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हादसे का इंतजार: जर्जर भवन में चल रहा आंगनबाड़ी, डर से पढ़ने नहीं पहुंच रहे बच्चे

कोरबा के भैंसामुड़ा पंचायत के आंगनबाड़ी भवन की दीवारें खराब हो चुकी है. जिसके कारण कई पालकों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है. मौजूदा समय में गिने-चुने बच्चे ही आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं. बारिश के कारण छत से पानी टपकता रहता है, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा ये आंगनबाड़ी भवन
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Published : Nov 17, 2020, 3:08 PM IST

कोरबा: करतला विकासखंड के भैंसामुड़ा पंचायत के आंगनबाड़ी भवन की दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी है. भवन की मरम्मत को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता पांडेय विभाग को कई बार सूचित कर चुकी है, लेकिन आजतक किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई इस मामले में नहीं हुई है. दीवारों में दरारें पड़ गई है. बारिश के कारण छत से पानी टपकता रहता है, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आंगनबाड़ी भवन

कुपोषण से लड़ने के उद्देश्य से शासन आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कर रही है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस उद्देश्य की धज्जियां उड़ा रहे हैं. भैसामुड़ा ग्राम पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है. आंगनबाड़ी भवन काफी पुराना और जर्जर हो चुका है, जहां मोहल्ले के 22 बच्चे पढ़ने के लिए आते थे, पुराना होने के कारण भवन कमजोर हो गया है. कमरों में लगा फर्श जगह-जगह से उखड़ गया है, इसकी दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है. कार्यकर्ता बताती हैं कि कई पालकों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है. मौजूदा समय में गिने-चुने बच्चे ही आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं.

पढ़ें- बनने के कुछ दिन बाद ही जर्जर हो गया आंगनबाड़ी भवन, सरपंच-सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप

भवन के पानी और शौचालय की भी होती है दिक्कत

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता पांडेय ने बताया कि केंद्र क्रमांक 14 का भवन तो जर्जर है ही, पानी और शौचालय की भी उचित व्यवस्था नहीं है. आंगनबाड़ी भवन के पास एक हैंडपंप था, लेकिन वह भी कई दिनों से खराब है. काफी दूर से पानी लाकर बच्चों के लिए खाना बनाना पड़ता है. वाबजूद इसके जिम्मदार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

कोरबा: करतला विकासखंड के भैंसामुड़ा पंचायत के आंगनबाड़ी भवन की दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी है. भवन की मरम्मत को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता पांडेय विभाग को कई बार सूचित कर चुकी है, लेकिन आजतक किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई इस मामले में नहीं हुई है. दीवारों में दरारें पड़ गई है. बारिश के कारण छत से पानी टपकता रहता है, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आंगनबाड़ी भवन

कुपोषण से लड़ने के उद्देश्य से शासन आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कर रही है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस उद्देश्य की धज्जियां उड़ा रहे हैं. भैसामुड़ा ग्राम पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है. आंगनबाड़ी भवन काफी पुराना और जर्जर हो चुका है, जहां मोहल्ले के 22 बच्चे पढ़ने के लिए आते थे, पुराना होने के कारण भवन कमजोर हो गया है. कमरों में लगा फर्श जगह-जगह से उखड़ गया है, इसकी दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है. कार्यकर्ता बताती हैं कि कई पालकों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है. मौजूदा समय में गिने-चुने बच्चे ही आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं.

पढ़ें- बनने के कुछ दिन बाद ही जर्जर हो गया आंगनबाड़ी भवन, सरपंच-सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप

भवन के पानी और शौचालय की भी होती है दिक्कत

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता पांडेय ने बताया कि केंद्र क्रमांक 14 का भवन तो जर्जर है ही, पानी और शौचालय की भी उचित व्यवस्था नहीं है. आंगनबाड़ी भवन के पास एक हैंडपंप था, लेकिन वह भी कई दिनों से खराब है. काफी दूर से पानी लाकर बच्चों के लिए खाना बनाना पड़ता है. वाबजूद इसके जिम्मदार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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