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अनुमानित से ज्यादा रेत का हो रहा भंडारण, ज्यादा कीमत पर रेत खरीदने को मजबूर हुए लोग

कोरबा में अवैध रेत उत्खनन का काम लगातार जारी है. ठेकेदार प्रतिबंधित अवधि में नदी से रेत निकालने का काम कर रहे हैं. खनिज विभाग को जांच में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है. खनिज विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि ऊंचे दाम पर रेत मिलने की मौखिक शिकायतें मिली हैं, लेकिन लिखित शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है

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Published : Aug 3, 2021, 11:38 AM IST

Updated : Aug 3, 2021, 2:32 PM IST

Contractors are storing sand in large quantities in Korba
रेत का भंडारण

कोरबा : मानसून के सीजन में रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. 10 जून से ही प्रतिबंध प्रभावशील हो चुका है. मानसून के बाद रेत घाटों से रेत का उत्खनन फिर से शुरू किया जाएगा. इस बीच रेत ठेकेदार खाली जगहों पर रेत भंडारण की अनुमति ले लेते हैं. इन्हें निर्धारित मात्रा में ही रेत भंडारन की अनुमति होती है, लेकिन वर्तमान में रेत ठेकेदार मनमानी करते हुए अधिक मात्रा में रेत का भंडारण कर रहे हैं. मौका पाकर ये ठेकेदार प्रतिबंधित अवधि में नदी से रेत का उत्खनन भी कर रहे हैं. हालांकि विभाग ने इस तरह की बात से साफ इनकार किया है और कहा कि जांच में अधिक रेत भंडारण नहीं पाया गया है.

रेत भंडारण


शहर में 2 स्थानों पर भंडारण की अनुमति दी गई है. गेरवा घाट रेत खदान और सीतामणी में रेत के ऊंचे टीले बनाकर ठेकेदारों ने रेत का भंडारण किया है. सीतामणी में नदी के समीप ही रेत का भंडारण कर दिया गया है. जिसकी विभाग ने जांच भी की थी. नियमानुसार रेत घाट के 100 मीटर की दूरी पर ही रेत का भंडारण किया जा सकता है. इस तरह कनकी रोड के अलावा पसान जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी खनिज विभाग ने रेत के भंडारण को अनुमति दी है. सीतामणी के साथ ही अन्य रेत भंडारण की अनुमति से ज्यादा भंडारण की शिकायतें भी खनिज विभाग को प्राप्त हुई हैं, लेकिन जांच में विभाग को गड़बड़ी नहीं मिली है.

कोरबा में रानी अटारी भूमिगत खदान के सामने ग्रामीणों का प्रदर्शन, प्रबंधन ने दिया लिखित आश्वासन


रेत खदान के समीप ही भंडारण की आड़ में कई बार ठेकेदार भंडारण के बजाए सीधे नदी से रेत ट्रैक्टर में लोड कर देते हैं और विभाग की आंखों में धूल झोंकते हैं.
विभाग जब तक जांच करने पहुंचता है तब तक ट्रैक्टर भंडारण के समीप पहुंच चुका होता है, या निशान मिटा दिए जाते हैं. इससे विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कोई प्रमाण नहीं मिल पाता.

3 हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर तक वसूल रहे ठेकेदार

ठेकेदारों के लिए प्रति ट्रैक्टर रॉयल्टी की दर 491 रुपये निर्धारित है. इसमें लोडिंग के लिए मजदूरों का मेहनत भी शामिल होता है. लेकिन आम लोग जो अपने मकान या अन्य निर्माण कार्य करवा रहे हैं. उन्हें 3000 से 5000 रुपये प्रति ट्रैक्टर की कीमत पर रेत खरीदना पड़ रहा है. मानसून के मौसम में भंडारण से ही रेत प्रदाय किया जाता है, स्टॉक सीमित होता है. ठेकेदार इसका फायदा उठाते हैं और आम लोगों को जेब ढीली करनी होती है.

खनिज विभाग के उपसंचालक एसएस नाग का कहना है कि निर्धारित मात्रा से अधिक बंधारण के साथ ही अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली थी. शहर के कुछ रेत घाटों की जांच की गई है. जांच में लापरवाही नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर फिर से जांच कराएंगे. फिलहाल भंडारा उतना ही है, जितना की रेत ठेकेदारों को अनुमति दी गई है.

