कोरबा : छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति ने 28 जुलाई को धूमधाम से हरेली पर्व मनाने का निर्णय लिया (Hareli festival in Chhattisgarh) है. समिति पिछले 18 वर्ष से हरेली के दिन उत्सव आयोजित करते आ रही है. इस वर्ष भी दर्री-कोरबा मुख्य रोड पर भवानी मंदिर के समीप बने छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर के प्रांगण में उत्सव का आयोजन होगा. जहां कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल (cabinet minister jaisingh agarwal) के साथ ही प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कलाकार दुष्यंत हरमुख (Chhattisgarhi artist Dushyant Harmukh) अपनी प्रस्तुति देंगे. समिति का यह भी दावा है कि "छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के वर्तमान स्वरूप का सबसे पहले उपयोग हमने ही किया था. जिसे अब जाकर सरकार ने भी अपनाया है.''
संस्कृति को बढ़ावा देने वर्षों से प्रयासरत : छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान ने बताया की "हम विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए हमने लगातार सरकार से मांग की है. लेकिन हमें सरकारों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. हमने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को पेटेंट करा कर राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रचलन की बात कही थी. इसके बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने गढ़ कलेवा की शुरुआत की है".
छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति मनाएगी धूमधाम से हरेली - Worship of Chhattisgarhi Mahtari in Hareli festival
छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति ( Chhattisgarh Mahtari Culture Promotion Service Committee) ने हरेली पर्व को धूमधाम से मनाने का निर्मणय लिया है. जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है.
कोरबा : छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति ने 28 जुलाई को धूमधाम से हरेली पर्व मनाने का निर्णय लिया (Hareli festival in Chhattisgarh) है. समिति पिछले 18 वर्ष से हरेली के दिन उत्सव आयोजित करते आ रही है. इस वर्ष भी दर्री-कोरबा मुख्य रोड पर भवानी मंदिर के समीप बने छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर के प्रांगण में उत्सव का आयोजन होगा. जहां कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल (cabinet minister jaisingh agarwal) के साथ ही प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कलाकार दुष्यंत हरमुख (Chhattisgarhi artist Dushyant Harmukh) अपनी प्रस्तुति देंगे. समिति का यह भी दावा है कि "छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के वर्तमान स्वरूप का सबसे पहले उपयोग हमने ही किया था. जिसे अब जाकर सरकार ने भी अपनाया है.''
संस्कृति को बढ़ावा देने वर्षों से प्रयासरत : छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान ने बताया की "हम विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए हमने लगातार सरकार से मांग की है. लेकिन हमें सरकारों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. हमने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को पेटेंट करा कर राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रचलन की बात कही थी. इसके बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने गढ़ कलेवा की शुरुआत की है".