कोरबाः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) द्वारा राज्य और जिलों के कांग्रेस पदाधिकारियों में फेरबदल (Congress office bearers reshuffle) की गई है. ऐसे में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (Congress General Secretary KC Venugopal) ने इसकी सूची बीते दिन जारी की है. वहीं, इसका असर कोरबा (Korba) में देखने को मिला.
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Revenue Minister Jaisingh Agarwal) के करीबी और शहर के पार्षद सुरेंद्र प्रताप जायसवाल (Councilor Surendra Pratap Jaiswal) को ग्रामीण जिला अध्यक्ष (Rural district president) बना दिया गया है. बताया जा रहा है कि पालितानाखार के विधायक मोहित राम केरकेट्टा (Palitana Khar MLA Mohit Ram Kerketta) अब तक ग्रामीण जिलाध्यक्ष (Rural district president) की जवाबदेही संभाल रहे थे. फिलहाल केरकेट्टा दिल्ली दौरे वाले विधायकों (Kerketta MLAs visiting Delhi) के साथ दिल्ली में ही हैं. लेकिन यहां उनका पत्ता काट दिया गया है. ग्रामीण जिला अध्यक्ष पद से कांग्रेस हाईकमान (Congress high command) ने उनकी छुट्टी कर दी है. इस फेरबदल से कई तरह के मायने भी निकाले जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, 4 उपाध्यक्ष समेत कई पदों पर हुए बदलाव
नए पदाधिकारियों को पार्टी एवं समर्थकों ने शुभकामनाएं
बता दें कि सीधे आल इंडिया कांग्रेस कमेटी से जारी सूची में भिलाई शहर अध्यक्ष के पद पर मुकेश चंद्राकर, कोरबा ग्रामीण अध्यक्ष के लिए सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल, बिलासपुर शहर विजय पांडेय और जांजगीर-चांपा जिले के लिए राघवेन्द्र सिंह को नियुक्त किया गया है.इन नियुक्तियों के साथ ही नए पदाधिकारियों को पार्टी एवं समर्थकों ने शुभकामनाएं दी है.
निर्वाचित पार्षद हैं सुरेंद्र प्रताप जायसवाल
सुरेंद्र जायसवाल नगर पालिका निगम क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 4 से नगर पालिक निगम कोरबा के पार्षद हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी वह सचिव हैं. पिछले निगम चुनावों में जब पार्षद को ही महापौर बनाने का नियम बना. तब इस संशोधित के बाद कई हाईप्रोफाइल नेताओं ने भी पार्षद का चुनाव लड़ा, सुरेंद्र जायसवाल भी महापौर की कुर्सी के दावेदार थे और वह पार्षद का चुनाव न सिर्फ लड़े बल्कि जीत कर आए, लेकिन बाद में राजकिशोर प्रसाद को महापौर की कुर्सी मिली जो कि राजस्व मंत्री के बेहद खास हैं. अब कांग्रेसी शासन के लगभग 3 साल बाद सुरेंद्र जायसवाल को ग्रामीण जिला अध्यक्ष बना दिया गया है. जो कि शहरी क्षेत्र के ना सिर्फ निवासी हैं बल्कि नगर पालिक निगम के पार्षद भी हैं. इससे ग्रामीण पदाधिकारियों में कहीं ना कहीं असंतोष जरूर पनप रहा है.
संयुक्त बैठक में नहीं आए थे केरकेट्टा
बता दें कि बीते 25 सितंबर को शहर के पंचवटी विश्राम गृह में जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण की बैठक रखी गई थी. जहां पाली तानाखार विधायक और ग्रामीण अध्यक्ष मोहित केरकेट्टा नहीं पहुंचे थे. चर्चा यह थी कि यह बैठक एक विशेष गुट की है. जिससे केरकेट्टा ने जानबूझकर दूरी बना ली, जबकि उन्हें पहले ही आमंत्रण भेजा गया था. वहीं बैठक में कांग्रेसियों ने जमकर बवाल काटा था. साथ ही पुलिस प्रशासन पर कांग्रेसियों को परेशान करने का आरोप लगाया था.
कांग्रेसियों के निंदा प्रस्ताव से केरकेट्टा रहे दूर
हालांकि जिसके अगले दिन केरकेट्टा ने ग्रामीण पदाधिकारियों की बैठक कटघोरा में ली जिसमें, कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी शामिल रहे. इन घटनाक्रमों के बाद 2 अक्टूबर को केरकेट्टा को जिले के ग्रामीण जिलाध्यक्ष के पद से हटाकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने सुरेंद्र जायसवाल को ग्रामीण जिला अध्यक्ष बना दिया. हालांकि केरकेट्टा सीएम भूपेश बघेल के करीबी के तौर पर देखे जाते हैं.
फिलहाल दिल्ली में है केरकेट्टा
मोहितराम केरकेट्टा उन 14 विधायकों के दल में शामिल हैं. जिनके विषय में यह चर्चा है कि वह 60 विधायकों का समर्थन सीएम भूपेश बघेल के पक्ष में लेकर हाईकमान से मुलाकात करने दिल्ली दौरे पर हैं.केरकेट्टा फिलहाल दिल्ली में ही हैं, और उन्हें जिला अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है.