कोरबाः कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। बीते 3 दिनों में संक्रमितों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है. इससे पहले कोरोना के 34 पॉजिटिव एक साथ मिले थे. जिससे स्वास्थ विभाग व प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी. स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया है कि जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है. ऑक्सीजन बेड के साथ ही पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड भी तैयार किया गया है
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर तेजी से काम किया जा रहा है. हर दिन लगभग दो हजार लोगों की कोरोना जांच की जा रही हैं. संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान, प्रोटोकॉल का पालन और आवश्यकता होने पर उनकी जांच कराई जा रही है. तीसरी लहर के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के संक्रमित होने की संभावना जताई गई है. विशेषज्ञों के इस संभावना को ध्यान में रखते हुए जिले में कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं. ईएसआईसी विशेष कोविड अस्पताल में संक्रमित बच्चों के ईलाज के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू बनाया गया है.
4 लाख से अधिक लोग ले चुके हैं वैक्सीन का पहला डोज
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीबी बोडे ने बताया कि प्रतिदिन आरटीपीसीआर के 500, एन्टीजन के एक हजार 100 और ट्रु-नाट के 300 सैम्पलों की जांच की जा रही है. एक्टिव सर्विलेंस दलों द्वारा घर-घर जाकर सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों की पहचान का काम हो रहा है. सीएमएचओ ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं. कोरोना टीकाकरण का काम भी तेजी से किया जा रहा है. जिले में चार लाख 36 हजार 420 लोगों को कोविड टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है. एक लाख 26 हजार 619 लोगों ने कोरोना से बचने के लिए कोरोना टीके की दूसरी डोज भी लगवा ली है.