कोरबा: 3 दिन पहले कोडाबाड़ी चौक के पास दिनदहाड़े पार्षद पति को चाकू मारने की वारदात सामने आई थी. चाकूबाजी के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने 3 युवकों को रायपुर और दुर्ग से गिरफ्तार किया है. आरोपी तमिलनाडु भागने की तैयारी में थे. आरोपी युवक मारपीट के एक केस में पिटाई खाने के बाद FIR दर्ज कराने में असफल रहे थे. कार्रवाई नहीं होने, पार्षद पति और पुलिस की मिलीभगत के बाद समझौता करा दिए जाने से आरोपी नाराज था.जिसके कारण उसने बदला लेने के लिए पार्षद पति पर चाकू से हमला किया था.
ये है पूरा मामला
8 मार्च की शाम को लगभग 6 बजे शहर के वार्ड क्रमांक 24 की पार्षद आशा जायसवाल के पति राम प्रकाश जायसवाल अपने मित्र के साथ बाइक से घर लौट रहे थे. इस दौरण सड़क पर ही बाइक पर सवार युवक ने उनके सीने पर चाकू से वार कर दिया और भाग निकले.सूचना पर पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए धारा 307, 34 भादवी एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की. मामले में तीन टीमें गठित की गई, 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए.साइबर सेल की सहायता ली गई. CCTV फुटेज में युवकों की तस्वीर कैद हो गई थी, लेकिन चेहरे पर कपड़ा बंधे होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी. पुलिस को अपने सूत्रों से पता चला कि पार्षद के ही वार्ड के दो युवक घटना के बाद से फरार हैं.
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रायपुर से प्रकाश जसूजा, अमन उर्फ रौनक शर्मा को पकड़ा गया. तीसरे आरोपी राकेश नाम्बियार को दुर्ग में रेलवे स्टेशन के पास स्थित लॉज से पकड़ा गया. जोकि तमिलनाडु भागने की फिराक में था. इनके पास से पुलिस ने हमले में प्रयुक्त चाकू और मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है.
स्थानीय स्तर पर नेतागिरी का परिणाम
अक्सर छोटे-मोटे मामलों में पार्षद और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का काफी दखल होता है. पुलिस चौकी और थानों में पुलिसकर्मियों से सांठगांठ कर छोटे-मोटे मामले आपस में सुलझा लिए जाते हैं. उच्चाधिकारियों को इन बातों की भनक तक नहीं होती. ऐसे में पीड़ित पक्ष के मन में व्यवस्था के प्रति आक्रोश पनपता है. यह मामला भी इसी तरह के आक्रोश का परिणाम है.
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रामपुर चौकी में दर्ज नहीं की गई थी रिपोर्ट
पुलिस ने बताया कि इस मामले के आरोपी राकेश के पिता के साथ पार्षद पति का पुराना विवाद था. एक अन्य आरोपी प्रकाश जसूजा के परिवार के साथ पार्षद पति के परिचित लोगों ने मारपीट की थी. नौबत घर में घुसकर मारपीट करने तक की आ गई थी, लेकिन इसकी रिपोर्ट जसूजा परिवार के अनुरोध पर रामपुर चौकी में दर्ज नहीं की गई. पार्षदपति और पुलिस ने संयुक्त तौर पर दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज नहीं होने दिया.
पार्षद पति की हालत खतरे से बाहर
इसके कारण दोनों आरोपी पार्षद पति से रंजिश निकालने के लिए बदला लेने का मौका ढूंढ रहे थे. मौका पाकर आरोपियों ने पार्षद पति को निशाना बनाया और 8 मार्च की शाम को उनके सीने में चाकू घोंप दिया. हालांकि अच्छी बात यह रही कि पार्षद पति की हालत अब खतरे से बाहर है.