कोरबा: संसाधनों की कमी कई बार खिलाड़ियों को आगे बढ़ने से रोक देती है. प्रतिभावान खिलाड़ी संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते लेकिन जब संसाधन मौजूद हों और उसका लाभ ही खिलाड़ियों को ना दिया जाए, तब क्या करें? जी हां! हम बात कर रहे हैं. कोरबा जिले में नगर निगम के अधीन इंदिरा गांधी क्रिकेट स्टेडियम (Indira Gandhi Cricket Stadium) और स्टेडियम परिसर में ही वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और स्केटिंग कोर्ट जैसी सुविधाओं की. जिससे खिलाड़ी पूरी तरह से महरूम हैं.
नगर निगम के पास सर्व सुविधा युक्त मैदान उपलब्ध है. लेकिन इसका लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है. खेल परिसर में तालाबंदी जैसी स्थिति है, ना तो यहां प्रोफेशनल खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं ना ही किसी एक्सपर्ट की निगरानी में खिलाड़ियों की प्रतिभा की संवारने का कोई प्रयास किया जा रहा है. इसके उलट हालात यह हैं कि उचित देखरेख के अभाव में अब नगर निगम का सर्व सुविधा युक्त खेल परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है.
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बैडमिंटन हॉल और स्केटिंग कोर्ट का लोकार्पण ही नहीं हुआ
स्टेडियम परिसर में बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए इनडोर बैडमिंटन कोर्ट तैयार किया गया है. इसी तरह इसी परिसर में स्केटिंग करने वाले खिलाड़ियों के लिए इस कटिंग कोर्ट तक तैयार किया जा चुका है. सभी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. निर्माण कार्यों में लगने वाले राशि जारी हो चुकी है. लेकिन अब मैदान खिलाड़ियों के काम नहीं आ पा रहे हैं. कारण चाहे जो भी हो इन मैदानों का लोकार्पण ही नहीं किया जा सका है. जिसके कारण बैडमिंटन और स्केटिंग कोर्ट पूरी तरह से बंद है. ना तो यहां कोई खिलाड़ी प्रैक्टिस करता है, ना ही इन्हें खोला ही जाता है. बैडमिंटन और पूरी तरह से बंद है.
स्टेडियम परिसर में ही ही वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और लॉन टेनिस कोर्ट में मौजूद है. यहां तालाबंदी स्थिति तो नहीं है लेकिन यह किसी प्रोफेशनल खिलाड़ी के काम नहीं आ पा रहा है. कहने को तो जिले भर में कई खेल संघ हैं. जिनके पदाधिकारी आयोजनों के नाम पर खानापूर्ति करते हैं. खेल संघ एक्सपोर्ट की निगरानी में खिलाड़ियों को तैयार करने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते, तो नगर निगम की ओर से भी ऐसा कोई प्रयास नहीं होता, जिससे कि खिलाड़ियों को तैयार करने की दिशा में कोई ठोस पहल हो सके. उचित देखरेख और कोचिंग के अभाव में यहां कोई खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं करता. मैदान ज्यादातर वीरान ही रहते हैं. जहां सुबह के वक्त कुछ शौकिया लोग जरूर खेलने चले आते हैं. ज्यादातर समय यह तीनों कोर्ट भी बंद ही रहते हैं.
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क्रिकेट स्टेडियम अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से मशहूर
कोरबा का इंदिरा गांधी क्रिकेट स्टेडियम (Indira Gandhi Cricket Stadium) अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से काफी मशहूर रहा है. राष्ट्रीय स्तर के भी कई मैचेज यहां हुए हैं. संतोष ट्रॉफी के टूर्नामेंट हुए इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने यहां वेटरन कप का एक मैच भी खेला था. लेकिन पिछले दो दशक से यह मैदान वीरान है. वर्तमान हालात यह है कि डे नाइट मैच के लिए लगाए गए हाई मास्ट लाइट आंधी तूफान से टूट चुके हैं. इस स्टेडियम की घास तक नहीं काटी गई है. इसके स्थान पर टर्फ की जगह सीमेंट पिच का निर्माण कर मैदान को लगभग अनुपयोगी बना दिया गया है. देखरेख के अभाव में स्टेडियम पूरी तरह से बदहाल है. स्टेडियम और आसपास के मैदानों में शाम ढलते ही शराबियों का जमावड़ा रहता है. यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है.
स्विमिंग पुल गुलजार
इंदिरा गांधी स्टेडियम और खेल परिसर में एकमात्र स्विमिंग पूल (Swimming Pool) ही ऐसी सुविधा है, जोकि ठीक-ठाक स्थिति में है. यहां राष्ट्रीय स्तर के स्विमर लगातार प्रैक्टिस करते हैं. नगर निगम की तरफ से दूसरे प्रांतों से स्विमिंग कोच की व्यवस्था यहां दी गई है. स्विमिंग के खिलाड़ी यहां लगातार प्रैक्टिस करते हैं. जरूरत है तो अन्य मैदानों को भी ठीक तरह से संचालित किए जाने की. जिससे कि खिलाड़ियों को लाभ मिल सके.
आयुक्त ने कहा ठीक करेंगे व्यवस्था
खेल मैदान और उन्हें व्यवस्थित करने के प्रश्न पर नगर निगम के आयुक्त कुलदीप शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर लाभ मिल सके. इसका पूरा प्रयास किया जाएगा. आपके माध्यम से इसकी जानकारी मिली है. हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि नगर निगम के खेल अधिकारी और जो भी जिम्मेदार हैं. उनके माध्यम से मैदानों को व्यवस्थित किया जाए. ताकि खिलाड़ी खेल मैदानों का भरपूर लाभ उठा सकें.