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आइफा के राष्ट्रीय संयोजक राजाराम त्रिपाठी से खास बातचीत, जानें टिड्डियों को कैसे करें काबू

कोंडागांव में भी टिड्डी दल के प्रवेश को लेकर प्रशासन और किसान सतर्क हो गए हैं. टिड्डी दल से बचाव के लिए किसान तैयार हैं. इसके साथ ही जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से बचने के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए गए हैं. आइफा के राष्ट्रीय संयोजक राजाराम त्रिपाठी ने ETV BHARAT के साथ खास बातचीत में टिड्डियों को काबू करने के उपाय बताए.

conversation with Rajaram Tripathi
राजाराम त्रिपाठी से खास बातचीत
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Published : May 30, 2020, 7:17 PM IST

कोंडागांव: टिड्डी दल के प्रकोप को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. टिड्डियों का ये दल राजस्थान से होते हुए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य तक पहुंच गया है. प्रदेश के भी कुछ जिलों में टिड्डी दल यहां की फसलों को अपना निवाला बना सकता है. इसके चलते कोंडागांव के सभी सीमावर्ती गांवों में मुनादी कराई गई है और सुरक्षा दल का गठन किया गया है. साथ ही कलेक्टर ने मैदानी स्तर पर अधिकारियों को सतत् निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं.

राजाराम त्रिपाठी से खास बातचीत

अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) के राष्ट्रीय संयोजक राजाराम त्रिपाठी ने इन टिड्डियों के झुंड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं. हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है. टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड बनाकर पेड़-पौधे और वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. ये टिड्डी 15 से 20 मिनट में फसलों को चट कर सकते हैं.

problem of locust swarm
जानें टिड़्डी दल को कैसे करें काबू

ऐसे भगाएं टिड्डियों को

टिड्डी दल से बचाव पर राजाराम त्रिपाठी ने बताया कि टिड्डियों को फसलों पर बैठने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास घास-फूस जलाकर धुआं करें. इससे टिड्डी दल खेत में ना बैठकर आगे निकल जाता है. आवाज से भी ये टिड्डी दल डरता है. खेतों में पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करके भी टिड्डयों को भगाया जा सकता है. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर टिड्डी के अंडों को नष्ट किया जा सकता है.

problem of locust swarm
जानें टिड़्डी दल को कैसे करें काबू

पढ़ें: टिड्डी से बचाएंगे 'डीजे वाले बाबू', कवर्धा जिला प्रशासन ने किया इंतजाम

ये कीटनाशक आ सकते हैं काम

कृषक बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत, डब्ल्यू.पी.125 ग्राम, डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिशत. ईसी.या डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिशत, यूएलवी 1400 मिलीलीटर या डाईफलुबेंजुरन 25 प्रतिशत, डब्ल्यू पी 120 ग्राम या लैम्डा साइक्लोथीरिन 5 प्रतिशत, ईसी 400 एमएल या लैम्डा साइक्लोथीरिन 10 प्रतिशत, डब्ल्यू पी 200 ग्राम या फेनवेलरेटेड 0.4 प्रतिशत, डीपी जैसे कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं.

जिले में बनाया गया कंट्रोल रूम

टिड्डी दल से बचाव के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. जिला स्तर पर नोडल अनुविभागीय कृषि अधिकारी उग्रेश कुमार देवांगन (9406426064), सहायक नोडल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जीआर नाग (7869185206), सहायक सौरभ वर्मा (9617404654) और आनंद नेताम (9479017852) को नियुक्त किया गया है. टिड्डी दल के संबंध में जानकारी या सूचना नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर दी जा सकती है.

कोंडागांव: टिड्डी दल के प्रकोप को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. टिड्डियों का ये दल राजस्थान से होते हुए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य तक पहुंच गया है. प्रदेश के भी कुछ जिलों में टिड्डी दल यहां की फसलों को अपना निवाला बना सकता है. इसके चलते कोंडागांव के सभी सीमावर्ती गांवों में मुनादी कराई गई है और सुरक्षा दल का गठन किया गया है. साथ ही कलेक्टर ने मैदानी स्तर पर अधिकारियों को सतत् निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं.

राजाराम त्रिपाठी से खास बातचीत

अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) के राष्ट्रीय संयोजक राजाराम त्रिपाठी ने इन टिड्डियों के झुंड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं. हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है. टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड बनाकर पेड़-पौधे और वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. ये टिड्डी 15 से 20 मिनट में फसलों को चट कर सकते हैं.

problem of locust swarm
जानें टिड़्डी दल को कैसे करें काबू

ऐसे भगाएं टिड्डियों को

टिड्डी दल से बचाव पर राजाराम त्रिपाठी ने बताया कि टिड्डियों को फसलों पर बैठने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास घास-फूस जलाकर धुआं करें. इससे टिड्डी दल खेत में ना बैठकर आगे निकल जाता है. आवाज से भी ये टिड्डी दल डरता है. खेतों में पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करके भी टिड्डयों को भगाया जा सकता है. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर टिड्डी के अंडों को नष्ट किया जा सकता है.

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जानें टिड़्डी दल को कैसे करें काबू

पढ़ें: टिड्डी से बचाएंगे 'डीजे वाले बाबू', कवर्धा जिला प्रशासन ने किया इंतजाम

ये कीटनाशक आ सकते हैं काम

कृषक बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत, डब्ल्यू.पी.125 ग्राम, डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिशत. ईसी.या डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिशत, यूएलवी 1400 मिलीलीटर या डाईफलुबेंजुरन 25 प्रतिशत, डब्ल्यू पी 120 ग्राम या लैम्डा साइक्लोथीरिन 5 प्रतिशत, ईसी 400 एमएल या लैम्डा साइक्लोथीरिन 10 प्रतिशत, डब्ल्यू पी 200 ग्राम या फेनवेलरेटेड 0.4 प्रतिशत, डीपी जैसे कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं.

जिले में बनाया गया कंट्रोल रूम

टिड्डी दल से बचाव के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. जिला स्तर पर नोडल अनुविभागीय कृषि अधिकारी उग्रेश कुमार देवांगन (9406426064), सहायक नोडल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जीआर नाग (7869185206), सहायक सौरभ वर्मा (9617404654) और आनंद नेताम (9479017852) को नियुक्त किया गया है. टिड्डी दल के संबंध में जानकारी या सूचना नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर दी जा सकती है.

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