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लॉकडाउन और बेमौसम बारिश से सब्जी किसानों पर दोहरी मार

कोरोना संंक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन और बेमौसम बारिश ने सब्जी और फल बेचने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है. किसान अब दोहरी मार झेल रहे हैं. बाजारों में डिमांड कम होने की वजह से किसान कम दाम में सब्जियां बेच रहे हैं. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है.

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Published : May 15, 2021, 5:47 PM IST

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नहीं बिक रहे फल और सब्जी

कोंडागांव: लॉकडाउन और बेमौसम बारिश ने सब्जी उत्पादकों और किसानों को काफी प्रभावित किया है. जिनके कंधों पर घर-परिवार का पेट भरने का दारोमदार है, लॉकडाउन और मौसम की दोहरी मार ने उन किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

नहीं बिक रहे फल और सब्जी

जिन पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है वो हैं सब्जी उत्पादक किसान. चूंकि तैयार सब्जियों को ज्यादा दिन स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है. मांग घटने के चलते और बारिश की वजह से इन सब्जी किसानों के तैयार फसल खेतों में ही सड़ रहे हैं. ऐसे में किसानों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.

ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ा असर

कोंडागांव में लॉकडाउन का असर ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ा है. ट्रांसपोर्टर गाड़ियां जब्त किए जाने के डर से अपने वाहन बाहर नहीं निकाल रहे हैं. जिससे एक जिले से दूसरे जिलों के मंडियों में सब्जियों की आवाजाही कम हो गई है. जो किसान अपने वाहनों से सब्जियां लेकर मंडियों में पहुंचा रहे हैं वो भी लॉकडाउन के चलते मंडी में व्यापारियों की कमी से औने-पौने दाम पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं. मंडी से सब्जी बाहर नहीं जा पा रही है. साथ ही तेज आंधी तूफान और बारिश खेतों में लगे फसल को भी तबाह कर रही है. जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है.

कोरोना के बीच बारिश का कहर, फसल और सब्जी बर्बाद, कई गांवों में ब्लैक आउट

औने-पौने दामों में बिक रही सब्जियां

सरकार ने लॉकडाउन के चलते जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए जरुरी खाद्य वस्तुओं और सब्जियों के फुटकर और थोक रेट तय कर रखे हैं. जिससे कोई भी दुकानदार सरकार की ओर से तय किए गए इस रेट से ज्यादा रेट नहीं ले सकता है. लेकिन सब्जी के मामले में यह एकदम उलटा हो गया है. यहां सब्जियां सरकार के तय मूल्य से भी कम दाम पर बिक रही है. जिन किसानों नें सब्जियों की खेती कर रखी है, मांग कम होने के चलते उनकी तैयार फसल खेतों में सड़ रही है. ऐसे में सब्जी किसान अपने तैयार फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं.

कोंडागांव: लॉकडाउन और बेमौसम बारिश ने सब्जी उत्पादकों और किसानों को काफी प्रभावित किया है. जिनके कंधों पर घर-परिवार का पेट भरने का दारोमदार है, लॉकडाउन और मौसम की दोहरी मार ने उन किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

नहीं बिक रहे फल और सब्जी

जिन पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है वो हैं सब्जी उत्पादक किसान. चूंकि तैयार सब्जियों को ज्यादा दिन स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है. मांग घटने के चलते और बारिश की वजह से इन सब्जी किसानों के तैयार फसल खेतों में ही सड़ रहे हैं. ऐसे में किसानों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.

ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ा असर

कोंडागांव में लॉकडाउन का असर ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ा है. ट्रांसपोर्टर गाड़ियां जब्त किए जाने के डर से अपने वाहन बाहर नहीं निकाल रहे हैं. जिससे एक जिले से दूसरे जिलों के मंडियों में सब्जियों की आवाजाही कम हो गई है. जो किसान अपने वाहनों से सब्जियां लेकर मंडियों में पहुंचा रहे हैं वो भी लॉकडाउन के चलते मंडी में व्यापारियों की कमी से औने-पौने दाम पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं. मंडी से सब्जी बाहर नहीं जा पा रही है. साथ ही तेज आंधी तूफान और बारिश खेतों में लगे फसल को भी तबाह कर रही है. जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है.

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औने-पौने दामों में बिक रही सब्जियां

सरकार ने लॉकडाउन के चलते जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए जरुरी खाद्य वस्तुओं और सब्जियों के फुटकर और थोक रेट तय कर रखे हैं. जिससे कोई भी दुकानदार सरकार की ओर से तय किए गए इस रेट से ज्यादा रेट नहीं ले सकता है. लेकिन सब्जी के मामले में यह एकदम उलटा हो गया है. यहां सब्जियां सरकार के तय मूल्य से भी कम दाम पर बिक रही है. जिन किसानों नें सब्जियों की खेती कर रखी है, मांग कम होने के चलते उनकी तैयार फसल खेतों में सड़ रही है. ऐसे में सब्जी किसान अपने तैयार फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं.

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