कोरबा: बृजमोहन अग्रवाल ने एएसआई की हत्या को टारगेट किलिंग की संज्ञा दी और कहा कि "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इधर हत्या के पांचवें दिन भी पुलिस हत्यारे का सुराग तलाशती रही. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस जांच की दिशा तय कर रही है. उच्चाधिकारियों के निगरानी में हर एंगल से पुलिस इस जघन्य हत्याकांड की जांच कर रही है. दावा तह भी किया जा रहा है कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा."
इस तरह पूर्व मंत्री ने विधनसभा में रखी अपनी बात: बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभ में अपनी बात रखते हुए कहा कि "छत्तीसगढ़ में इतनी विभत्स घटनाएं हो रही हैं. कोरबा में पुलिस के एएसआई को थाने के अंदर घुसकर उसकी हत्या कर दी गई. कई दिन बीतने के बाद भी हत्यारे पकड़े नहीं गए. इससे बड़ा गंभीर मामला नहीं हो सकता. जिनके कंधों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इस प्रदेश में उनकी हत्या हो रही है. थाने के अंदर हो रही है. यह बहुत गंभीर विषय है. हम चाहते हैं कि यहां पर इस विषय पर चर्चा हो. आखिर, हमारे पुलिस के जवान सुरक्षित नहीं होंगे. उनकी हत्या हो जाएगी. तो सुरक्षित कौन रहेगा. मुझे लगता है कि उसकी हत्या नहीं है. यह टारगेट किलिंग है. कहीं पर ठेका लेकर किलिंग की गई है".
पुलिस पर लगातार बढ़ रहा है दबाव: एक एएसआई स्तर के पुलिसकर्मी की हत्या के बाद से ही जिले के पुलिस बैकफुट पर है महाकावे पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. हालांकि एसपी उदय किरण ने हत्या की घटना वाले दिन है. बांगो के थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया था 8 थाने के टीआई को भी बदल दिया था. बिलासपुर रेंज के आईजी बद्रीनारायण मीणा भी देर रात बांगो थाना पहुंचे थे. उन्होंने अपनी एक विशेष टीम का गठन भी किया है. पुलिस की कई टीमें अलग-अलग स्तर पर जांच कर रहे हैं. जांच की जो दिशा तय की गई है. उसके आधार पर हर संभव एंगल से जांच की जा रही है. पुलिसकर्मी की हत्या और इस मामले का विधानसभा में उठने के बाद पुलिस पर इस स्कूल जाने का बेहद दबाव है.
कातिल ने नहीं छोड़ा कोई सुराग: इस मामले में जो बात पुलिस को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है. वह कत्ल का शातिर तरीका है. जिस धारदार हथियार से कत्ल हुआ, वह मौके से नदारद है. पुलिस के स्पाई डॉग को भी किसी तरह की कोई गंध नहीं मिली. कत्ल को अंजाम देने के बाद हत्यारे कहां फरार हो गए? वह कौन थे? कहां से आए थे? हत्या का मोटिव क्या है? इन सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है.
8 मार्च को आम लोगों के होली खेलने के बाद 9 तारीख को पुलिसकर्मियों ने होली का त्यौहार मनाया था. इसके अगले दिन 10 मार्च की सुबह एएसआई परिहार का शव पुलिस बैरक में मिला. इस वक्त वह बैरक में बिल्कुल अकेले थे. घटना के संबंध में अब तक जो भी तथ्य सामने आए हैं. उसके आधार पर यह भी माना जा रहा है कि घटना को अंजाम देने से पहले कातिल ने पूरी तैयारी कर रखी थी. सही मौका पाकर कातिल ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
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मामले को सुलझा ने कर रहे हर संभव प्रयास: इस विषय में जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने कहा कि "एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की हत्या के मामले को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. फॉरेंसिक टीम, साइबर एक्सपर्ट और अन्य की सहायता ली जा रही है. अलग-अलग टीमें जांच कर रही हैं. उम्मीद है जल्द ही हमें सफलता मिलेगी."