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कोरबा में पैरवी के दौरान अधिवक्ता ने कलेक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप, किया धरना प्रदर्शन - अधिवक्ता ने कलेक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप

वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ अभ्रदता (Immigration with Senior Advocate in Korba) के आरोप में अधिवक्ता संघ के सदस्य (Lawyers Association member) ने कोरबा कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) के विरोध में धरना-प्रदर्शन (Advocate protest in Korba accuses collector) किया. हालांकि बाद में कलेक्टर ने आकर मामला शांत कराया और वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी भी मांगी.

Advocate accuses collector of indecency
अधिवक्ता ने कलेक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप
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Published : Dec 17, 2021, 10:57 PM IST

कोरबाः कोरबा में वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ अभ्रदता (Immigration with Senior Advocate in Korba) के आरोप में अधिवक्ता संघ के सदस्य (Lawyers Association member) ने कोरबा कलेक्टर रानू साहू के विरोध में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही विरोध में नारे भी लगाये. शुक्रवार शाम कोरबा कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) पर अभद्रता का आरोप लगाकर कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर अधिवक्ता बड़ी तादाद में धरने पर बैठ (Advocate protest in Korba accuses collector)गए. दरअसल, एक मामले में पैरवी के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता से कलेक्टर रानू साहू ने अभद्रता की थी.

पैरवी के दौरान अधिवक्ता ने कलेक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप

सभी अधिवक्ता कलेक्टर को वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी मांगने की बात कह रहे हैं. हंगामें के बाद देर शाम कलेक्टर, कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय पहुंची, जिसके बाद अधिवक्ताओं के डेलिगेशन ने कलेक्टर से मुलाकात की.तब जाकर मामला शांत हुआ.

यह भी पढ़ेंः Balod Paddy Purchase 2021: बालोद में 31 फीसदी हुई धान खरीदी, उठाव का व्यवस्था धीमा

ये है पूरा मामला

दरअसल एसडीएम कोर्ट के एक मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन राठौर (Senior Advocate RN Rathore) ने कलेक्टर कोर्ट में अपील लगाई थी. अधिवक्ता आरएन राठौर की मानें तो जब एसडीओ के किसी आदेश को उच्च कोर्ट में अपील के लिए प्रस्तुत किया जाता है.तब किसी दस्तावेजों की जरूरत नहीं होती, केवल बहस होती है. लेकिन इस दौरान कलेक्टर ने दस्तावेजों की मांग करते हुए, उन्हें कहा गया कि वह बिना तैयारी के यहां आए हैं. इसके बाद उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया.

कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी

इस बात पर अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय में एकत्र हो गए और कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. अधिवक्ताओं ने आनन-फानन में कलेक्टर के विरोध में निंदा प्रस्ताव भी पारित कर दिया और कलेक्टर के माफी नहीं मांगने पर जिले के सभी न्यायालयों का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली.

कलेक्टर के पहुंचते ही विवाद समाप्त

अधिवक्ता जब कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र हो रहे थे, तब कार्यालयीन समय समाप्त हो चुका था. कलेक्टर रानू साहू अपने दफ्तर से जा चुकी थीं. अधिवक्ताओं द्वारा कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर ही नारेबाजी और आंदोलन जारी था. एडीएम संजय नायक सहित सीएसपी योगेश साहू व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे. विवाद बढ़ता देख कलेक्टर रानू साहू देर शाम वापस कलेक्ट्रेट स्थित अपने चेंबर में पहुंची. अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की. कलेक्टर से मुलाकात के बाद अधिवक्ता संतुष्ट हुए और यह पूरा मामला समाप्त हो गया.

केस जल्दी समाप्त करने की मंशा से मांगे थे दस्तावेज

इस बारे में कलेक्टर ने कहा कि केस जल्द समाप्त करने की मंशा से दस्तावेज मांगा गया था. किसी को आहत करने की हमारी मंशा नहीं थी. इस पूरे मामले में कलेक्टर रानू साहू साहू ने ईटीवी भारत को बताया कि एसडीएम के न्यायालय ने डेढ़ वर्ष पहले बालको पर डायवर्सन शुल्क लगाया था.चूंकि कलेक्टर होने की हैसियत से गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना होता है.

डेढ़ साल से यदि कोई मामला चला रहा है तो इसे जल्दी समाप्त करने की मंशा से मैंने उनसे जमीन के दस्तावेजों की मांग की थी. लेकिन इस दौरान अधिवक्ता को ऐसा लगा कि मैंने उनकी प्रतिभा पर कोई प्रश्न छीन लगाया है, जिससे वह आहत हुए जबकि मेरी ऐसी कोई भी मंशा नहीं थी. मेरी मंशा थी कि शुल्क से संबंधित किसी मामले का उचित तरीके से निपटारा किया जाए और डेढ़ साल से चले आ रहे प्रकरण को जल्दी समाप्त कर दिया जाए. वकीलों से बात करने में वापस कार्यालय गई कम्युनिकेशन गैप की वजह से यदि कोई बात बुरी लगी हो तो मैंने इसके लिए खेद भी व्यक्त किया. जिससे अधिवक्ता भी संतुष्ट हैं.

