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वन औषधियों का अवैध खनन रोकने के लिए धारा 144 लागू, वैद्यराज संघ ने जताया आभार

जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन ने सराहनीय कदम उठाया है. जिसमें वन औषधी का अवैध खनन और बिक्री को रोकने के लिए ऐसे इलाकों में धारा 144 (2) लागू कर दिया गया है.

वैद्यराज संघ ने किया आभार प्रकट
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Published : Oct 19, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:58 PM IST

कोंडागांव: विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के बड़ा कदम उठाया है. जिला प्रशासन की पहल से परंपरागत वन औषधी प्रशिक्षित वैद्य संघ में खुशी का माहौल है. संघ ने कहा कि कोंडागांव जिला प्राकृतिक जड़ी-बूटी से परिपूर्ण है. इन्हीं जड़ी-बुटियों की धरोहर को सहेजने और उन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पहली बार कोई कदम उठाया है.

वैद्यराज संघ ने जताया आभार

शनिवार को जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियां जैसे भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना, जैसी औषधीय पौधों को बिचैलियों से बचाने के लिए ऐसे इलाकों में धारा 144 लागू कर दिया गया है.

पढ़े: चिटफंड मामलें में भाजपा ने भूपेश सराकर को घेरा, लगाए ये आरोप

कलेक्टर ने कहा कि जिले की परंपरागत और मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित वैद्यों ही आमजनों के उपचार करने हेतु वन अधिकार समिति से अनुमति प्राप्त कर भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरिया छाल, रसना का उपयोग कर सकेंगे.

कोंडागांव: विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के बड़ा कदम उठाया है. जिला प्रशासन की पहल से परंपरागत वन औषधी प्रशिक्षित वैद्य संघ में खुशी का माहौल है. संघ ने कहा कि कोंडागांव जिला प्राकृतिक जड़ी-बूटी से परिपूर्ण है. इन्हीं जड़ी-बुटियों की धरोहर को सहेजने और उन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पहली बार कोई कदम उठाया है.

वैद्यराज संघ ने जताया आभार

शनिवार को जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियां जैसे भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना, जैसी औषधीय पौधों को बिचैलियों से बचाने के लिए ऐसे इलाकों में धारा 144 लागू कर दिया गया है.

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कलेक्टर ने कहा कि जिले की परंपरागत और मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित वैद्यों ही आमजनों के उपचार करने हेतु वन अधिकार समिति से अनुमति प्राप्त कर भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरिया छाल, रसना का उपयोग कर सकेंगे.

Intro:जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय।
Body:बोरगांव/कोंडागांव : जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कदम उठाने से जिला "परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ" में खुशी का माहौल है। उनका कहना है कि कोण्डागांव जिला प्राकृतिक जड़ी-बुटियों की सम्पदा से परिपूर्ण है। इन्हीं जड़ी-बुटियों की धरोहर को सहेजने एवं उन्हें विलुप्त होने से बचाने लिए जिला प्रशासन द्वारा पहली बार बड़ा कदम उठाने से वैद्यराज संघ द्वारा आभार सभा का आयोजन कर जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट किया गया।Conclusion:सभा को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि चूंकि जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों जैसे भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना, जैसी विभिन्न प्रकार की औषधि पौधो को कथित बिचैलियों एवं व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से खरीदी कर उसे बाहर बेचा जा रहा है और जिले के वैद्यराज लोगों को जरूरत के समय जड़ी-बूटी नहीं मिल पाता फलस्वरुप इन जड़ी बूटियों के अंधाधुंध दोहन से इनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसे देखते हुए ही प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार दिनांक 10 अक्टूबर 2019 से कोण्डागांव जिले के किसी भी हाट बाजार में उपरोक्त औषधियों का क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने आगे कहा कि जिले के परम्परागत एवं मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित वैद्यो द्वारा आमजनो के उपचार करने हेतु वन अधिकार समिति से अनुमति प्राप्त कर भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना का उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए संपूर्ण कोण्डागांव जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (2) एक पक्षीय प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया गया है।
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:58 PM IST
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