ETV Bharat / state

कोंडागांव : खराब सड़क से परेशान ग्रामीणों ने खुद ही बना डाली रोड

जिले के माकड़ी ब्लॉक के खालेपारा के ग्रामीणों ने सड़क की खराब हालात देखकर खुद ही सड़क का बना ली. कई बार सरपंच से शिकायत करने के बाद भी इस पर कोई काम नहीं किया गया.

खराब सड़क से परेशान ग्रामीणों ने खुद ही बना डाली सड़क
author img

By

Published : Aug 22, 2019, 8:44 AM IST

Updated : Aug 22, 2019, 2:38 PM IST

कोंडागांव : जब आपकी परेशानियों को सुनने वाला कोई न हो, तो आप क्या करेंगे ? कितनों के पास जाकर गुहार लगाएंगे और कितनों से बार-बार फरियाद करेंगे? हजार बार कोशिश करने के बाद जब आप हिम्मत हारने लगते हैं, तब काम आता है आपका दृढ़ संकल्प और आपसे जुड़े लोगों का साथ और विश्वास.

ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क

जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत करमरी के ग्रामीणों ने इसी साथ और विश्वास के साथ मिलकर गांव की खराब सड़क को देखते हुए खुद ही सड़क बना डाली.

ग्राम पंचायत करमरी जो कि माकड़ी ब्लॉक में आता है, जिसकी आबादी लगभग एक हजार है. यहां बच्चों के लिए आंगनबाड़ी भी है. शिक्षा के क्षेत्र की सुविधाएं भी है. पेयजल की व्यवस्था भी ठीक-ठाक है, लेकिन नहीं है एक पक्की सड़क, जिसकी वजह से बरसात के दिनों में ग्रामीणों को आने-जाने सहित कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बारिश के दिनों में होती है परेशानी
करमरी पंचायत के खालेपारा के ग्रामीणों की पिछले कई सालों से मांग रही है कि उनके क्षेत्र में जो सड़क है उसे दुरुस्त किया जाए, लेकिन इनकी अब तक किसी ने नहीं सुनी. अधिकतर ग्रामीणों का घर इसी रोड पर है और उनके खेत-खलिहान जाने का भी यही एक मात्र रास्ता है. इस सड़क के दोनों तरफ 20 से 25 घर हैं और बारिश के दिनों में ये क्षेत्र टापू सा बन जाता है.

13 ट्राली मुरुम मंगाकर की सड़क की मरम्मत
आने-जाने की दिक्कतों और खेत-खलिहानों तक जाने के लिए एकमात्र सड़क की उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वयं ही रापा-कुदाल निकाल और खुद के व्यय पर मुरुम मंगवाकर इस सड़क को संवारने का जिम्मा उठाया. अभी उन्होंने लगभग 13 ट्राली मुरुम मंगाकर समतलीकरण और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है और उनका कहना है कि आगे भी बिना पंचायत की मदद से ही वो इस सड़क को दुरुस्त करेंगे.

सरपंच ने नहीं ली कोई सुध
यहां की महिला सरपंच बिना सोरी है और पंचायत का सारा काम उनके पति ही संभालते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार बताने पर भी सरपंच उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही हैं.

मामले में ग्राम के कोटवार का कहना है कि सरपंच गांव के विकास कार्यों में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं. सड़क की मरम्मत के लिए उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर कई बार सरपंच को आवेदन दिया पर सरपंच-सचिव ने कभी भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया.

पढ़ें- CM की जन चौपाल: किसी को चाहिए भवन तो किसी को सड़क, सभी को भूपेश का आश्वासन

सरपंच ने झाड़ा पल्ला
वहीं सरपंच पति बताते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. यदि ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर उनके पास आते, तो वे उनकी मांग जरूर पूरी करते.

कोंडागांव : जब आपकी परेशानियों को सुनने वाला कोई न हो, तो आप क्या करेंगे ? कितनों के पास जाकर गुहार लगाएंगे और कितनों से बार-बार फरियाद करेंगे? हजार बार कोशिश करने के बाद जब आप हिम्मत हारने लगते हैं, तब काम आता है आपका दृढ़ संकल्प और आपसे जुड़े लोगों का साथ और विश्वास.

ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क

जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत करमरी के ग्रामीणों ने इसी साथ और विश्वास के साथ मिलकर गांव की खराब सड़क को देखते हुए खुद ही सड़क बना डाली.

ग्राम पंचायत करमरी जो कि माकड़ी ब्लॉक में आता है, जिसकी आबादी लगभग एक हजार है. यहां बच्चों के लिए आंगनबाड़ी भी है. शिक्षा के क्षेत्र की सुविधाएं भी है. पेयजल की व्यवस्था भी ठीक-ठाक है, लेकिन नहीं है एक पक्की सड़क, जिसकी वजह से बरसात के दिनों में ग्रामीणों को आने-जाने सहित कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बारिश के दिनों में होती है परेशानी
करमरी पंचायत के खालेपारा के ग्रामीणों की पिछले कई सालों से मांग रही है कि उनके क्षेत्र में जो सड़क है उसे दुरुस्त किया जाए, लेकिन इनकी अब तक किसी ने नहीं सुनी. अधिकतर ग्रामीणों का घर इसी रोड पर है और उनके खेत-खलिहान जाने का भी यही एक मात्र रास्ता है. इस सड़क के दोनों तरफ 20 से 25 घर हैं और बारिश के दिनों में ये क्षेत्र टापू सा बन जाता है.

