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जमीन पर सो रही 13 साल की लड़की को सांप ने काटा, इलाज के दौरान मौत

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Published : Aug 12, 2020, 9:10 PM IST

कोरबा के बैगामार गांव में सांप के काटने से एक 13 साल की छात्रा की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक बैगामार गांव के रहने वाले लक्ष्मण उरांव की 13 साल की बेटी यश्वनी रात को जमीन पर सोई हुई थी, तभी एक सांप ने उसे काट लिया, जिसके बाद उसे इलाज के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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कोरबा: बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश के मामले बढ़ने लगा है. आए दिन घरों और खेतों में सांप के डंसने से ग्रामीणों की मौत हो रही है. ताजा मामला करतला थाना क्षेत्र के बैगामार गांव का है, जहां सांप के काटने से 13 साल की छात्रा की मौत हो गई है.

सांप के काटने से 13 साल की लड़की की मौत

बैगामार गांव के रहने वाले लक्ष्मण उरांव की 13 साल की बेटी यश्वनी की सर्पदंश से मौत हो गई है. लक्ष्मण उरांव ने बताया कि उनकी बेटी यश्वनी रात में जमीन पर सोई हुई थी, तभी करैत सांप ने उसके हाथों में काट लिया, जिसके बाद यश्वनी ने तुरंत इसकी जानकारी परिजनों को दी. इसके बाद परिजनों ने तुरंत सांप को पकड़ा और यश्वनी को लेकर करतला CSC पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास है कि जब भी किसी को सांप काट ले तो तत्काल उसे पकड़ कर सुरक्षित रखना चाहिए, क्योंकि जबतक सांप सुरक्षित है, तबतक सर्पदंश का शिकार हुआ व्यक्ति भी सुरक्षित रहता है. इसी तरह अंधविश्वास की वजह से बैगामार गांव के ग्रामीणों ने भी सांप को पकड़कर रखा था.

पढ़ें: सर्पदंश की घटना में देरी और अंधविश्वास मरीजों के लिए हो सकती है जानलेवा

कोरबा में पाए जाते हैं सबसे ज्यादा जहरीले सांप

कोरबा में सामान्य तौर पर मिलने वाले धमना के साथ ही कोबरा, अजगर, डोमी, करैत के साथ ही कुछ दुर्लभ प्रजाति के सांप भी पाए जाते हैं. इसकी सूचना वन विभाग को भी है, हालांकि सांपों के संरक्षण के लिए उस तरह के प्रशासनिक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं, जैसा कि जिले में सांपों की संख्या को देखते हुए जरूरत है.

सर्पदंश से बचने उपाय

  • बारसात के मौसम में रात में बूट या जूते पहन कर घर से निकलें, क्योंकि पैर पड़ने के बाद ही सांप डसते हैं.
  • रात में बाहर निकलते समय टॉर्च जरूर साथ रखें, ताकि आप टॉर्च की रोशनी में सांप या अन्य जहरीले कीड़ों को देख सकें.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में लाठी के साथ खेत में जाना चाहिए. अगर किसी काम से रात में निकलते हैं, तब भी लाठी लेकर निकलें.
  • रात के अंधेरे में चलते समय कुछ अंतराल पर पैर पटकते रहना चाहिए, ताकि आवाज से सांप रास्ते से हट जाए.

सांप के काटने पर क्या करें

  • सबसे पहले पीड़ित को सीधा लेटा दें और बिना देरी के अस्पताल पहुंचाएं.
  • काटने वाले सांप को पहचानने की कोशिश करें, ताकि इलाज करने में आसानी हो.
  • पीड़ित को बेहोश नहीं होने दें और गर्माहट प्रदान करने का पूरा प्रयास करें.
  • पीड़ित को सीधा लेटाकर ही रखें, अन्यथा शरीर में हलचल होने से जहर फैल सकता है.
  • अगर हाथ में सांप ने काटा है तो नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर शरीर में तेजी से न फैले.
  • सर्पदंश के स्थान को पोटैशियम परमेगनेट या लाल दवा के पानी या साबुन से धोना चाहिए.

कोरबा: बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश के मामले बढ़ने लगा है. आए दिन घरों और खेतों में सांप के डंसने से ग्रामीणों की मौत हो रही है. ताजा मामला करतला थाना क्षेत्र के बैगामार गांव का है, जहां सांप के काटने से 13 साल की छात्रा की मौत हो गई है.

सांप के काटने से 13 साल की लड़की की मौत

बैगामार गांव के रहने वाले लक्ष्मण उरांव की 13 साल की बेटी यश्वनी की सर्पदंश से मौत हो गई है. लक्ष्मण उरांव ने बताया कि उनकी बेटी यश्वनी रात में जमीन पर सोई हुई थी, तभी करैत सांप ने उसके हाथों में काट लिया, जिसके बाद यश्वनी ने तुरंत इसकी जानकारी परिजनों को दी. इसके बाद परिजनों ने तुरंत सांप को पकड़ा और यश्वनी को लेकर करतला CSC पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास

ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास है कि जब भी किसी को सांप काट ले तो तत्काल उसे पकड़ कर सुरक्षित रखना चाहिए, क्योंकि जबतक सांप सुरक्षित है, तबतक सर्पदंश का शिकार हुआ व्यक्ति भी सुरक्षित रहता है. इसी तरह अंधविश्वास की वजह से बैगामार गांव के ग्रामीणों ने भी सांप को पकड़कर रखा था.

पढ़ें: सर्पदंश की घटना में देरी और अंधविश्वास मरीजों के लिए हो सकती है जानलेवा

कोरबा में पाए जाते हैं सबसे ज्यादा जहरीले सांप

कोरबा में सामान्य तौर पर मिलने वाले धमना के साथ ही कोबरा, अजगर, डोमी, करैत के साथ ही कुछ दुर्लभ प्रजाति के सांप भी पाए जाते हैं. इसकी सूचना वन विभाग को भी है, हालांकि सांपों के संरक्षण के लिए उस तरह के प्रशासनिक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं, जैसा कि जिले में सांपों की संख्या को देखते हुए जरूरत है.

सर्पदंश से बचने उपाय

  • बारसात के मौसम में रात में बूट या जूते पहन कर घर से निकलें, क्योंकि पैर पड़ने के बाद ही सांप डसते हैं.
  • रात में बाहर निकलते समय टॉर्च जरूर साथ रखें, ताकि आप टॉर्च की रोशनी में सांप या अन्य जहरीले कीड़ों को देख सकें.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में लाठी के साथ खेत में जाना चाहिए. अगर किसी काम से रात में निकलते हैं, तब भी लाठी लेकर निकलें.
  • रात के अंधेरे में चलते समय कुछ अंतराल पर पैर पटकते रहना चाहिए, ताकि आवाज से सांप रास्ते से हट जाए.

सांप के काटने पर क्या करें

  • सबसे पहले पीड़ित को सीधा लेटा दें और बिना देरी के अस्पताल पहुंचाएं.
  • काटने वाले सांप को पहचानने की कोशिश करें, ताकि इलाज करने में आसानी हो.
  • पीड़ित को बेहोश नहीं होने दें और गर्माहट प्रदान करने का पूरा प्रयास करें.
  • पीड़ित को सीधा लेटाकर ही रखें, अन्यथा शरीर में हलचल होने से जहर फैल सकता है.
  • अगर हाथ में सांप ने काटा है तो नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर शरीर में तेजी से न फैले.
  • सर्पदंश के स्थान को पोटैशियम परमेगनेट या लाल दवा के पानी या साबुन से धोना चाहिए.
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