कोरबा: रामसागर पारा जहां शहर का पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. वहां प्रशासन ने थोड़ी ढ़ील देनी शुरू की है. संक्रमित मरीज के मिलने के बाद पूरे मोहल्ले की जिंदगी बदल गई थी. पूरा मोहल्ला खौफ के साए में थे. चारों ओर से प्रशासन ने मोहल्ले को बंद कर दिया था. हर ओर सिर्फ कोरोना वायरस की चर्चा हो रही थी. लोगों को घरों में रहने को कहा गया था. फिलहाल लोग राहत की सांस ले रहे हैं. शहर का पहला मरीज भी ठीक हो चुका है
अब कुछ बैरिकेड हटे
संक्रमित व्यक्ति के मिलते ही पूरा प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया था. 20 दिन बीतने के बाद भी कोई नया मरीज नहीं मिला. प्रशासन ने हाल ही में 7 स्थानों से बैरिकेड हटाए हैं. लेकिन पूरी तरह से लोगों को छूट नहीं दी गई है. प्रशासन अब भी एहतियात के तौर पर लोगों से घरों से कम से कम बाहर निकलने की अपील कर रहा है. जिस युवक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. उसके मकान के 100 मीटर के दायरे में अब भी कुछ पाबंदियां लागू रखी गई हैं.
आजाद महसूस कर रहे हैं लोग
कोरोना संक्रमण का पहला मामला मिलने के बाद यहां के लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया था. प्रशासन की तरफ से भी सख्ती बरती जा रही थी. 15 से 20 दिनों तक यह सिलिसला चला. अभी छूट मिलने पर लोग आजाद महसूस कर रहे हैं. जरूरत का सामान लेने के लिए सुबह 10 से 1 तक की अवधि में घरों से बाहर निकल सकते हैं.
व्यापार का केंद्र है यह एरिया
शहर का यह इलाका होलसेल व्यापारियों के लिए भी जाना जाता है. यह कोरबा शहर का एक प्रमुख क्षेत्र है. जहां से होलसेल का कारोबार होता है. विभिन्न प्रकार की सामग्रियां यहीं से जिले भर में पहुंचाई जाती हैं. लेकिन कोरोना संकट की वजह से फिलहाल, यहां की गतिविधियां थमी हुई हैं.
प्रशासन की पहल का समर्थन
अब मोहल्ले से बैरेकेटिंग हट गई है. जन जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. रामसागर पारा के लोग कोरोना से जंग में प्रशासन की तरफ से उठाए गए कदम की तारीफ कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि कोरोना के मरीज मिलते ही प्रशासन ने लॉकडाउन से लेकर मोहल्ले को सैनिटाइज किया जो, प्रशंसनीय है. लोगों ने इसका पूरा समर्थन भी किया.