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केशकाल घाटी: चौड़ीकरण के बाद हादसों में कमी, लेकिन सुरक्षा इंतजाम पर अब भी सवाल - Road widening reduced accident

रायपुर से जगदलपुर के बीच लाइफ लाइन कही जानी वाली NH-30 सड़क केशकाल घाटी से होकर गुजरती है. जिसमें 10 घुमावदार तीखे मोड़ हैं, गहरी खाइयां हैं. सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां सड़क दुर्घटनाओं के काफी कमी आई है, लेकिन कई सवाल अब भी हैं. देखिये केशकाल घाटी में सुरक्षा के कितने इंतजाम पर ये विशेष रिपोर्ट...

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केशकाल घाटी
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Published : Feb 25, 2021, 10:16 PM IST

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में स्थित केशकाल की घाटी काफी प्रसिद्ध है. केशकाल की बसाहट पहाड़ी क्षेत्रों में है. यहां का अधिकांश भाग ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बसा है और घने जंगल यहां पर हैं. रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने वाली सड़क NH-30 केशकाल घाटी से होकर गुजरती है. केशकाल की घाटी को फूलों की घाटी भी कहा जाता है. करीब 6 किलोमीटर की सड़क इसी घाटी में होकर गुजरती है.

केशकाल घाटी रोड चौड़ीकरण के बाद दुर्घटनाओं में आई कमी

वर्ष 1910 के आसपास केशकाल घाटी का निर्माण हुआ था. पहले इस हाइवे की चौड़ाई काफी कम थी. लिहाजा यहां अक्सर जाम लग जाया करता था. वहीं दुर्घटनाएं भी होती रहती थीं. लेकिन केशकाल घाटी में जाम से निजात दिलाने के लिए यहां सड़क का चौड़ीकरण किया गया. जिसके चलते अब वाहनों को क्रॉसिंग, ओवरटेक करने में दिक्कतें कम आती हैं.

लाइफ लाइन केशकाल घाटी

रायपुर से जगदलपुर के बीच लाइफ लाइन कहे जानी वाली NH-30 सड़क केशकाल घाटी से होकर गुजरती है. जिसमें 10 घुमावदार तीखे मोड़ हैं, गहरी खाइयां हैं. सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां सड़क दुर्घटनाओं के मामले में कमी जरूर आई है.

कोंडागांव: NH-30 पर बेकाबू ट्रक पेड़ से टकराया, 5 घंटे के रेस्क्यू के बाद निकाले गए ड्राइवर ने तोड़ा दम

सड़क चौड़ीकरण के बाद हादसों में आई कमी

केशकाल थाना प्रभारी ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां सड़क हादसों में कमी आई है. बीते 2 सालों में यहां दर्जन भर से ज्यादा एक्सीडेंट हुए हैं. इन 2 सालों में केवल एक बार ही दिसंबर 2019 में एक बस खाई में गिर गई थी. हालांकि इस हादसे में किसी भी यात्री की मौत नहीं हुई. वहीं कुछ हादसे आमने-सामने वाहनों के टकराने से जरूर हुए हैं.

कुछ जगह बैरियर, पैराफिट नहीं

दुर्घटना को रोकने के लिए इस 6 किलोमीटर की घाटी में क्रैश बैरियर, पैराफिट की व्यवस्था की गई है. हालांकि तीखे और अत्यधिक घुमावदार मोड़ होने के कारण अक्सर भारी वाहन फंस जाते हैं. वहीं तकनीकी खराबी के चलते गाड़ियों के घाट में फंस जाने से जाम की स्थिति बन जाती है. हालांकि कई जगहों पर क्रैश बैरियर, पैराफिट या रैलिंग के न होने से जान-माल के नुकसान का अंदेशा बना रहता है.

