कोरबा: ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग संस्थागत प्रसव को लेकर संजीदा नहीं हुए हैं, जिसका खामियाजा शुक्रवार को एक परिवार को भुगतना पड़ा. पोड़ी उपरोड़ा ब्लाॅक के बनखेता निवासी 30 वर्षीय रमिता डिलीवरी के लिए अपने मायके मेरई आई थी. परिवार की महिलाओं ने घर पर ही प्रसव कराया. रमिता ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन एक घंटे बाद ही बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद रमिता की भी हालत बिगड़ गई. उसे सीएचसी कटघोरा से मेडिकल काॅलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.
महिला की थी तीसरी डिलीवरी: मामला पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड का है. अस्पताल के मेमो और मृतका के पति उदराज सिंह नेटी के बयान के आधार पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी प्रभारी रविंद्र जनार्दन ने जानकारी दी है. चौकी प्रभारी ने बताया कि "रमिता को 17 मार्च की दोपहर लगभग 3.30 बजे मृत घोषित किया गया. उसकी डिलीवरी उसके मायके गांव मेरई में घर पर हुई थी. रमिता की यह तीसरी डिलीवरी थी. बच्ची पैदा हुई थी, जिसकी घंटे भर में मौत हो गई. रमिता की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले जटगा सरकारी अस्पताल फिर सीएचसी कटघोरा में भर्ती किया गया. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. शनिवार को पीएम कराने के बाद शव घरवालों को सौंप दिया गया."
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महिला को आ रहे थे झटके: समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ रूद्रपाल सिंह कंवर ने बताया कि "जटगा के सरकारी अस्पताल से एक महिला को कटघोरा रेफर किया गया था. उसने बच्ची को जन्म दिया था. जन्म के कुछ देर बाद बच्ची की मौत हो गई थी. इसके बाद महिला को झटके आ रहे थे. कई बार प्रसूताओं को ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ता है. लगातार ब्लीडिंग होने की भी शिकायत थी. घर में डिलीवरी होने के कारण ना कोई जांच हुई थी ना कोई रिपोर्ट उनके पास थी. प्राथमिक तौर पर जो हमसे बना, हमने प्रयास किया और इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया था."