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EXCLUSIVE: राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किश्त पेंडिंग, कितने टेंशन में हैं किसान

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Published : Dec 20, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 7:13 PM IST

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से शुरू हुआ धान तिहार 31 जनवरी तक चलेगा. धान खरीदी शुरू तो कर दी गई है, लेकिन प्रदेश के 18 लाख किसानों को अब भी राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किश्त का इंतजार है. भूपेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की हमने पड़ताल की है. आइये जानते हैं आखिर क्यों वक्त पर किश्त नहीं मिलने से किसान टेंशन में हैं.

chhattisgarh paddy procurement
चौथी किश्त की राशि पेंडिग

कोरबा : छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने 2 साल के कार्यकाल में दूसरी बार धान खरीदी कर रही है. किसान खरीफ वर्ष के लिए धान बेचने उपार्जन केंद्रों में पहुंच रहे हैं. धान की मिसाई और केंद्र तक पहुंचने के परिवहन खर्चे से लेकर पिछले वर्ष लिया गया कर्ज चुकाने और आने वाले रबी फसल की तैयारी के लिए भी किसानों को आर्थिक सहायता की जरूरत है. ऐसे में राजीव न्याय योजना की चौथी किश्त किसानों लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन यह राशि उन्हें अबतक नहीं मिली है.

कितने टेंशन में हैं किसान

विपक्ष भी चौथी किश्त को लेकर सरकार को घेर रही है. विपक्ष का कहना है कि किसानों को चौथे किश्त की राशि देने की सरकार की मंशा नहीं है. इन सबके बीच किसानों के समर्थन मूल्य की राशि को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.

amount of fourth installment of paddy purchase is pending
धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

चौथी किस्त इस वित्तीय वर्ष में देने का वादा

केरल दौरे से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौथी किश्त की राशि को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चौथी किश्त इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

amount of fourth installment of paddy purchase is pending
धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

पढ़ें : वित्तीय वर्ष के पहले जारी की जाएगी धान खरीदी की चौथी किस्त: भूपेश बघेल

विपक्ष ने चौथी किश्त को लेकर सिंहदेव के बयान पर इस्तीफे की मांग की थी. सिंहदेव ने कहा था कि, 'इस साल किसानों को धान खरीदी की बकाया किश्त दी जाएगी. अगर सरकार अपनी नीति से पीछे हटती कि हम किसानों को चौथी किश्त नहीं देंगे तब मेरे लिए चिंता का विषय होता. ऐसे में इस्तीफे की कोई बात नहीं कही गई थी'.

पढ़ें : रमन सिंह जागरूक होते तो किसानों को मिल जाती राशि: टीएस सिंहदेव

धान खरीदी में समर्थन मूल्य की भूमिका

  • कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा किया था.
  • 2019-20 में किसानों को यह रकम देने में राज्य और केंद्र सरकार के बीच मामला फंस गया.
  • केंद्र सरकार ने पतला धान 1835 और मोटा स्वर्णा धान के लिए 1815 रुपए समर्थन मूल्य तय किया.
  • इसके बाद मजबूरन राज्य सरकार को प्रदेश के 18 लाख 38 हजार 553 किसानों से 8 करोड़ 39 लाख 45 हजार 900 क्विंटल(83 लाख 94 हजार 590 मेट्रिक टन) धान खरीदना पड़ा.
  • वादा निभाने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला. पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर राजीव गांधी न्याय योजना लांच किया.
  • योजना के तहत वास्तव में खरीदे गए 1835 और 1815 और 2500 रुपये के बीच की अंतर की राशि को 4 किश्तों में सीधे किसानों के खाते में डालने की वादा किया.
  • तीन किस्त में राशि का स्थानांतरण कर दिया गया.
  • चौथी किस्त की राशि का किसानों को अब भी इंतजार है.
    amount of fourth installment of paddy purchase is pending
    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग


पहली, दूसरी, तीसरी किस्त का वितरण

  • राजीव न्याय योजना की पहली किश्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई 2020 को जारी हुई थी.
  • दूसरी किश्त 20 अगस्त 2020 को स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर जारी की गई.
  • तीसरी किश्त राज्य स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर पर जारी की गई.
  • अब चौथी किश्त के लिए सरकार को किसी खास अवसर की प्रतीक्षा है.
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    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

राजीव न्याय योजना की चौथी किस्त का इंतजार

  • जिले में 23 हजार 832 किसान
  • कुल 67 करोड़ 62 लाख 79 हजार रुपय बकाया
  • पहली किस्त में 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार जारी
  • दूसरी किस्त में 17 करोड़ 87 लाख 73 हजार रुपए जारी
  • तीसरी किस्त में 17 करोड़ 52 लाख 41 हजार रुपए जारी
  • चौथी किस्त का है इंतजार
    amount of fourth installment of paddy purchase is pending
    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

कोरबा में धान खरीदी

  • कोरबा में पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में जिले के 42 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 23 हजार 832 पंजीकृत किसानों ने 9 लाख 88 हजार 600 क्विंटल धान बेचा था.
  • प्रति क्विंटल 685 रुपये की दर से कुल 67 करोड़ 62 लाख 79 हजार की राशि जारी की जानी थी.
  • प्रत्येक किस्त में किसानों के खाते में 17 करोड़ की राशि जारी की जानी चाहिए थी.
  • वर्तमान में जिले के 32 हजार 859 पंजीकृत किसानों से धान खरीदी हो रही
  • इस साल जिले में 12 लाख 85 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.

