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कोंडागांव में गौठान की मदद से कोंगेरा गांव की महिलाओं ने गढ़ी किस्मत

गौठान के जरिए स्वसहायता समूह की महिलाएं रोजगार प्राप्त कर रहीं हैं. केशकाल की आदिवासी और गरीब महिलाएं गौठान में संचालित विभिन्न कार्यों के जरिए आर्थिक लाभ कमा रही हैं. ये महिलाएं खुद तो आत्मनिर्भर हो रही हैं साथ ही साथ अपना घर भी चला रही हैं.

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महिलाओं को मिला रोजगार
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Published : Apr 19, 2021, 10:15 PM IST

कोंडागांव : जिले की आदिवासी महिलाएं सशक्त बनने की राह पर है. बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोंगेरा गांव में बनाए गए गौठान में महिलाएं सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन और वर्मी कंपोस्ट तैयार कर खुद को आत्मनिर्भर बना रही है. मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के तहत बनाए गए गौठान में कार्य कर महिलाएं शासन की योजना का भरपूर लाभ ले रही हैं.

गौठान से किस्मत गढ़ती महिलाएं

SPECIAL: कभी तरसती थीं रोजगार के लिए, अब जज़्बे से बदल दी अपनी तकदीर

कोंगेरा गौठान में लगभग 2.25 एकड़ के क्षेत्र में महिला समूह की सदस्य अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं. यहां मुनगा, बरबट्टी, टमाटर, गोभी, मिर्च जैसी सब्जियों की पैदावार कर महिलाएं इसकी बिक्री कर रही है. गौठान समिति के अध्यक्ष धन्नूराम मरकाम ने बताया कि कुल 10 स्वसहायता समूह यहां कार्यरत है. हर समूह में 110 सदस्य काम करते हैं. सभी समूहों को रोजगार के लिए अलग-अलग काम दिया गया है. बकरी पालन, कुक्कुट पालन, गोधन दुग्ध उत्पादन, दाल प्रोसेसिंग- पैकेजिंग और वर्मी कंपोस्ट निर्माण जैसे कई कार्य महिलाएं कर रही हैं.

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टमाटर की खेती करती महिलाएं

महिलाओं को मिल रहा रोजगार

समूह की महिलाओं का कहना है कि वह विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा रही हैं. मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ(मुर्गा) पालन समेत अन्य प्रकार की गतिविधियों से स्वरोजगार प्राप्त कर अच्छा लाभ कमा रही हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांव में गौठान का निर्माण करवाया था. तब से यहां की महिलाओं को गौठान के जरिए रोजगार मिल रहा है.

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गोधन पालन
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वर्मी कंपोस्ट

प्रशासनिक टीम कर रही मदद

जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के निर्देशानुसार लगातार बिहान और कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मॉनिटरिंग करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. इस टीम में सरिता धनेलिया बीपीएम, महेश्वर राठौर वाईपी, कृषि विभाग से सेवक मरकाम, प्रभात मंडल, एसी रूपा मंडावी, पीआरपी मनोज साहू और ममता ध्रुव महिलाओं को सहायता प्रदान कर रही हैं.

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समूह की महिलाएं

कोंडागांव : जिले की आदिवासी महिलाएं सशक्त बनने की राह पर है. बड़ेराजपुर ब्लॉक के कोंगेरा गांव में बनाए गए गौठान में महिलाएं सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन और वर्मी कंपोस्ट तैयार कर खुद को आत्मनिर्भर बना रही है. मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के तहत बनाए गए गौठान में कार्य कर महिलाएं शासन की योजना का भरपूर लाभ ले रही हैं.

गौठान से किस्मत गढ़ती महिलाएं

SPECIAL: कभी तरसती थीं रोजगार के लिए, अब जज़्बे से बदल दी अपनी तकदीर

कोंगेरा गौठान में लगभग 2.25 एकड़ के क्षेत्र में महिला समूह की सदस्य अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं. यहां मुनगा, बरबट्टी, टमाटर, गोभी, मिर्च जैसी सब्जियों की पैदावार कर महिलाएं इसकी बिक्री कर रही है. गौठान समिति के अध्यक्ष धन्नूराम मरकाम ने बताया कि कुल 10 स्वसहायता समूह यहां कार्यरत है. हर समूह में 110 सदस्य काम करते हैं. सभी समूहों को रोजगार के लिए अलग-अलग काम दिया गया है. बकरी पालन, कुक्कुट पालन, गोधन दुग्ध उत्पादन, दाल प्रोसेसिंग- पैकेजिंग और वर्मी कंपोस्ट निर्माण जैसे कई कार्य महिलाएं कर रही हैं.

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टमाटर की खेती करती महिलाएं

महिलाओं को मिल रहा रोजगार

समूह की महिलाओं का कहना है कि वह विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा रही हैं. मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ(मुर्गा) पालन समेत अन्य प्रकार की गतिविधियों से स्वरोजगार प्राप्त कर अच्छा लाभ कमा रही हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांव में गौठान का निर्माण करवाया था. तब से यहां की महिलाओं को गौठान के जरिए रोजगार मिल रहा है.

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गोधन पालन
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वर्मी कंपोस्ट

प्रशासनिक टीम कर रही मदद

जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के निर्देशानुसार लगातार बिहान और कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मॉनिटरिंग करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. इस टीम में सरिता धनेलिया बीपीएम, महेश्वर राठौर वाईपी, कृषि विभाग से सेवक मरकाम, प्रभात मंडल, एसी रूपा मंडावी, पीआरपी मनोज साहू और ममता ध्रुव महिलाओं को सहायता प्रदान कर रही हैं.

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समूह की महिलाएं
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