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Chhattisgarh Election 2023 कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा सीट का चुनावी गणित, कंवर और राठिया समाज का दबदबा

छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव है. ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं हाथियों के उत्पात से प्रभावित कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा सीट पर, जहां राठिया और कंवर समाज का दबदबा है.इस सीट पर कांग्रेस ने फूल सिंह राठिया तो बीजेपी ने एक बार फिर ननकी राम कंवर को चुनाव मैदान पर उतारा है.

Rampur Assembly of korba
कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा सीट का चुनावी गणित
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Published : Apr 11, 2023, 1:36 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 1:24 PM IST

कोरबा/ रामपुर : छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा को कहते हैं. कोरबा जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से सिर्फ एक विधानसभा सीट रामपुर ही भाजपा के पास है. 3 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. साल 2018 के चुनाव में रामपुर विधानसभा सीट से ननकीराम कंवर ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर कंवर और राठिया जाति का बोलबाला है. यही एक फेक्टर रामपुर सीट को दूसरी सीटों से अलग करता है. जब भी चुनाव होते हैं, तब यहां के मतदाता जमकर वोट करते हैं. इस सीट में उत्साह ही विजय की कुंजी है.

रामपुर विधानसभा क्षेत्र को जानिए: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां करीब 65 से 70 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. इनमें राठिया और कंवर समाज के लोग ज्यादा हैं. दोनों ही समाज के लोग आदिवासी हैं. यहां गोंड, पहाड़ी कोरवा, बिहोर जनजाति के लोग भी रहते हैं. करीब 25 से 30 फीसदी आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है. यानि पार्टियों का फोकस राठिया और कंवर समाज पर ज्यादा रहता है. इसी वजह से प्रत्याशी भी इन्हीं समाज से खड़े किए जाते हैं.

कितने मतदाता हैं: रामपुर विधानसभा सीट में करीब 221124 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या करीब 108908 है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या करीब 112216 है. वहीं थर्ड जेंडर मतदाता नहीं हैं.

क्या हैं मुद्दे और समस्याएं: ये सीट अविभाजित मध्यप्रदेश में थी, तब राजधानी भोपाल होती थी. ना तो तब यहां विकास हुआ और ना छत्तीसगढ़ बनने के बाद जब राजधानी रायपुर हो गई. विकास के लिए लोग अब भी बांट जोह रहे हैं. यहां की समस्याएं मूलभूत ही हैं. कुदमुरा से लेकर करतला तक का इलाका हाथी प्रभावित क्षेत्र है. ग्रामीण हाथियों के उत्पात से काफी परेशान हैं. श्यांग की सड़क अब भी अधूरी है. यह सबसे बड़ी जरूरत है. ब्लॉक मुख्यालय करतला दुर्गम क्षेत्र में है. करतला जाने के लिए बस और ऑटो भी नियमित तौर पर उपलब्ध नहीं रहते. रामपुर विधानसभा के कई क्षेत्र अब भी धुर वनांचल क्षेत्र की तरह हैं. लेमरू और नकिया तक पहुंचते पहुंचते सरकारी योजनाएं दम तोड़ देती हैं.

2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में ओवरऑल 76.35 फीसदी वोटिंग हुई. रामपुर विधानसभा सीट में वोटिंग परसेंटेज 83.40% रहा. इसमें भाजपा को 38.72 फीसदी, जेसीसीजे को 27.90 फीसदी और कांग्रेस को 26.34 प्रतिशत वोट मिले. रामपुर विधासभा चुनाव 2018 में भाजपा प्रत्याशी ननकीराम कंवर ने जीत दर्ज की. भाजपा को 64 हजार 791 वोट मिले. जेसीसीजे प्रत्याशी फुल सिंह राठिया को 46 हजार 613 वोट मिले. फुल सिंह राठिया दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली. कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल कंवर को 44 हजार 42 वोट मिले. कांग्रेस रामपुर विधानसभा सीट में तीसरे नंबर पर खिसक गई.


कौन तय करता है जीत और हार : रामपुर, आदिवासी बाहुल्य विधानसभा है. इस क्षेत्र में राठिया और कंवर, दोनों समाज के लोग किंगमेकर की भूमिका में रहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में राठिया समाज के ज्यादातर लोगों ने फूल सिंह राठिया पर भरोसा जताया था. राठिया समाज के लोगों ने एक मत हो कर फूल सिंह राठिया को वोट दिया.राठिया फिर भी जीत नहीं सके. उन्हें कंवर समाज के वोट नहीं मिले. हालांकि उन्हें 46 हजार 873 वोट मिले. ननकीराम कंवर को 65 हजार 48 वोट मिले. श्यामलाल कंवर को 44 हजार 261. कंवर समाज के दो कैंडिडेट मैदान में थे. बावजूद इसके ननकीराम ने बाजी मार ली.

