कोरबा: मंगलवार को भाजयुमो ने कोरबा रोजगार कार्यालय का घेराव किया. प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर ही भाजयुमो कार्यकर्ता कोरबा आईटीआई चौक में एकत्रित हुए. यहां से कुछ दूर पद यात्रा करते हुए जिला रोजगार कार्यालय पहुंचे. जहां घेराव और तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रोजगार कार्यालय के समक्ष पुलिस से जमकर झूमा झटकी भी हुई. भाजयुमो ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है.
नियम को सरल करने की मांग: भाजयुमो का आरोप है कि "भूपेश सरकार बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर युवाओं के साथ छल कर रही है. बेरोजगारी भत्ता देना ही है, तो ₹2500 प्रति महीने के अनुसार एक बेरोजगार को साढ़े 4 साल में 1 लाख 30 हजार रूपये दिया जाए. ब्याज के साथ रकम और भी बढ़ जाती है." बेरोजगारी भत्ते के नियम को सरल करने की मांग को लेकर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रोजगार कार्यालय में जमकर नारेबाजी की.
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सिर्फ 18 हजार नौकरियां दी: भाजपा नेता विकास महतो ने कहा कि "प्रदेश के भूपेश सरकार ने चुनाव के पहले जनता से 36 वादे किए थे. जिसमें से एक वादा बेरोजगारी भत्ता और 10 लाख नौकरी प्रदान करने का था. बेरोजगारी भत्ता देने में प्रदेश सरकार भेदभाव कर रही है. प्रत्येक युवा को साढ़े 4 साल का बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए. 10 लाख रोजगार देने का वादा भी अधूरा है. विधानसभा में सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि सिर्फ 18न हजार रोजगार ही दे पाए हैं. झूठ बोलकर यह सरकार सत्ता में आई है, जिसे सत्ता से बाहर करेंगे."
प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने बेरोजगारी भत्ते को लेकर राज्यभर में आंदोलन किया है. भाजयुमो की मांग है कि प्रदेश के कांग्रेसी सरकार द्वारा बिना शर्त के बेरोजगारी भत्ता दिया जाए. भाजयुमों यह आरोप भी लगा रही है कि राज्य सरकार द्वारा नियमों के फेर में युवाओं को उलझाया जा रहा है.