कोरबा: कोरोना वायरस का असर न्यायपालिका पर भी पड़ा है. 31 मार्च तक के लिए न्यायालय की रूटीन वर्क पर रोक लग गई है. केवल आवश्यक प्रकरणों की ही सुनवाई की जाएगी. गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश बिहारी घोरे ने स्वयं मीडिया के सामने आकर इसकी जानकारी दी. साथ ही न्यायाधीश घोरे ने कोरोना से जंग के लिए आवश्यक इंतजामों की भी जानकारी दी.
न्यायाधीश राकेश बिहारी घोरे ने बताया कि 'उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में जिला एवं सत्र न्यायालय के साथ ही करतला, पाली और कटघोरा में स्थापित निचली अदालतों में भी केवल उन्हीं प्रकरणों को सुना जाएगा, जो आवश्यक श्रेणी में है. न्यायालय अपने स्तर पर यह फैसला लेगा कि किन प्रकरणों को सुना जाना बेहद आवश्यक है. जरूरत पड़ने पर बंदियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी कराई जाएगी.'
न्यायालय में भी कोरोना का मंडरा रहा साया
न्यायाधीश ने यह भी बताया कि जिला न्यायालय के सभी कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर दिए गए हैं. न्यायालय में प्रवेश करने वाले आम लोगों के लिए भी सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. न्यायाधीश ने लोगों से भी अपील की है कि सभी निर्देशों का पालन करें और जागरूक रहें.