कोरबा/ रामपुर : छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा को कहते हैं. कोरबा जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से सिर्फ एक विधानसभा सीट रामपुर ही भाजपा के पास है. 3 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. साल 2018 के चुनाव में रामपुर विधानसभा सीट से ननकीराम कंवर ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर कंवर और राठिया जाति का बोलबाला है. यही एक फेक्टर रामपुर सीट को दूसरी सीटों से अलग करता है. जब भी चुनाव होते हैं, तब यहां के मतदाता जमकर वोट करते हैं. इस सीट में उत्साह ही विजय की कुंजी है.

रामपुर विधानसभा क्षेत्र को जानिए: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां करीब 65 से 70 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. इनमें राठिया और कंवर समाज के लोग ज्यादा हैं. दोनों ही समाज के लोग आदिवासी हैं. यहां गोंड, पहाड़ी कोरवा, बिहोर जनजाति के लोग भी रहते हैं. करीब 25 से 30 फीसदी आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है. यानि पार्टियों का फोकस राठिया और कंवर समाज पर ज्यादा रहता है. इसी वजह से प्रत्याशी भी इन्हीं समाज से खड़े किए जाते हैं.

कितने मतदाता हैं: रामपुर विधानसभा सीट में करीब 221124 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या करीब 108908 है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या करीब 112216 है. वहीं थर्ड जेंडर मतदाता नहीं हैं.

क्या हैं मुद्दे और समस्याएं: ये सीट अविभाजित मध्यप्रदेश में थी, तब राजधानी भोपाल होती थी. ना तो तब यहां विकास हुआ और ना छत्तीसगढ़ बनने के बाद जब राजधानी रायपुर हो गई. विकास के लिए लोग अब भी बांट जोह रहे हैं. यहां की समस्याएं मूलभूत ही हैं. कुदमुरा से लेकर करतला तक का इलाका हाथी प्रभावित क्षेत्र है. ग्रामीण हाथियों के उत्पात से काफी परेशान हैं. श्यांग की सड़क अब भी अधूरी है. यह सबसे बड़ी जरूरत है. ब्लॉक मुख्यालय करतला दुर्गम क्षेत्र में है. करतला जाने के लिए बस और ऑटो भी नियमित तौर पर उपलब्ध नहीं रहते. रामपुर विधानसभा के कई क्षेत्र अब भी धुर वनांचल क्षेत्र की तरह हैं. लेमरू और नकिया तक पहुंचते पहुंचते सरकारी योजनाएं दम तोड़ देती हैं.

2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में ओवरऑल 76.35 फीसदी वोटिंग हुई. रामपुर विधानसभा सीट में वोटिंग परसेंटेज 83.40% रहा. इसमें भाजपा को 38.72 फीसदी, जेसीसीजे को 27.90 फीसदी और कांग्रेस को 26.34 प्रतिशत वोट मिले. रामपुर विधासभा चुनाव 2018 में भाजपा प्रत्याशी ननकीराम कंवर ने जीत दर्ज की. भाजपा को 64 हजार 791 वोट मिले. जेसीसीजे प्रत्याशी फुल सिंह राठिया को 46 हजार 613 वोट मिले. फुल सिंह राठिया दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली. कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल कंवर को 44 हजार 42 वोट मिले. कांग्रेस रामपुर विधानसभा सीट में तीसरे नंबर पर खिसक गई.


कौन तय करता है जीत और हार : रामपुर, आदिवासी बाहुल्य विधानसभा है. इस क्षेत्र में राठिया और कंवर, दोनों समाज के लोग किंगमेकर की भूमिका में रहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में राठिया समाज के ज्यादातर लोगों ने फूल सिंह राठिया पर भरोसा जताया था. राठिया समाज के लोगों ने एक मत हो कर फूल सिंह राठिया को वोट दिया.राठिया फिर भी जीत नहीं सके. उन्हें कंवर समाज के वोट नहीं मिले. हालांकि उन्हें 46 हजार 873 वोट मिले. ननकीराम कंवर को 65 हजार 48 वोट मिले. श्यामलाल कंवर को 44 हजार 261. कंवर समाज के दो कैंडिडेट मैदान में थे. बावजूद इसके ननकीराम ने बाजी मार ली.

Last Updated : Nov 7, 2023, 1:24 PM IST
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