कोंडागांव: शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. कहीं आधा अधूरा शौचालय निर्माण कर सरपंच-सचिव ने पूरी रकम निकाल ली है, तो कई पंचायतों में सरपंच-सचिव ने मिलकर ग्रामीणों को मिलने वाली राशि को ही डकार लिए हैं. ऐसे ही मामले को लेकर बड़े राजपुर के ग्राम पंचायत बाड़ागांव के ग्रामीण शिकायत करने जिला मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने जिला कलेक्टर और जिला पंचायत CEO से इसकी शिकायत की है.
ग्रामीणों के मुताबिक कलेक्टर ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए ग्रामीणों के आवेदन को जिला पंचायत CEO के पास कार्रवाई के लिए भेजा है.
सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप
ग्राम पंचायत बाड़ागांव में शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला एक बार फिर सामने आया है. आरोप है कि सरपंच ने लाखों रुपए का गबन किया है. दरअसल यहां 342 शौचालयों का निर्माण हुआ था. वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत 342 हितग्राहियों की लगभग 41 लाख रुपए शासन की ओर से भेजा गया है, जिस राशि को सरपंच ने निकालकर खुद अपने पास रख लिया है. इसके कारण ग्रामीण सरपंच के कार्यालय का महीनों से चक्कर काट रहे हैं.
नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बाड़ागांव सरपंच के खिलाफ कई भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच ने हितग्राहियों का लगभग 41 लाख रुपए की हेराफेरी की है. इसकी शिकायत 8-9 महीने से ग्रामीण जिले के अधिकारियों से कर रहे है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी जांच के दौरान ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाते, जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का आरोप है कि जांच अधिकारी महज खानापूर्ति करके चले जाते हैं.
पंचों ने सरपंच के खिलाफ खोला मोर्चा
पंचायत चुनाव से ठीक पहले ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों ने सरपंच के शौचालय निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वार्ड पंचों ने बताया कि सरपंच ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में गरीब ग्रामीणों की रकम को डकार लिया है.
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बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर होने के बावजूद ग्रामीण अपने खर्चे से तीन बार वहां पहुंचकर कलेक्टर और जिला पंचायत CEO से मुलाकात कर शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा जनपद पंचायत बड़े राजपुर का कई बार चक्कर काट चुके हैं. उनका आरोप है कि बड़े राजपुर जनपद पंचायत के CEO ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. इसके कारण उन्हें जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है. वहीं अब ग्रामीण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजधानी जाकर शिकायत करने की तैयारी में हैं.