कोरबा: चाइल्ड पोर्नोग्राफी (child pornography) और इससे जुड़े कंटेंट को बढ़ावा देने के मामले में सीबीआई की विशेष टीम (CBI special team) ने देश भर में कई स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की है. इसमें कोरबा जिला भी शामिल है. जिले के बांकीमोंगरा थाना (Bankimongra police station of Korba) क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सेमीपाली निवासी छत्रपाल सिंह कंवर (Chhatrapal Singh) करवाई की परिधि में आ गए हैं. सीबीआई की टीम 16 नवंबर को सुबह से लेकर देर शाम तक छत्रपाल सिंह के निवास पर छानबीन करती रही. छत्रपाल से रमन सरकार के कार्यकाल में मोबाइल क्रांति योजना के तहत मिला स्मार्टफोन जप्त कर लिया गया है. छत्रपाल को आगे की जांच के लिए दिल्ली आने को कहा गया है. अब आरोपी को इस बात की टेंशन है कि वह दिल्ली कैसे पहुंचे.
दिनभर की जांच के बाद, मोबाइल फोन किया जब्त
आरोपी छत्रपाल सिंह कंवर ने ईटीवी भारत को ने बताया कि सीबीआई की टीम उनके निवास स्थान पर 16 नवंबर की सुबह लगभग 8 से 9 बजे के बीच पहुंच गई थी. देर रात को 8:30 बजे तक जांच पड़ताल करती रही. इस दौरान घर में मौजूद सभी 4 स्मार्टफोन को अपने पास रख लिया. सीबीआई की टीम में 7 से 8 सदस्य शामिल थे.
सीबीआई ने जिस मोबाइल को जब्त किया उसमें नहीं हैं इंटरनेट सेवा- छत्रपाल
छत्रपाल सिंह शहर के नगर पालिक निगम इलाके में सेमीपाली के निवासी हैं. जो पेशे से खेती किसानी का काम करते हैं. छत्रपाल सिंह का एक पुत्र भी है, जिसकी उम्र 16 17 वर्ष है. इस कार्रवाई के बाद आरोपी छत्रपाल सकते में है. उनका कहना है कि जिस मोबाइल को जप्त किया गया है. उसममें इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते. कार्रवाई क्यों की गई समझ नहीं आ रहा है? अधिक जानकारी के लिए मैं बांकीमोंगरा टीआई से मिलने जा रहा हूं. सीबीआई की टीम ने मुझे 19 नवंबर को दिल्ली बुलाया है. अब वहां तक पहुंचने की टेंशन में हूं.
कोरबा में छत्रपाल सिंह कंवर नाम के कई लोग, जिससे बढ़ा कन्फ्यूजन
इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली स्तर पर ही एक सूची जारी की है. जिसमें कोरबा जिले के आरोपी छत्रपाल सिंह कंवर के नाम का जिक्र है. दरअसल लाटा क्षेत्र के एक पूर्व पार्षद का नाम छत्रपाल सिंह कंवर है. जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर के पति का नाम भी छत्रपाल सिंह कंवर है. जिसकी वजह से जिले भर में कन्फ्यूजन की स्थिति है. एक समान नाम होने के कारण जनप्रतिनिधियों के पास भी लगातार फोन आ रहे हैं. जबकि जिस छत्रपाल के विरुद्ध सीबीआई ने कार्रवाई की है, वह सेमीपाली निवासी एक सामान्य किसान है.
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पर्याप्त साक्ष्य के बाद ही सीबीआई करती है रेड-वकील नूतन सिंह
इस मामले में अधिवक्ता नूतन सिंह ठाकुर का कहना है कि सीबीआई द्वारा पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद ही रेड की कार्रवाई की जाती है. केंद्र सरकार बच्चों से जुड़े पॉर्नोग्राफी पर बेहद सख्त है. इस तरह के मामलों में 3 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. धाराएं गैर जमानती भी हैं. जांच पड़ताल के दौरान गिरफ्तारी के लिए तत्काल कोई साक्ष्य नहीं मिले होंगे इसलिए गिरफ्तारी नहीं की गई है. मामला सीबीआई ने दर्ज किया है. इसलिए दिल्ली जाना ही होगा. चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े किसी भी वीडियो को अब इंटरनेट में देख पाना संभव है. इसलिए इसे डाउनलोड कर प्रसार करना कार्रवाई की परिधि में आ जाता है. लोगों को इससे बचना चाहिए कानून बेहद गंभीर है.
स्थानीय पुलिस के पास अब भी नहीं है कोई जानकारी
सीबीआई की इस कार्रवाई के विषय में स्थानीय पुलिस के पास अब तक कोई अपडेट नहीं है. ना ही उन्हें कोई अधिकृत जानकारी दी गई है. इस विषय में सीएसपी दर्री, लितेश सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि सीबीआई की कार्रवाई के बारे में हमें कोई सूचना नहीं है. ना ही इस विषय में कोई जानकारी है.