कोरबा: मिनीमाता बांगो बांध में पानी का जलभराव जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे ही बांध के गेट क्रमबद्ध तरीके से खोले जा रहे हैं. बीती रात से कोरिया जिले और परियोजना के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश से बांध का जलस्तर 358.40 मीटर तक पहुंच गया है. बता दें, हसदेव नदी का उद्गम स्थल कोरिया है, इसलिए कोरिया में बारिश होने से बांगो बांध का जलस्तर तत्काल बढ़ता है.
बांध का अधिकतम जलभराव स्तर 359.66 मीटर निर्धारित है. पहले से ही बांध के तीन गेट खोलकर नदी में लगभग साढ़े 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. सोमवार को बांध में जलभराव की स्थिति को देखते हुए दो और गेट शाम को खोल दिए गए. अब कुल मिलाकर खोले गए 5 गेट से हसदेव नदी में करीब 20 हजार 743 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बांध से लगे पनबिजली संयंत्र के लिए 9 हजार क्यूसेक पानी भी छोड़ा जा रहा है, जिसे मिलाकर हसदेव नदी में अब तक कुल 29 हजार 743 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
90 प्रतिशत से अधिक भर चुका है बांध
माचाडोली मिनीमाता परियोजना के कार्यपालन अभियंता केशव कुमार ने बताया कि कोरबा जिले में भी बीते दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश से हसदेव की सहायक नदियां लबालब हो गई है. बांध अपनी क्षमता से 90 प्रतिशत से अधिक भर चुका है. बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में रूक-रूक हो रही बारिश से जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है.
जलस्तर में बढ़ोत्तरी के बाद बांध के दो और गेट खुले
केशव कुमार ने आगे बताया कि बांध में जल भराव की स्थिति को देखते हुए पहले बांध के तीन गेट खोले गए थे और लगभग साढ़े 14 हजार क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा था. अब लगातार जलस्तर में बढ़ोत्तरी के बाद बांध के दो और गेट खोल दिए गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि गेट नंबर 5 और 7 को पहले आधा-आधा मीटर खोला गया था और अब गेट नंबर 4 और 8 को भी आधा-आधा मीटर खोल दिया गया है. इसके साथ ही पहले से 70 सेंटीमीटर खुले गेट नंबर 6 की ओपनिंग डेढ़ मीटर तक बढ़ा दी गई है.
ओडिशा के अधिकारियों को दी गई सूचना
अब पांच गेट से लगभग 20 हजार 743 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में जा रहा है. मिनीमाता बांगो बांध से पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ाने से पहले ही बांध से नीचे हसदेव नदी के किनारे बाढ़ क्षेत्र में अलर्ट जारी कर आबादी को सुरक्षित जगह ले जाने की सूचना जारी कर दी गई है. गांव-गांव में मुनादी करा कर भी चल-अचल संपत्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जानेे की सूचना दी गई है. इसके साथ ही सीमावर्ती जिलों जांजगीर-चांपा और रायगढ़ सहित हीराकुंड परियोजना के संबलपुर (ओडिसा) के अधिकारियों को भी पानी छोड़ने के संबंध मे सूचना भेज दी गई है.
हसदेव बैराज का भी जलस्तर बढ़ता है
हसदेव बैराज परियोजना दर्री के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि बांगो बांध से पानी छोड़ने पर हसदेव बैराज का भी जलस्तर बढ़ता है और बैराज के जलस्तर को बनाए रखने के लिए गेट खोलकर पानी नदी में और दायीं-बायीं केनालों में डिस्चार्ज किया जाता है. उन्होंने आगे बताया कि बांध से पानी छोड़ने के साथ ही पहले से लबालब दर्री बैराज के अभी तीन गेट खोले गए हैं. बैराज के गेट नंबर 7 को आठ फीट और गेट नंबर 11 को 5 फीट खोला गया है. दोनों गेट से 17 हजार 325 क्यूसेेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है. इसी तरह दाईं तट नहर से 2 हजार 739 क्यूसेक और बाईं तट नहर से 3 हजार 631 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इस तरह दर्री बैराज से आज (सोमवार) सुबह से लगभग 23 हजार 695 क्यूसेक पानी नदी और दोनो नहरों में डिस्चार्ज किया गया है.
छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध
बता दें, हसदेव नदी पर मिनीमाता बांगो डैम का निर्माण 1967 में किया गया था. कोरबा के माचाडोली गांव में निर्मित बांगो डैम 87 मीटर ऊंचा है, जो कि छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध है.