इसलिए लोग आते जाते रहेंगे और कुछ नाराज़ भी रहेंगे। इससे गठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
अब सवाल यह उठता है कि कोरबा शहर में रैली निकाली गई तो कैसे कार्यकर्ताओं को जानकारी नहीं थी। बसपा के नामांकन दाखिल की जानकारी अखबारों और न्यूज़ चैनलों में भी प्रकाशित हुई थी। अजीत जोगी का कोरबा लोकसभा सीट से नहीं लड़ना और बसपा प्रत्याशी को मैदान में उतारने की नाराजगी मालूम होती है।
JCCJ और बसपा के गठबंधन की दरार कांग्रेस को भी दिखाई दे रही है। कांग्रेस शहर अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद ने कहा कि इस गठबंधन से रुष्ट होकर कई बड़े पदाधिकारियों ने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ली है। इसका मतलब साफ है कि उनके कार्यकर्ता इस गठबंधन से नाखुश हैं। विधानसभा चुनाव में जिस तरह गठबंधन का सफाया कोरबा में हुआ था उसी तरह लोकसभा में भी होगा। अजीत जोगी चुनाव लड़ते भी तो भी हमें फर्क़ नहीं पड़ता।
कांग्रेस की तरह भाजपा ने भी गठबंधन को चुनौती मानने से इनकार कर दिया है। भाजपा का कहना है कि कोरबा लोकसभा में सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि गठबंधन से कौन चुनाव लड़ रहा है।


Conclusion:
Last Updated : Apr 4, 2019, 10:52 PM IST
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