13 ट्राली मुरुम मंगाकर की सड़क की मरम्मत
आने-जाने की दिक्कतों और खेत-खलिहानों तक जाने के लिए एकमात्र सड़क की उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वयं ही रापा-कुदाल निकाल और खुद के व्यय पर मुरुम मंगवाकर इस सड़क को संवारने का जिम्मा उठाया. अभी उन्होंने लगभग 13 ट्राली मुरुम मंगाकर समतलीकरण और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है और उनका कहना है कि आगे भी बिना पंचायत की मदद से ही वो इस सड़क को दुरुस्त करेंगे.

सरपंच ने नहीं ली कोई सुध
यहां की महिला सरपंच बिना सोरी है और पंचायत का सारा काम उनके पति ही संभालते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार बताने पर भी सरपंच उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही हैं.

मामले में ग्राम के कोटवार का कहना है कि सरपंच गांव के विकास कार्यों में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं. सड़क की मरम्मत के लिए उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर कई बार सरपंच को आवेदन दिया पर सरपंच-सचिव ने कभी भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया.

पढ़ें- CM की जन चौपाल: किसी को चाहिए भवन तो किसी को सड़क, सभी को भूपेश का आश्वासन

सरपंच ने झाड़ा पल्ला
वहीं सरपंच पति बताते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. यदि ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर उनके पास आते, तो वे उनकी मांग जरूर पूरी करते.

Intro:

जिला मुख्यालय कोंडागांव से 30 किलोमीटर पर ग्राम पंचायत करमरी में ग्रामीणों द्वारा सरपंच के ना सुनने-मानने पर खुद ही सड़क बनाने का मामला सामने आया है....

Body:ग्राम पंचायत करमरी जो कि माकड़ी ब्लाक के अंतर्गत आता है की आबादी लगभग 1000 है यहां बच्चों के लिए आंगनबाड़ी भी है ,शिक्षा के क्षेत्र की सुविधाएं यदि देखी जाए तो यहां आठवीं तक स्कूल है और अभी अभी यहां दसवीं कक्षा तक शाला का उन्नयन हुआ है।
पेयजल की व्यवस्था ठीक-ठाक है , गर्मियों में पानी की किल्लत यहां रहती है ।
यहां की सरपंच बिना सोरी महिला हैं पर पंचायत का सारा कार्य उनके पति ही देखते संभालते हैं।
करमरी पंचायत के खाले पारा के ग्रामीणों की पिछले कई वर्षों से मांग रही है कि उनके क्षेत्र में जो सड़क है उसे दुरुस्त कराया जाए ।
गर्मी और ठंड तो जैसे-तैसे निकल जाता है पर बारिश में आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। करमरी पंचायत के अधिकतर ग्रामीणों का घर इसी रोड पर है और उनके खेत खलिहान जाने का भी यही एक मात्र रास्ता है। इस मार्ग पर दोनों ओर 20 से 25 घर हैं और बारिश के दिनों में यह क्षेत्र टापू सा प्रतीत होता है।
एकमात्र मार्ग पर पानी व कीचड़ जमा हो जाने से आने-जाने में काफी दिक्कत होती है दुपहिया व चार पहिया वाहनों को जैसे-तैसे पार किया जाता है क्योंकि अधिकतर ग्रामीणों के खेत खलिहान खालेपारा से आगे लगा हुआ है सो इस मार्ग की उपयोगिता बहुत बढ़ जाती है।
बाइट -1_ ग्रामीण
2_कोटवार, सुरेंद्र दास मानिकपुरी
3_सरपंच पति धंसुलाल सोरीConclusion:
ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार पंचायत को इस सड़क के मरम्मत व निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं पर वह लगातार उनकी अनसुनी कर रहे हैं ।आने जाने की दिक्कतों व खेत खलिहान तक जाने के लिए एकमात्र मार्ग की उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वयं ही रापा-कुदाल निकाल और खुद के व्यय पर मुरूम मंगवा कर इस सड़क को संवारने का जिम्मा उठाया, अभी उन्होंने लगभग 20 ट्राली मुरूम मंगाकर समतली व मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है व आगे भी बिना पंचायत के मदद के ही वे इस सड़क को दुरुस्त करेंगे ।
ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार बताने पर भी सरपंच उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है जिसे देखते हुए उन्होंने समस्या को निपटाने स्वयं के व्यय पर ही सड़क की मरम्मत का जिम्मा उठाया है ।

वहीं सरपंच पति बताते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है यदि ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर उनके पास आते तो वे उनकी मांग जरूर पूरी करते।
मामले पर ग्राम के कोटवार का कहना है कि सरपंच ग्राम के विकास कार्यों में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं, इस सड़क के मरम्मत के लिए उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर कई बार सरपंच को आवेदन दिया पर सरपंच-सचिव ने कभी भी इस ओर ध्यान नहीं दिया,
इसलिए अब ग्रामीणों ने साथ मिलकर स्वयं के व्यय पर ही इस सड़क के मरम्मत कार्य का जिम्मा उठाया है।
Last Updated : Aug 22, 2019, 2:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.