कोरबा: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जिले में भी हालात बिगड़ रहे हैं. हालांकि रायपुर और दुर्ग जैसे शहरों की तुलना में जिले में हालात अब भी काबू में हैं.पिछले लगभग एक-डेढ़ हफ्तों से जिले के श्मशान में दाह संस्कार की संख्या बढ़ गई है. ज्यादातर कोरोना संक्रमित शव श्मशान लाए जा रहे हैं.श्मशान घाट में निगम का मैदानी अमला ही दाह संस्कार की प्रक्रियाओं को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पूरा करा रहा है, जोकि बेहद चुनौतीपूर्ण है.
ईटीवी भारत ने मुक्तिधामों में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद निगम के अफसरों ने इसे संज्ञान में लिया और कहा है कि श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का और भी कड़ाई से पालन करवाया जाएगा. PPE किट की भी कोई कमी नहीं है.
कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार की प्रकिया
किसी व्यक्ति की अस्पताल में कोरोना से मौत होने के बाद स्वास्थ विभाग द्वारा संबंधित अस्पताल के जरिए नगर निगम तक सूचना जाती है.इसके बाद निगम के कर्मचारी संबंधित मुक्तिधाम में दाह संस्कार की तैयारी करते हैं. तैयारी पूरी होने के बाद निगम वापस अस्पताल प्रबंधन को सूचना भेजी जाती है. तब स्वास्थ्य विभाग मृतक के परिजन के नाम पर एक रिलीज ऑर्डर जारी किया जाता है.
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4 PPE किट दिए जाते हैं
रिलीज ऑर्डर लेकर परिजन मृतक का शव पूरी सुरक्षा के साथ एंबुलेंस में लेकर मुक्तिधाम तक पहुंचते हैं. साथ आने वाले चार लोगों को 4 PPE किट इश्यू किए जाते हैं.
निगम द्वारा प्रत्येक दाह संस्कार के लिए 4 PPE किट इश्यू की जाती है. जिसे वहीं लोग पहनते हैं, जोकि शव को टच करेंगे और उसे उठाकर चिता तक ले जाएंगे. परिजन चाहें तो तो वह खुद भी PPE किट पहनकर यह कर सकते हैं, या फिर निगम के कर्मचारी इस काम की अंजाम देते हैं.दाह संस्कार पूर्ण होने के बाद PPE किट श्मशान में ही नियमानुसार डिस्पोज कर दिए जाने का नियम है.
मैदानी अमला संक्रमित हुआ तो बढ़ेगी मुश्किल
श्मशान घाट में शव को दफनाने या जलाने के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. जिसके कारण ही शव को छूने वाले व्यक्ति द्वारा PPE किट पहनाने को अनिवार्य किया गया है. इस दौरान नियमों को कड़ाई से पालन करने की जरूरत है. यदि निगम का मैदानी अमला संक्रमित हुआ तो मुश्किल बढ़ जाएगी. दाह संस्कार को सुरक्षात्मक तरह से पूरा कराना निगम के मैदानी अमले पर निर्भर है. हालांकि अधिकारियों ने इस बात का विश्वास दिलाया है कि हर हाल में श्मशान घाटों में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है.