कोरबा: जिले में दो दिनों पहले आंधी-तूफान और बारिश से कई पेड़ और बिजली के खंभे धराशायी हो गए. उसकी वजह से कई इलाकों में बिजली गुल हो गई. अभी 48 घंटे से ज्यादा हो जाने के बाद भी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बहाल नहीं हो पाई हैं. अभी भी दर्जनभर गांव ऐसे हैं, जहां पावर सप्लाई ठप है. 2 दिनों के बाद भी कई गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं. वहीं लगातार मौसम में बदलाव जारी है, जिसका आम जनजीवन पर विपरीत असर पड़ा है. लोग बिजली के बिना परेशान हो रहे हैं.
कई गावों में बिजली गुल: कोरिया में आंधी और बारिश से सैकड़ों बिजली के खंभे धराशायी
कई गांवों में पावर सप्लाई ठप
आंधी-तूफान के दौरान कई क्षेत्रों में बिजली के तारों पर पेड़ गिर गए हैं, जिनकी मरम्मत हो रही है, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो पाई है. मौसम साफ होने के बाद आम लोगों ने राहत की सांस तो जरूर ली है, लेकिन बिजली नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. खासतौर पर उप नगरीय और ग्रामीण अंचलों में ज्यादा बुरे हालात हैं.
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करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरपाली, सलिहाभाठा और आसपास के करीब 10 गांवों में 48 घंटे से अंधेरा छाया हुआ है. यहां तुमान फीडर से बिजली सप्लाई की जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी लगातार व्यवस्था ठीक होने की बात कह रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो पा रहा है. लॉकडाउन के कारण लोग घरों में हैं, जिससे परेशानी और बढ़ गई है.
रजगामार क्षेत्र में एसईसीएल के क्वॉर्टर नंबर बी 29 में निवासरत गणेश राम भारद्वाज के घर आंधी-तूफान के दौरान एक बड़े आम का पेड़ गिर गया, जिससे उनका चारपहिया वाहन और घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है. इस दौरान उन्हें लगभग 70 हजार रुपए की क्षति भी हुई है.
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तापमान में भी दर्ज की गई गिरावट
आंधी-तूफान और मौसम में बदलाव से सामान्य जनजीवन पर जहां बुरा प्रभाव पड़ा है, वहीं लोगों को गर्मी से भी कुछ राहत जरूर मिली है. कोरबा जिले में अप्रैल माह में अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन मई में 39 डिग्री से अधिक नहीं जा पाया है. लगातार बादलों की लुकाछिपी बनी हुई है. बारिश होने से भी लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है.