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जाति-समाज के बंधन से दूर केंदई आश्रम में 70 जोड़े ने लिए 7 फेरे

कोरबा के केंदई आश्रम में 21वें साल सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन कराया गया. कार्यक्रम में 70 जोड़ों ने सात फेरे लिए. इस सामूहिक विवाह का मुख्य आकर्षण ये है कि यहां जाति-समाज और रूढ़िवादी बेड़ियां नहीं होती है.

केंदई आश्रम में 70 जोड़े ने लिए 7 फेरे, Kendai Ashram in korba
केंदई आश्रम में 70 जोड़े ने लिए 7 फेरे
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Published : Mar 24, 2021, 11:00 PM IST

कोरबा: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कोरबा जिले के केंदई आश्रम में 70 जोड़े परिणय सूत्र में बंध गए. स्वामी भजनानंद आश्रम केंदई में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का समापन समारोह था. मौके पर सामूहिक विवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें 70 जोड़ों ने सात फेरे लिए.

केंदई आश्रम में 70 जोड़े ने लिए 7 फेरे

स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में हुआ आयोजन

सामूहिक विवाह का खास आयोजन जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंदई जलप्रपात के पास बने स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में आयोजित किया गया. विवाह समारोह को जाति और समाज के बंधनों से मुक्त रखा गया. कार्यक्रम में रूढ़िवादी बेड़ियों तोड़ते हुए प्रेमी जोड़ों ने भी सात फेरे लिए. आश्रम में सामूहिक विवाह के आयोजन का यह लगातार 21वां वर्ष है. यहां आयोजन होने वाले सामूहिक विवाह की ख्याती इतनी है कि लोग अमेरिका से भी कन्यादान करने पहुंचते हैं.

सूरजपुरः समूहिक कन्या विवाह में 58 जोड़ों ने लिए सात फेरे

20 साल से हो रहा है आयोजन

जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंदई में स्वामी भजनानंद आश्रम स्थित है. स्वामी शारदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में पिछले दो दशक से लगातार साल में एक बार शादी के लिए सामूहिक विवाह का मंडप सजाया जाता है. जोड़ों की संख्या हर साल घटती बढ़ती रहती है. इस वर्ष 70 जोड़े स्वामी भजनानंद सेवा आश्रम में एक साथ परिणय सूत्र में बंधे.

कई प्रेमियों ने लिए सात फेरे

आश्रम के इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी करने वाले जोड़ों के लिए जाती और समाज का कोई बंधन नहीं होता है. यहीं कारण है कि यहां इस वर्ष कई ऐसे जोड़े भी परिणय सूत्र में बंधे जो एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन वह इतने सक्षम नहीं थे कि अपने बल पर गृहस्थ जीवन की शुरुआत कर सकें. आश्रम का यह आयोजन उनके लिए एक उम्मीद बनकर आई है. यहां से शादी करने वाले जोड़ों के न सिर्फ शादी का खर्च बल्कि दांपत्य जीवन शुरू करने के लिए बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति भी की जाती है. महायज्ञ एवं विवाह कार्यक्रम में प्रदेश और देश के विभिन्न प्रांतों से साधु संत, विद्वानों का भी आशीष प्राप्त होता है. इस अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन भी किया गया. मौके पर कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर के साथ जिले के तमाम लोग उपस्थित रहे.

कोरबा: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कोरबा जिले के केंदई आश्रम में 70 जोड़े परिणय सूत्र में बंध गए. स्वामी भजनानंद आश्रम केंदई में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का समापन समारोह था. मौके पर सामूहिक विवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें 70 जोड़ों ने सात फेरे लिए.

केंदई आश्रम में 70 जोड़े ने लिए 7 फेरे

स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में हुआ आयोजन

सामूहिक विवाह का खास आयोजन जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंदई जलप्रपात के पास बने स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में आयोजित किया गया. विवाह समारोह को जाति और समाज के बंधनों से मुक्त रखा गया. कार्यक्रम में रूढ़िवादी बेड़ियों तोड़ते हुए प्रेमी जोड़ों ने भी सात फेरे लिए. आश्रम में सामूहिक विवाह के आयोजन का यह लगातार 21वां वर्ष है. यहां आयोजन होने वाले सामूहिक विवाह की ख्याती इतनी है कि लोग अमेरिका से भी कन्यादान करने पहुंचते हैं.

सूरजपुरः समूहिक कन्या विवाह में 58 जोड़ों ने लिए सात फेरे

20 साल से हो रहा है आयोजन

जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंदई में स्वामी भजनानंद आश्रम स्थित है. स्वामी शारदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में पिछले दो दशक से लगातार साल में एक बार शादी के लिए सामूहिक विवाह का मंडप सजाया जाता है. जोड़ों की संख्या हर साल घटती बढ़ती रहती है. इस वर्ष 70 जोड़े स्वामी भजनानंद सेवा आश्रम में एक साथ परिणय सूत्र में बंधे.

कई प्रेमियों ने लिए सात फेरे

आश्रम के इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी करने वाले जोड़ों के लिए जाती और समाज का कोई बंधन नहीं होता है. यहीं कारण है कि यहां इस वर्ष कई ऐसे जोड़े भी परिणय सूत्र में बंधे जो एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन वह इतने सक्षम नहीं थे कि अपने बल पर गृहस्थ जीवन की शुरुआत कर सकें. आश्रम का यह आयोजन उनके लिए एक उम्मीद बनकर आई है. यहां से शादी करने वाले जोड़ों के न सिर्फ शादी का खर्च बल्कि दांपत्य जीवन शुरू करने के लिए बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति भी की जाती है. महायज्ञ एवं विवाह कार्यक्रम में प्रदेश और देश के विभिन्न प्रांतों से साधु संत, विद्वानों का भी आशीष प्राप्त होता है. इस अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन भी किया गया. मौके पर कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर के साथ जिले के तमाम लोग उपस्थित रहे.

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