कोरबा : छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने 2 साल के कार्यकाल में दूसरी बार धान खरीदी कर रही है. किसान खरीफ वर्ष के लिए धान बेचने उपार्जन केंद्रों में पहुंच रहे हैं. धान की मिसाई और केंद्र तक पहुंचने के परिवहन खर्चे से लेकर पिछले वर्ष लिया गया कर्ज चुकाने और आने वाले रबी फसल की तैयारी के लिए भी किसानों को आर्थिक सहायता की जरूरत है. ऐसे में राजीव न्याय योजना की चौथी किश्त किसानों लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन यह राशि उन्हें अबतक नहीं मिली है.

कितने टेंशन में हैं किसान

विपक्ष भी चौथी किश्त को लेकर सरकार को घेर रही है. विपक्ष का कहना है कि किसानों को चौथे किश्त की राशि देने की सरकार की मंशा नहीं है. इन सबके बीच किसानों के समर्थन मूल्य की राशि को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.

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धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

चौथी किस्त इस वित्तीय वर्ष में देने का वादा

केरल दौरे से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौथी किश्त की राशि को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चौथी किश्त इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

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धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

पढ़ें : वित्तीय वर्ष के पहले जारी की जाएगी धान खरीदी की चौथी किस्त: भूपेश बघेल

विपक्ष ने चौथी किश्त को लेकर सिंहदेव के बयान पर इस्तीफे की मांग की थी. सिंहदेव ने कहा था कि, 'इस साल किसानों को धान खरीदी की बकाया किश्त दी जाएगी. अगर सरकार अपनी नीति से पीछे हटती कि हम किसानों को चौथी किश्त नहीं देंगे तब मेरे लिए चिंता का विषय होता. ऐसे में इस्तीफे की कोई बात नहीं कही गई थी'.

पढ़ें : रमन सिंह जागरूक होते तो किसानों को मिल जाती राशि: टीएस सिंहदेव

धान खरीदी में समर्थन मूल्य की भूमिका

  • कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का वादा किया था.
  • 2019-20 में किसानों को यह रकम देने में राज्य और केंद्र सरकार के बीच मामला फंस गया.
  • केंद्र सरकार ने पतला धान 1835 और मोटा स्वर्णा धान के लिए 1815 रुपए समर्थन मूल्य तय किया.
  • इसके बाद मजबूरन राज्य सरकार को प्रदेश के 18 लाख 38 हजार 553 किसानों से 8 करोड़ 39 लाख 45 हजार 900 क्विंटल(83 लाख 94 हजार 590 मेट्रिक टन) धान खरीदना पड़ा.
  • वादा निभाने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला. पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर राजीव गांधी न्याय योजना लांच किया.
  • योजना के तहत वास्तव में खरीदे गए 1835 और 1815 और 2500 रुपये के बीच की अंतर की राशि को 4 किश्तों में सीधे किसानों के खाते में डालने की वादा किया.
  • तीन किस्त में राशि का स्थानांतरण कर दिया गया.
  • चौथी किस्त की राशि का किसानों को अब भी इंतजार है.
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    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग


पहली, दूसरी, तीसरी किस्त का वितरण

  • राजीव न्याय योजना की पहली किश्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई 2020 को जारी हुई थी.
  • दूसरी किश्त 20 अगस्त 2020 को स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर जारी की गई.
  • तीसरी किश्त राज्य स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर पर जारी की गई.
  • अब चौथी किश्त के लिए सरकार को किसी खास अवसर की प्रतीक्षा है.
    amount of fourth installment of paddy purchase is pending
    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

राजीव न्याय योजना की चौथी किस्त का इंतजार

  • जिले में 23 हजार 832 किसान
  • कुल 67 करोड़ 62 लाख 79 हजार रुपय बकाया
  • पहली किस्त में 17 करोड़ 85 लाख 27 हजार जारी
  • दूसरी किस्त में 17 करोड़ 87 लाख 73 हजार रुपए जारी
  • तीसरी किस्त में 17 करोड़ 52 लाख 41 हजार रुपए जारी
  • चौथी किस्त का है इंतजार
    amount of fourth installment of paddy purchase is pending
    धान खरीदी की चौथी राशि पेंडिंग

कोरबा में धान खरीदी

  • कोरबा में पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में जिले के 42 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 23 हजार 832 पंजीकृत किसानों ने 9 लाख 88 हजार 600 क्विंटल धान बेचा था.
  • प्रति क्विंटल 685 रुपये की दर से कुल 67 करोड़ 62 लाख 79 हजार की राशि जारी की जानी थी.
  • प्रत्येक किस्त में किसानों के खाते में 17 करोड़ की राशि जारी की जानी चाहिए थी.
  • वर्तमान में जिले के 32 हजार 859 पंजीकृत किसानों से धान खरीदी हो रही
  • इस साल जिले में 12 लाख 85 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.
Last Updated : Dec 20, 2020, 7:13 PM IST
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