केशकाल घाटी में ट्रेलर पलटने से लगा लंबा जाम, 3 घंटे बाद बहाल हुई सेवा

राहगीरों की मांग

केशकाल घाट से हर हजारों वाहन गुजरते हैं. जिसमें राहगीर भी और दुपहिया वाहनें भी यहां से गुजरती हैं. राहगीरों और स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट में कहीं-कहीं पर पैराफिट बनाए गए हैं. पर कई स्थानों पर सड़क के किनारे खाई या गड्ढे हैं. जहां पर कभी भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. जिस पर शासन-प्रशासन को ध्यान देते हुए क्रैश बैरियर , पैराफिट या फिर रेलिंग की व्यवस्था करते हुए सड़क को दुरुस्त करना चाहिए.

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में स्थित केशकाल की घाटी काफी प्रसिद्ध है. केशकाल की बसाहट पहाड़ी क्षेत्रों में है. यहां का अधिकांश भाग ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बसा है और घने जंगल यहां पर हैं. रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने वाली सड़क NH-30 केशकाल घाटी से होकर गुजरती है. केशकाल की घाटी को फूलों की घाटी भी कहा जाता है. करीब 6 किलोमीटर की सड़क इसी घाटी में होकर गुजरती है.

केशकाल घाटी रोड चौड़ीकरण के बाद दुर्घटनाओं में आई कमी

वर्ष 1910 के आसपास केशकाल घाटी का निर्माण हुआ था. पहले इस हाइवे की चौड़ाई काफी कम थी. लिहाजा यहां अक्सर जाम लग जाया करता था. वहीं दुर्घटनाएं भी होती रहती थीं. लेकिन केशकाल घाटी में जाम से निजात दिलाने के लिए यहां सड़क का चौड़ीकरण किया गया. जिसके चलते अब वाहनों को क्रॉसिंग, ओवरटेक करने में दिक्कतें कम आती हैं.

लाइफ लाइन केशकाल घाटी

रायपुर से जगदलपुर के बीच लाइफ लाइन कहे जानी वाली NH-30 सड़क केशकाल घाटी से होकर गुजरती है. जिसमें 10 घुमावदार तीखे मोड़ हैं, गहरी खाइयां हैं. सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां सड़क दुर्घटनाओं के मामले में कमी जरूर आई है.

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सड़क चौड़ीकरण के बाद हादसों में आई कमी

केशकाल थाना प्रभारी ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां सड़क हादसों में कमी आई है. बीते 2 सालों में यहां दर्जन भर से ज्यादा एक्सीडेंट हुए हैं. इन 2 सालों में केवल एक बार ही दिसंबर 2019 में एक बस खाई में गिर गई थी. हालांकि इस हादसे में किसी भी यात्री की मौत नहीं हुई. वहीं कुछ हादसे आमने-सामने वाहनों के टकराने से जरूर हुए हैं.

कुछ जगह बैरियर, पैराफिट नहीं

दुर्घटना को रोकने के लिए इस 6 किलोमीटर की घाटी में क्रैश बैरियर, पैराफिट की व्यवस्था की गई है. हालांकि तीखे और अत्यधिक घुमावदार मोड़ होने के कारण अक्सर भारी वाहन फंस जाते हैं. वहीं तकनीकी खराबी के चलते गाड़ियों के घाट में फंस जाने से जाम की स्थिति बन जाती है. हालांकि कई जगहों पर क्रैश बैरियर, पैराफिट या रैलिंग के न होने से जान-माल के नुकसान का अंदेशा बना रहता है.

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राहगीरों की मांग

केशकाल घाट से हर हजारों वाहन गुजरते हैं. जिसमें राहगीर भी और दुपहिया वाहनें भी यहां से गुजरती हैं. राहगीरों और स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट में कहीं-कहीं पर पैराफिट बनाए गए हैं. पर कई स्थानों पर सड़क के किनारे खाई या गड्ढे हैं. जहां पर कभी भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. जिस पर शासन-प्रशासन को ध्यान देते हुए क्रैश बैरियर , पैराफिट या फिर रेलिंग की व्यवस्था करते हुए सड़क को दुरुस्त करना चाहिए.

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