कोरबा: 17 दिसंबर को भूपेश सरकार के दो साल पूरे हो जाएंगे. एक तरफ जहां कांग्रेस अपने दो साल के कार्यकाल को उपलब्धियों भरा बता रही है. वहीं विपक्षी दल सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम कह रही है.
भूपेश सरकार के 2 साल के कार्यकाल पर ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक ननकीराम कंवर से खास बातचीत की. कांग्रेस सरकार के दो साल को कार्यों को लेकर ननकीराम कंवर ने बेबाकी से अपनी बातें रखी.
सवाल- कांग्रेस सरकार के 2 साल के कार्यकाल को विपक्ष किस एक नजर से देखता है?
जवाब- मैंने अपने 50 साल के राजनीतिक करियर में इतनी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी है. इनके पास कुछ भी कर गुजरने की नीयत है. प्रशासन इनके वश में नहीं है. अधिकारी बिना किसी ऊपर के आदेश के इस तरह के निर्णय ले लेते हैं जो कि जनहित में नहीं हैं. धान खरीदी का ही उदाहरण ले लीजिए प्रशासन ने ऐसा आदेश कर दिया कि पटवारी प्रमाण पत्र देगा. अब जो पटवारी खेत तो क्या अपने मुख्यालय में मौजूद नहीं रहता, वह किसान को उत्पादन प्रमाण पत्र बांट रहे हैं. कितनी बड़ी विसंगति है यह, पहले कांग्रेस ने किसानों के खेत का रकबा कम कर दिया और अब उत्पादन में कटौती कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से प्रयास कर रहा हूं मुख्यमंत्री से बात करने के लिए, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. बड़ी मुश्किल से खाद्य मंत्री से बात हुई उन्होंने कहा कि 1 एकड़ में 14 क्विंटल 80 किलो धान की खरीदी होगी. यह हाल है प्रदेश सरकार का. किसान मजबूर हैं, सभी लोग परेशान हैं.
सवाल- कांग्रेस का दावा है कि 2 साल में ही उन्होंने जन घोषणा पत्र के अधिकतर वादों को पूरा कर लिया है?
जवाब- आप मुझे बताइए कि कांग्रेस के किस मंत्री या किस नुमाइंदे ने ऐसा कहा है. मैं जीवन भर गुलामी करूंगा. अगर यह साबित कर दें कि इन्होंने एक भी वादे को पूरा किया है. इन्होंने विधवा पेंशन और वृद्धा पेंशन 1 हजार और डेढ़ हजार करने का वादा किया था. जो कि अधूरा है, शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता के तौर पर 2500 रुपये देने का वादा किया था. धान खरीदी के लिए 2500 रुपये का वादा था. वह भी अधूरा है तो पूरा कौन सा वादा किया इन्होंने.
सवाल- आप किसानों की बात कर रहे हैं, राज्य सरकार पर आप के आरोप हैं, लेकिन एक आंदोलन दिल्ली में भी चल रहा है जो कि केंद्र सरकार के विरुद्ध है बीजेपी के खिलाफ है?
जवाब- देखिए विरोध होना चाहिए और विरोध करना भी चाहिए. लेकिन पहले कानून को बेहतर ढंग से समझ लें, फिर विरोध करें. कानून लागू होने के पहले ही उन्होंने विरोध शुरू कर दिया है. इन्हें पहले से ही आभास हो गया कि कानून से अहित होगा. अरे भाई, पहले उसे बेहतर ढंग से समझें और फिर विरोध करें. प्रदेश में भी किसानों का बुरा हाल है, लेकिन हमने अब तक आंदोलन नहीं किया है. बीजेपी की सहनशीलता देखें, अब तक हमने इस दिशा में कोई बड़ा आंदोलन तक नहीं किया.
सवाल- आंदोलन नहीं करने का एक कारण यह भी है क्या कि सत्ता जाने के बाद पार्टी में बिखराव का माहौल है? आपके भी व्यक्तिगत विवाद रहे अपनी ही पार्टी के देवेंद्र पांडे के साथ
जवाब- देखिए देवेंद्र पांडे के साथ मेरा विवाद पार्टी का विवाद नहीं है. वह व्यक्तिगत विवाद है और उसकी भी जितनी बार शिकायत हुई जितनी बार जांच हुई. आप पता लगा सकते हैं कि मैं कहीं भी दोषी नहीं पाया गया हूं. हमने एक अस्पताल शुरू किया था, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज किया जाता था. अच्छी मंशा से किया था, कुछ विवाद रहे उसका जल्द निराकरण होगा, लेकिन यह पार्टी का विवाद नहीं है यह मेरा व्यक्तिगत विवाद है.
सवाल- वह व्यक्तिगत है लेकिन एक पत्र 2 दिन पहले वायरल हुआ है जिसे आपने कुछ साल पहले तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखा था और डॉक्टर रमन सिंह की शिकायत की थी?
जवाब- मैंने रमन सिंह की कभी भी शिकायत नहीं की. मैंने नेतृत्व की शिकायत की थी और यह पत्र मैंने काफी पहले लिखा था. पता नहीं यह पत्र कैसे बाहर आ गया, लेकिन मैंने पार्टी विरोधी कुछ भी नहीं लिखा था. मैंने जो बात लिखी थी वह सच साबित हुई. छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं बनी और बीजेपी सबसे कमजोर हो गई. नेतृत्व परिवर्तन के लिए लिखा था और जो बातें मैंने कहीं वह सभी सच साबित हुई है.
सवाल- आप प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं, क्या पार्टी में अब आपकी पूछ परख नहीं रही?