खनिज विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि ऊंचे दाम पर रेत मिलने की मौखिक शिकायतें मिली हैं, लेकिन लिखित शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे.

कोरबा : मानसून के सीजन में रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. 10 जून से ही प्रतिबंध प्रभावशील हो चुका है. मानसून के बाद रेत घाटों से रेत का उत्खनन फिर से शुरू किया जाएगा. इस बीच रेत ठेकेदार खाली जगहों पर रेत भंडारण की अनुमति ले लेते हैं. इन्हें निर्धारित मात्रा में ही रेत भंडारन की अनुमति होती है, लेकिन वर्तमान में रेत ठेकेदार मनमानी करते हुए अधिक मात्रा में रेत का भंडारण कर रहे हैं. मौका पाकर ये ठेकेदार प्रतिबंधित अवधि में नदी से रेत का उत्खनन भी कर रहे हैं. हालांकि विभाग ने इस तरह की बात से साफ इनकार किया है और कहा कि जांच में अधिक रेत भंडारण नहीं पाया गया है.

रेत भंडारण


शहर में 2 स्थानों पर भंडारण की अनुमति दी गई है. गेरवा घाट रेत खदान और सीतामणी में रेत के ऊंचे टीले बनाकर ठेकेदारों ने रेत का भंडारण किया है. सीतामणी में नदी के समीप ही रेत का भंडारण कर दिया गया है. जिसकी विभाग ने जांच भी की थी. नियमानुसार रेत घाट के 100 मीटर की दूरी पर ही रेत का भंडारण किया जा सकता है. इस तरह कनकी रोड के अलावा पसान जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी खनिज विभाग ने रेत के भंडारण को अनुमति दी है. सीतामणी के साथ ही अन्य रेत भंडारण की अनुमति से ज्यादा भंडारण की शिकायतें भी खनिज विभाग को प्राप्त हुई हैं, लेकिन जांच में विभाग को गड़बड़ी नहीं मिली है.

कोरबा में रानी अटारी भूमिगत खदान के सामने ग्रामीणों का प्रदर्शन, प्रबंधन ने दिया लिखित आश्वासन


रेत खदान के समीप ही भंडारण की आड़ में कई बार ठेकेदार भंडारण के बजाए सीधे नदी से रेत ट्रैक्टर में लोड कर देते हैं और विभाग की आंखों में धूल झोंकते हैं.
विभाग जब तक जांच करने पहुंचता है तब तक ट्रैक्टर भंडारण के समीप पहुंच चुका होता है, या निशान मिटा दिए जाते हैं. इससे विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कोई प्रमाण नहीं मिल पाता.

3 हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर तक वसूल रहे ठेकेदार

ठेकेदारों के लिए प्रति ट्रैक्टर रॉयल्टी की दर 491 रुपये निर्धारित है. इसमें लोडिंग के लिए मजदूरों का मेहनत भी शामिल होता है. लेकिन आम लोग जो अपने मकान या अन्य निर्माण कार्य करवा रहे हैं. उन्हें 3000 से 5000 रुपये प्रति ट्रैक्टर की कीमत पर रेत खरीदना पड़ रहा है. मानसून के मौसम में भंडारण से ही रेत प्रदाय किया जाता है, स्टॉक सीमित होता है. ठेकेदार इसका फायदा उठाते हैं और आम लोगों को जेब ढीली करनी होती है.

खनिज विभाग के उपसंचालक एसएस नाग का कहना है कि निर्धारित मात्रा से अधिक बंधारण के साथ ही अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली थी. शहर के कुछ रेत घाटों की जांच की गई है. जांच में लापरवाही नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर फिर से जांच कराएंगे. फिलहाल भंडारा उतना ही है, जितना की रेत ठेकेदारों को अनुमति दी गई है.

खनिज विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि ऊंचे दाम पर रेत मिलने की मौखिक शिकायतें मिली हैं, लेकिन लिखित शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे.

Last Updated : Aug 3, 2021, 2:32 PM IST
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