कोरबा: बरसात आते ही जमीन पर रेंगती मौत अपना कहर बरपाना शुरू कर देती है. ऐसे में कोरबा जिला वनांचल क्षेत्र होने की वजह से हर साल सर्पदंश से कई मौतें देखता है, लेकिन इस बार प्रशासन ने पूरे इंतजाम कर रखे हैं.
डाक्टरों को नहीं था दवाइयों का ज्ञान
बता दें कि जिले में कुल 47 सरकारी अस्पताल हैं, जिसमें सभी अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध रहती थी, लेकिन कई मौतें अस्पताल में इलाज न होने से हो गई, क्योंकि डाक्टरों को दवाइयों के उपयोग का तरीका पता नहीं था. दवाइयां तो अस्पतालों में भरपूर रहती थी, लेकिन उन दवाइयों का उपयोग नहीं किया जाता था, जिससे हर साल इलाज की कमी में लोग मर रहे थे.
सभी अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध
CMHO बीबी बोडे ने बताया कि जिले में कुल 47 सरकारी चिकित्सालय हैं. जिन्में हर साल एंटी स्नेक वेनम का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहता है. इसी तरह इस साल भी सभी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम वाइल्स उपलब्ध करा दिया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि वेयर हाउस के स्टाफ में 1455 मोबाइल्स रखे हुए हैं, जो वाइल्स की कमी होने पर काम आएंगे.
डॉक्टरों की लापरवाही से हुई कई मौतें
हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि कई सालों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को एंटी स्नेक वेनम लगाना ही नहीं पता था और इनके लापरवाही से कई मासूमों की सर्पदंश से मौतें हो गई. वहीं प्रशासन ने इस बार सभी डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया है, जिससे मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके.