कोंडागांव: विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के बड़ा कदम उठाया है. जिला प्रशासन की पहल से परंपरागत वन औषधी प्रशिक्षित वैद्य संघ में खुशी का माहौल है. संघ ने कहा कि कोंडागांव जिला प्राकृतिक जड़ी-बूटी से परिपूर्ण है. इन्हीं जड़ी-बुटियों की धरोहर को सहेजने और उन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने पहली बार कोई कदम उठाया है.
शनिवार को जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियां जैसे भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना, जैसी औषधीय पौधों को बिचैलियों से बचाने के लिए ऐसे इलाकों में धारा 144 लागू कर दिया गया है.
पढ़े: चिटफंड मामलें में भाजपा ने भूपेश सराकर को घेरा, लगाए ये आरोप
कलेक्टर ने कहा कि जिले की परंपरागत और मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित वैद्यों ही आमजनों के उपचार करने हेतु वन अधिकार समिति से अनुमति प्राप्त कर भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरिया छाल, रसना का उपयोग कर सकेंगे.