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सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी ने लगवाया टीका - छत्तीसगढ़ में टीकाकरण

कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए अब टीकाकरण का अभियान पूरे देश में शुरू हो गया है. लेकिन इसी बीच टीके को लेकर लोगों में कुछ चिंताएं हैं. जिसे दूर करने के लिए कोरबा जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी ने पहला टीका लगाया है.

civil surgeon dr arun tiwari got himself vaccinated
सिविल सर्जन ने लगवाया टीका
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Published : Jan 16, 2021, 5:30 PM IST

कोरबा: देश समेत छत्तीसगढ़ में भी टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है. लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां और डर है. जिसे दूर करने और आम लोगों के सामने उदाहरण पेश करने के लिए जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी ने कोरोना का पहला टीका खुद लगवाया. वैक्सीन लगाने के बाद डॉ. अरुण ने कहा कि टीका लगवाकर वे बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से खास बातचीत

टीका लगवाने के बाद डॉ. अरुण ने ETV भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि लोगों के मन से डर निकले और हिचकिचाहट दूर हो इसीलिए हमने सबसे पहले वैक्सीन लगवाई है. वैक्सीन लगवाने के दौरान मेरे मन में तो किसी प्रकार का डर नहीं था.

नहीं है कोई साइड इफेक्ट

डॉ. अरुण ने कहा कि टीका लगवाने के बाद वे ऑब्जर्वेशन रूम में भी वह रुके. उन्होंने कहा कि वे एकदम सामान्य महसूस कर रहे हैं. किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. कोई भी विपरीत असर नहीं है. डॉ. अरुण ने सभी से यह निवेदन किया कि जब भी मौका मिले, टीक लगवाएं. यह बेहद उपयोगी है और इसकी मदद से ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है.

पढ़ें: मिलिए छत्तीसगढ़ में कोरोना टीके का 'श्रीगणेश' करने वालों से

सामान्य वैक्सीन की तरह ही है कोरोना वैक्सीन

डॉ. तिवारी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन भी ठीक वैसी ही हैं. जैसे कि अन्य बीमारियों की वैक्सीन होती है. यदि बुखार आए तो इसका मतलब यह समझ लेना चाहिए कि वैक्सीन असरदार है. यह ठीक तरह से काम कर रही है. सामान्य वैक्सीन की तरह ही सामान्य तौर पर बुखार या खुजली भी हो सकती है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. यह बेहद सामान्य लक्षण हैं.

नीति निर्धारकों का कहा धन्यवाद

कोरोना टीकाकरण के लिए कोरबा जिले में सबसे पहले जिला अस्पताल का चयन किया गया है. यहीं के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे पहले कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. इस संबंध में पूछने पर डॉ. तिवारी का कहना है कि वह नीति निर्धारकों के बेहद आभारी हैं. जिन्होंने कोरोना टीकाकरण के लिए कोरबा जिले में सबसे पहले जिला अस्पताल को चुना.

पुराने दिनों में लौटने की तरफ है पहला कदम

डॉ. अरुण तिवारी ने कहा कि टीकाकरण के बाद से अब सब कुछ पुराने दिनों की तरह ही सामान्य हो जाएगा. पुराने दिनों में लौटने की तरफ यह पहला कदम है. जिला अस्पताल में हर साल ओपीडी की संख्या में 10% की वृद्धि होती है. जो इस साल भी हुई है. हालांकि सामान्य मरीज डर की वजह से अस्पताल नहीं आ रहे थे. अब उनका आना भी शुरू होगा. सब कुछ जल्द ही सामान्य हो जाएगा.

कोरबा: देश समेत छत्तीसगढ़ में भी टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है. लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां और डर है. जिसे दूर करने और आम लोगों के सामने उदाहरण पेश करने के लिए जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी ने कोरोना का पहला टीका खुद लगवाया. वैक्सीन लगाने के बाद डॉ. अरुण ने कहा कि टीका लगवाकर वे बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से खास बातचीत

टीका लगवाने के बाद डॉ. अरुण ने ETV भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि लोगों के मन से डर निकले और हिचकिचाहट दूर हो इसीलिए हमने सबसे पहले वैक्सीन लगवाई है. वैक्सीन लगवाने के दौरान मेरे मन में तो किसी प्रकार का डर नहीं था.

नहीं है कोई साइड इफेक्ट

डॉ. अरुण ने कहा कि टीका लगवाने के बाद वे ऑब्जर्वेशन रूम में भी वह रुके. उन्होंने कहा कि वे एकदम सामान्य महसूस कर रहे हैं. किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. कोई भी विपरीत असर नहीं है. डॉ. अरुण ने सभी से यह निवेदन किया कि जब भी मौका मिले, टीक लगवाएं. यह बेहद उपयोगी है और इसकी मदद से ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है.

पढ़ें: मिलिए छत्तीसगढ़ में कोरोना टीके का 'श्रीगणेश' करने वालों से

सामान्य वैक्सीन की तरह ही है कोरोना वैक्सीन

डॉ. तिवारी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन भी ठीक वैसी ही हैं. जैसे कि अन्य बीमारियों की वैक्सीन होती है. यदि बुखार आए तो इसका मतलब यह समझ लेना चाहिए कि वैक्सीन असरदार है. यह ठीक तरह से काम कर रही है. सामान्य वैक्सीन की तरह ही सामान्य तौर पर बुखार या खुजली भी हो सकती है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. यह बेहद सामान्य लक्षण हैं.

नीति निर्धारकों का कहा धन्यवाद

कोरोना टीकाकरण के लिए कोरबा जिले में सबसे पहले जिला अस्पताल का चयन किया गया है. यहीं के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे पहले कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. इस संबंध में पूछने पर डॉ. तिवारी का कहना है कि वह नीति निर्धारकों के बेहद आभारी हैं. जिन्होंने कोरोना टीकाकरण के लिए कोरबा जिले में सबसे पहले जिला अस्पताल को चुना.

पुराने दिनों में लौटने की तरफ है पहला कदम

डॉ. अरुण तिवारी ने कहा कि टीकाकरण के बाद से अब सब कुछ पुराने दिनों की तरह ही सामान्य हो जाएगा. पुराने दिनों में लौटने की तरफ यह पहला कदम है. जिला अस्पताल में हर साल ओपीडी की संख्या में 10% की वृद्धि होती है. जो इस साल भी हुई है. हालांकि सामान्य मरीज डर की वजह से अस्पताल नहीं आ रहे थे. अब उनका आना भी शुरू होगा. सब कुछ जल्द ही सामान्य हो जाएगा.

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