कोरबा: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में देशभर के श्रमिक संगठन इकट्ठा हो गए हैं. कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में श्रमिक संगठन 2 जुलाई से 3 दिवसीय हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं. इस हड़ताल में एटक, एचएमएस, बीएमएस, सीटू और इंटक जैसे प्रमुख श्रमिक संगठन संयुक्त रूप से आंदोलन करेंगे.
आगामी 2 जुलाई से 72 घंटों की हड़ताल की घोषणा होते ही सभी प्रमुख श्रमिक नेता रणनीति बनाने में जुट गए हैं. कोरबा में भी महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन की तैयारी है. श्रमिक नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार कोल ब्लॉक को नीलाम करने की तैयारी कर रही है. देशभर के 41 कोल ब्लॉक की लिस्ट भी जारी कर दी गई है, जिसकी नीलामी प्रस्तावित है. इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ के साथ ही कोरबा जिले के भी 4 कोल ब्लॉक शामिल हैं.
मजदूरों को होगा भारी नुकसान
श्रमिक नेताओं ने 2 जुलाई को प्रस्तावित इस हड़ताल के बारे में केंद्रीय कोयला मंत्री को भी अवगत करा दिया है. श्रमिक संगठनों का कहना है कि वह किसी भी स्तर पर कोल ब्लॉक की नीलामी को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. कमर्शियल माइनिंग से श्रमिकों को सबसे बड़ा डर ये है कि कोल ब्लॉक निजी हाथ में जाने के साथ ही एक बार फिर कोयला उद्योग में काम करने वाले मजदूरों का शोषण शुरू हो जाएगा. कंपनी लाभ कमाने के लिए कोयले की कीमत भी कम कर सकती है. जिसका असर कोल इंडिया से उत्पादित कोयले पर पड़ेगा. श्रमिक नेताओं ने कहा है कि इस हड़ताल में सभी प्रमुख संगठन शामिल होंगे.
![coal company labour will protest from 2 july against commercial mining](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-krb-03-cil-strike-avb-7208587_25062020001207_2506f_00000_674.jpg)
बता दें कि कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर काफी अरसे के बाद अलग-अलग विचारधारा रखने वाले श्रमिक संगठन एक मंच पर आ गए हैं. सभी एक सुर में कमर्शियल माइनिंग का विरोध कर रहे हैं. श्रमिक नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार जब तक कमर्शियल माइनिंग के फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक वे सभी आंदोलन करते रहेंगे.