कोरबाः कोरबा में वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ अभ्रदता (Immigration with Senior Advocate in Korba) के आरोप में अधिवक्ता संघ के सदस्य (Lawyers Association member) ने कोरबा कलेक्टर रानू साहू के विरोध में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही विरोध में नारे भी लगाये. शुक्रवार शाम कोरबा कलेक्टर रानू साहू (Korba Collector Ranu Sahu) पर अभद्रता का आरोप लगाकर कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर अधिवक्ता बड़ी तादाद में धरने पर बैठ (Advocate protest in Korba accuses collector)गए. दरअसल, एक मामले में पैरवी के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता से कलेक्टर रानू साहू ने अभद्रता की थी.

पैरवी के दौरान अधिवक्ता ने कलेक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप

सभी अधिवक्ता कलेक्टर को वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी मांगने की बात कह रहे हैं. हंगामें के बाद देर शाम कलेक्टर, कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय पहुंची, जिसके बाद अधिवक्ताओं के डेलिगेशन ने कलेक्टर से मुलाकात की.तब जाकर मामला शांत हुआ.

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ये है पूरा मामला

दरअसल एसडीएम कोर्ट के एक मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन राठौर (Senior Advocate RN Rathore) ने कलेक्टर कोर्ट में अपील लगाई थी. अधिवक्ता आरएन राठौर की मानें तो जब एसडीओ के किसी आदेश को उच्च कोर्ट में अपील के लिए प्रस्तुत किया जाता है.तब किसी दस्तावेजों की जरूरत नहीं होती, केवल बहस होती है. लेकिन इस दौरान कलेक्टर ने दस्तावेजों की मांग करते हुए, उन्हें कहा गया कि वह बिना तैयारी के यहां आए हैं. इसके बाद उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया.

कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी

इस बात पर अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय में एकत्र हो गए और कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. अधिवक्ताओं ने आनन-फानन में कलेक्टर के विरोध में निंदा प्रस्ताव भी पारित कर दिया और कलेक्टर के माफी नहीं मांगने पर जिले के सभी न्यायालयों का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली.

कलेक्टर के पहुंचते ही विवाद समाप्त

अधिवक्ता जब कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र हो रहे थे, तब कार्यालयीन समय समाप्त हो चुका था. कलेक्टर रानू साहू अपने दफ्तर से जा चुकी थीं. अधिवक्ताओं द्वारा कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर ही नारेबाजी और आंदोलन जारी था. एडीएम संजय नायक सहित सीएसपी योगेश साहू व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे. विवाद बढ़ता देख कलेक्टर रानू साहू देर शाम वापस कलेक्ट्रेट स्थित अपने चेंबर में पहुंची. अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की. कलेक्टर से मुलाकात के बाद अधिवक्ता संतुष्ट हुए और यह पूरा मामला समाप्त हो गया.

केस जल्दी समाप्त करने की मंशा से मांगे थे दस्तावेज

इस बारे में कलेक्टर ने कहा कि केस जल्द समाप्त करने की मंशा से दस्तावेज मांगा गया था. किसी को आहत करने की हमारी मंशा नहीं थी. इस पूरे मामले में कलेक्टर रानू साहू साहू ने ईटीवी भारत को बताया कि एसडीएम के न्यायालय ने डेढ़ वर्ष पहले बालको पर डायवर्सन शुल्क लगाया था.चूंकि कलेक्टर होने की हैसियत से गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना होता है.

डेढ़ साल से यदि कोई मामला चला रहा है तो इसे जल्दी समाप्त करने की मंशा से मैंने उनसे जमीन के दस्तावेजों की मांग की थी. लेकिन इस दौरान अधिवक्ता को ऐसा लगा कि मैंने उनकी प्रतिभा पर कोई प्रश्न छीन लगाया है, जिससे वह आहत हुए जबकि मेरी ऐसी कोई भी मंशा नहीं थी. मेरी मंशा थी कि शुल्क से संबंधित किसी मामले का उचित तरीके से निपटारा किया जाए और डेढ़ साल से चले आ रहे प्रकरण को जल्दी समाप्त कर दिया जाए. वकीलों से बात करने में वापस कार्यालय गई कम्युनिकेशन गैप की वजह से यदि कोई बात बुरी लगी हो तो मैंने इसके लिए खेद भी व्यक्त किया. जिससे अधिवक्ता भी संतुष्ट हैं.

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