जवाब- यह नेतृत्व पर निर्भर करता है, यदि मुझसे पूछेंगे तब मैं बताऊंगा. इतने बड़े पदों पर रहा. फिर भी अगर मुझसे नहीं पूछेंगे, सलाह नहीं लेंगे तो मैं इसमें क्या कर सकता हूं. लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकरता हूं. भाजपा की नीति और रीति पर चलता हूं. अगर कोई मुझसे यह कहे कि मैं भाजपा की नीतियों के खिलाफ हूं. तब मैं मान सकता हूं कि मेरी गलती है. मैंने त्याग किया, मंत्री पद पर रहते हुए भी कभी भी पैसा नहीं कमाया और आज भी मैं कहता हूं कि एमपी और छत्तीसगढ़ में जहां चाहूं, जिस जिले से चाहूं पार्टी को जीत दिला सकता हूं. लेकिन मुझसे पूछा जाएगा तब मैं बताऊंगा. मैं खुद किसी को सलाह देने नहीं जाऊंगा.
सवाल- बात करें कोरबा जिले की तो हमेशा यहां से बड़े चेहरे निर्वाचित होते रहे हैं, फिर चाहे वह प्यारेलाल कंवर हों आप हों या वर्तमान में मंत्री जयसिंह अग्रवाल, फिर भी कोरबा का विकास वैसा नहीं हुआ, जैसा होना चाहिए था
जवाब- कोरबा का विकास हुआ है, लेकिन अगर कोई यह कहे कि मैंने कोरबा का विकास करा दिया तो यह ठीक नहीं है. कोरबा का जितना भी विकास हुआ है, वह यहां के संसाधनों के बल पर हुआ है और आगे भी जो विकास होगा वह यहां के संसाधनों के दम पर ही संभव होगा.
सवाल- प्रदेश में इन दिनों एक चर्चा जोरों पर है टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच शीत युद्ध चल रहा है. ढाई-ढाई साल के फार्मूले की बात हो रही है आप क्या सोचते हैं?
जवाब- यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है. इससे ना तो जनता को कोई सरोकार है और ना ही मुझे कोई लेना देना है, यह कांग्रस पार्टी का अंदरूनी मामला है. उनके शीर्ष नेतृत्व को यह निर्णय लेना है. इसलिए इसमें मैं किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.
सवाल- आप प्रदेश के गृह मंत्री रहे हैं, वर्तमान में पुलिस के कामकाज को आप किस तरह से देखते हैं कितने संतुष्ट हैं?
जवाब- हर व्यक्ति पुलिस के कामकाज से असंतुष्ट है. जब मैं गृहमंत्री था तब प्रदेश में अपराध कम हुए थे. मेरा दावा है कि किसी भी प्रदेश के गृहमंत्री मेरे जैसा काम करके दिखा दें, मैं उनकी चरण वंदना करूंगा. मेरे समय में भी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती थी. जब शिकायत मिलती थी कि थानेदार रिपोर्ट नहीं लिख रहा है, तब मैं सीधे टीआई से बात करता था. लोग आते थे और इसलिए कामकाज में कसावट आई. वर्तमान में तो यह स्थिति है कि आपको एक मामला बता रहा हूं एक व्यक्ति नई मोटरसाइकिल लेकर जा रहा था और पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस ने उस व्यक्ति से शराब पीकर मोटर साइकल चलाने के मामले में 15 हजार रुपए की मांग की. वह व्यक्ति मेरे पासआया, मैंने टीआई से बात की और बताया गया कि उसने शराब का सेवन किया है, ठीक है गलती उसकी है, लेकिन 15 हजार रुपये मांगे जा रहे थे. टीआई ने हालांकि उसे छोड़ा दिया, यह मेरे ही रामपुर क्षेत्र का मामला था. अब ज्यादा इसके बारे में और नहीं बताऊंगा, लेकिन यह हालात हैं.
सवाल- पहले विधानसभा में बीजेपी विधायक अधिक हुआ करते थे, अब मामला उल्टा है किसी तरह की कोई कमी महसूस होती है?
जवाब- हम राजनीति करते हैं. संख्या कम हो या ज्यादा इससे फर्क नहीं पड़ता. विधानसभा में एक आदमी ही काफी होता है. मुझे बोलने का मौका दिया जाता है, हालांकि मैं बोलता कम हूं. वाकपटुता में मैं उतना कुशल नहीं हूं, लेकिन काम करने में ज्यादा भरोसा रखता हूं.
सवाल- दो सालों में आपकी ही पार्टी के लोग कहते हैं कि आप सीएम भूपेश बघेल के करीबी हैं, कितनी सच्चाई है?
जवाब- मैं किसी का करीबी नहीं हूं और ना ही मेरी किसी से दुश्मनी है. जहां गलत होता है मैं उसकी शिकायत करता हूं. पिछले साल जैसे ही धान की जब्ती हुई थी. उसके विरोध में मैं हाईकोर्ट गया था. उसके बाद शासन ने आदेश किया. तो गलत जहां होता है मैं वहां, आवाज उठाता हूं गलत करने वाले को ननकीराम से डरना पड़ेगा.
सवाल- कांग्रेस के शासन और बीजेपी के शासन में आप किस तरह का अंतर देखते हैं
जवाब- कांग्रेस के शासन में बीजेपी की तुलना करने पर एक नए पैसे का काम नहीं हो रहा है. मानता हूं हमारे शासनकाल में गड़बड़ी हुई थी और गलत हुआ था, इसलिए हम सत्ता से बाहर हो गए, लेकिन कांग्रेस के सरकार की बीजेपी के राज से कोई तुलना नहीं है.