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कोरबा: विस्थापित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा, 'AAP' ने दी आंदोलन की चेतावनी - कोरबा मकान अधिग्रहित

कोरबा के पाली विकासखंड की अमगांव ग्राम पंचायत को SECL गेवरा क्षेत्र ने साल 2004 से 2009 में दो चरणों में अधिग्रहित किया जा चुका है, लेकिन अबतक ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया.

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आप कार्यकर्ता
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Published : Sep 3, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 7:40 PM IST

कोरबा: पाली विकासखंड उप-तहसील हरदीबाजार की ग्राम पंचायत अमगांव को SECL गेवरा ने साल 2004 से 2009 में दो चरणों में अधिग्रहित किया था. मकानों की नाप के साथ ही SECL गेवरा और राज्य शासन ने जांच और सर्वे कराकर 4 चरणों में पावती दी जा चुकी है. जमीन अधिग्रहित हो जाने के बाद भी विस्थापितों की नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास जैसी मांगें अब भी अधूरी हैं. इन समस्याओं के निराकरण के लिए आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि पांच साल पहले SECL गेवरा प्रबंधन से अधिग्रहित की गई जमीन पर बने मकानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया है और पात्र व्यक्तियों को साजिश करके अपात्र कर, उनके मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया है.

विस्थापित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा

आश्रित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा
पीड़ित ललित महिलांगे ने बताया कि अधिकृति मकानों का मुआवजा भी नहीं दिया गया है, जबकि उप-तहसील हरदीबाजार के आसपास के गांवों के मकानों पर खदान प्रबंधन ने कार्य के लिए नापी कर कब्जा कर लिया, जिसमें उस गांवों के हर आश्रित परिवारों के मकानों का मुआवजा दिया गया है. अमगांव ग्राम पंचायत के 111 आश्रित परिवारों को तब से लेकर आज तक किसी भी प्रकार की मुआवजा या कोई अन्य सुविधा नहीं दी गई है.

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लिखित ज्ञापन

पढ़ें- निजी स्कूल प्रबंधन पर अधिक फीस वसूली के लगे आरोप, DEO ने जारी किया नोटिस

अनुविभागीय अधिकारी को नहीं मिला लिखित आदेश

AAP के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने कहा कि हमारी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने SECL गेवरा क्षेत्र के अधिकारियों और ग्रामीणों से बात की. इस दौरान SECL नोडल अधिकारी अमिताभ तिवारी को जानकारी दी गई कि मुआवजा वितरण के लिए अब तक राज्य शासन के अनुविभागीय अधिकारी को लिखित आदेश नहीं मिला है. पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि ग्रामीणों से चर्चा की गई थी, जिसमें ग्रामीणों से पैसे लिए गए थे, लेकिन नहीं देने पर अपने ही जांच प्रतिवेदन को गलत बताते हुए पात्र व्यक्तियों को अपात्र लिखकर SECL गेवरा परियोजना को भेज दिया गया. इस तरह की यह पहली घटना है कि नापी कर पावती देने के बाद भी मुआवजा भुगतान नहीं किया जा रहा है.

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आप कार्यकर्ता ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बड़े आंदोलन की चेतावनी
AAP के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव को ज्ञापन देने के दौरान चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की मुआवजा राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और 15 दिनों के अंदर आश्रित परिवारों की मकानों का भुगतान नहीं करने की स्थिति पर मजबूरन बाध्य होकर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पार्टी ग्रामीणों के साथ मिलकर विभिन्न आंदोलन किया जाएगा.

कोरबा: पाली विकासखंड उप-तहसील हरदीबाजार की ग्राम पंचायत अमगांव को SECL गेवरा ने साल 2004 से 2009 में दो चरणों में अधिग्रहित किया था. मकानों की नाप के साथ ही SECL गेवरा और राज्य शासन ने जांच और सर्वे कराकर 4 चरणों में पावती दी जा चुकी है. जमीन अधिग्रहित हो जाने के बाद भी विस्थापितों की नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास जैसी मांगें अब भी अधूरी हैं. इन समस्याओं के निराकरण के लिए आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि पांच साल पहले SECL गेवरा प्रबंधन से अधिग्रहित की गई जमीन पर बने मकानों के मुआवजे का भुगतान नहीं किया है और पात्र व्यक्तियों को साजिश करके अपात्र कर, उनके मुआवजे का भुगतान रोक दिया गया है.

विस्थापित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा

आश्रित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा
पीड़ित ललित महिलांगे ने बताया कि अधिकृति मकानों का मुआवजा भी नहीं दिया गया है, जबकि उप-तहसील हरदीबाजार के आसपास के गांवों के मकानों पर खदान प्रबंधन ने कार्य के लिए नापी कर कब्जा कर लिया, जिसमें उस गांवों के हर आश्रित परिवारों के मकानों का मुआवजा दिया गया है. अमगांव ग्राम पंचायत के 111 आश्रित परिवारों को तब से लेकर आज तक किसी भी प्रकार की मुआवजा या कोई अन्य सुविधा नहीं दी गई है.

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लिखित ज्ञापन

पढ़ें- निजी स्कूल प्रबंधन पर अधिक फीस वसूली के लगे आरोप, DEO ने जारी किया नोटिस

अनुविभागीय अधिकारी को नहीं मिला लिखित आदेश

AAP के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने कहा कि हमारी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने SECL गेवरा क्षेत्र के अधिकारियों और ग्रामीणों से बात की. इस दौरान SECL नोडल अधिकारी अमिताभ तिवारी को जानकारी दी गई कि मुआवजा वितरण के लिए अब तक राज्य शासन के अनुविभागीय अधिकारी को लिखित आदेश नहीं मिला है. पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि ग्रामीणों से चर्चा की गई थी, जिसमें ग्रामीणों से पैसे लिए गए थे, लेकिन नहीं देने पर अपने ही जांच प्रतिवेदन को गलत बताते हुए पात्र व्यक्तियों को अपात्र लिखकर SECL गेवरा परियोजना को भेज दिया गया. इस तरह की यह पहली घटना है कि नापी कर पावती देने के बाद भी मुआवजा भुगतान नहीं किया जा रहा है.

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आप कार्यकर्ता ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बड़े आंदोलन की चेतावनी
AAP के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव को ज्ञापन देने के दौरान चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की मुआवजा राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और 15 दिनों के अंदर आश्रित परिवारों की मकानों का भुगतान नहीं करने की स्थिति पर मजबूरन बाध्य होकर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पार्टी ग्रामीणों के साथ मिलकर विभिन्न आंदोलन किया जाएगा.

Last Updated : Sep 3, 2020, 7:40 PM IST
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