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कोरबा: लॉकडाउन में कम होने के बजाए बढ़ा प्रदूषण, BALCO और NTPC को नोटिस

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Published : Jun 8, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 9:57 PM IST

लॉकडाउन के दौरान दुनिया के कई शहरों में प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं कोरबा में पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण और बढ़ा है. इसे लेकर शासन ने पर्यावरण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अब पर्यावरण विभाग ने वायु प्रदूषण के लिए औद्योगिक संस्थान बालको और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Pollution level rise in korba
प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी

कोरबा: लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन कोरबा के प्रदूषित माहौल पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. बल्कि पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण और भी बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया है. इसके लिए शासन स्तर से जिले के पर्यावरण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अब पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार औद्योगिक संस्थान बालको और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

BALCO और NTPC को नोटिस

दरअसल, कोरबा में बेहतर AQI (Air quality index) के लिए जिम्मेदार PM 10 की मात्रा लॉकडाउन की एक विशेष समयावधि के दौरान 58.29 मिलीग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई है. जबकि मापदंडों के अनुसार PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

Pollution level rise in korba
नोटिस

कई शहरों में सुधरी स्थिति

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में PM 10 की मात्रा का निर्धारित मापदंडों से ज्यादा होने का मतलब यह हुआ कि इसके मानव जीवन पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ेंगे. शासन ने नोटिस जारी करते हुए कोरबा जिले के क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को कहा है कि 'भारत सरकार की ओर से कोरोन वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही और निर्माण कार्यों में कमी आई है, उद्योगों का परिचालन भी बंद है. इसकी वजह से प्रदेश के मुख्य शहरों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता (AQI) में काफी सुधार हुआ है'

'कारण स्पष्ट किया जाए'

आगे लिखा गया है कि सभी जगह PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से कम पाई गई है. जबकि कोरबा में PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से अधिक मिली है. इसके संबंध में मॉनिटरिंग स्टेशनों के आकलन और जांच कर कारण स्पष्ट किया जाए.

पढ़ें-बालको प्रबंधन को पुलिस ने भेजा नोटिस, अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए मांगा जवाब

औद्योगिक संस्थानों को कारण बताओ नोटिस

पर्यावरण कार्यालय को शासन स्तर से निर्देशित किया गया है कि AQI, खास तौर पर PM 10 की मात्रा में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. कोरबा जिले में प्रदूषण के स्तर की मॉनिटरिंग के लिए दो जगहों पर बालको और एनटीपीसी में मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित है. रिपोर्ट इन्हीं स्टेशनों से मिले डाटा के आधार पर मिली है. जिसके कारण इन दोनों ही औद्योगिक संस्थानों को पर्यावरण विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

नियमों की लगातार अवहेलना कर रहा बालको

हाल ही में अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले में खनिज और पर्यावरण विभाग ने बालको को नोटिस जारी किया है और पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांगा है. नोटिस में साफ तौर पर उल्लेख है कि बालको के परसाभाठा स्थित राखड़ डैम के जरिए वायु प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण के कोई उपाय नहीं किए गए हैं.

पढ़ें-खबर का असर: वायु प्रदूषण फैलाने के लिए खनिज विभाग ने बालको को भेजा नोटिस

मानव जीवन के लिए घातक 2.5 के पार्टिकल

अब एक बार फिर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जैसे संवेदनशील मामले में पर्यावरण विभाग ने बालको को एक और नोटिस जारी कर दिया है. औद्योगिक प्रदूषण से हवा में घुलने वाले PM 10 और 2.5 के पार्टिकल बेहद घातक होते हैं. ये पार्टिकल सांस के जरिए फेफड़ों और फिर खून में शामिल हो जाते हैं. जिससे बीपी, शुगर के साथ ही सांस संबंधी बीमारी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

कोरबा: लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर में प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन कोरबा के प्रदूषित माहौल पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. बल्कि पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण और भी बढ़ा हुआ रिकॉर्ड किया गया है. इसके लिए शासन स्तर से जिले के पर्यावरण विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अब पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार औद्योगिक संस्थान बालको और एनटीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

BALCO और NTPC को नोटिस

दरअसल, कोरबा में बेहतर AQI (Air quality index) के लिए जिम्मेदार PM 10 की मात्रा लॉकडाउन की एक विशेष समयावधि के दौरान 58.29 मिलीग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई है. जबकि मापदंडों के अनुसार PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

Pollution level rise in korba
नोटिस

कई शहरों में सुधरी स्थिति

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में PM 10 की मात्रा का निर्धारित मापदंडों से ज्यादा होने का मतलब यह हुआ कि इसके मानव जीवन पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ेंगे. शासन ने नोटिस जारी करते हुए कोरबा जिले के क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को कहा है कि 'भारत सरकार की ओर से कोरोन वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही और निर्माण कार्यों में कमी आई है, उद्योगों का परिचालन भी बंद है. इसकी वजह से प्रदेश के मुख्य शहरों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता (AQI) में काफी सुधार हुआ है'

'कारण स्पष्ट किया जाए'

आगे लिखा गया है कि सभी जगह PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से कम पाई गई है. जबकि कोरबा में PM 10 की मात्रा 50 मिलीग्राम प्रति घन मीटर से अधिक मिली है. इसके संबंध में मॉनिटरिंग स्टेशनों के आकलन और जांच कर कारण स्पष्ट किया जाए.

पढ़ें-बालको प्रबंधन को पुलिस ने भेजा नोटिस, अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए मांगा जवाब

औद्योगिक संस्थानों को कारण बताओ नोटिस

पर्यावरण कार्यालय को शासन स्तर से निर्देशित किया गया है कि AQI, खास तौर पर PM 10 की मात्रा में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. कोरबा जिले में प्रदूषण के स्तर की मॉनिटरिंग के लिए दो जगहों पर बालको और एनटीपीसी में मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित है. रिपोर्ट इन्हीं स्टेशनों से मिले डाटा के आधार पर मिली है. जिसके कारण इन दोनों ही औद्योगिक संस्थानों को पर्यावरण विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

नियमों की लगातार अवहेलना कर रहा बालको

हाल ही में अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले में खनिज और पर्यावरण विभाग ने बालको को नोटिस जारी किया है और पिछले 5 साल का रिकॉर्ड मांगा है. नोटिस में साफ तौर पर उल्लेख है कि बालको के परसाभाठा स्थित राखड़ डैम के जरिए वायु प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण के कोई उपाय नहीं किए गए हैं.

पढ़ें-खबर का असर: वायु प्रदूषण फैलाने के लिए खनिज विभाग ने बालको को भेजा नोटिस

मानव जीवन के लिए घातक 2.5 के पार्टिकल

अब एक बार फिर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जैसे संवेदनशील मामले में पर्यावरण विभाग ने बालको को एक और नोटिस जारी कर दिया है. औद्योगिक प्रदूषण से हवा में घुलने वाले PM 10 और 2.5 के पार्टिकल बेहद घातक होते हैं. ये पार्टिकल सांस के जरिए फेफड़ों और फिर खून में शामिल हो जाते हैं. जिससे बीपी, शुगर के साथ ही सांस संबंधी बीमारी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

Last Updated : Jun 8, 2020, 9:57 PM IST
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