कोंडागांव/ फरसगांव: राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने बस्तर की बाजी को जीतने के लिए किसान, आदिवासी, दलित और ओबीसी कार्ड चारों को एक साथ चल दिया. उन्होंने धान खरीदी, तेंदुपत्ता की राशि और वनोपज की खरीदी को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया. राहुल गांधी ने कहा कि अगली बार धान खरीदी तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल में होगी. यह अपने आप हो जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि तेंदुपत्ता पर सालाना तेंदुपत्ता संग्राहकों को 4 हजार रुपये प्रति बोरा अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी वादा पूरा करने वाली पार्टी: राहुल गांधी ने ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी वादा पूरा करने वाली पार्टी है. हम जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं. पीएम मोदी ने जो वादा किया वह पूरा नहीं किया है. वह सबके खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किए थे. लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाए. हमने जो वादा किया. उसे पूरा किया. क्योंकि हमारी नीयत साफ है. हमने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया है. आज मैं आपको कहता हूं कि जो धान की खरीदी 2640 रुपये प्रति क्विंटल धान में हो रही है. उसे हम तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल धान बिना कहे कर देंगे. धीरे धीरे बढ़ाकर इसे तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल कर दिया.
हमारी सरकार किसानों की सरकार है (Congress Thinks About Farmers And Dalits): राहुल गांधी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों की सरकार है" हमने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था. हमने किसानों का कर्जा माफ कर दिया है. उन्होंने 15 हजार करोड़ रुपये उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर दिया है. हमने कहा था कि पहले कैबिनेट मीटिंग में कर्ज की माफी करेंगे. हमने उसे कर दिया. 19 लाख किसानों को फायदा मिला है. 10 हजार करोड़ हमने कर्जा माफ किया. यही वादा हम दोबारा कर रहे हैं. हम दोबारा फिर से छत्तीसगढ़ के किसानों का कर्जा माफ करने जा रहे हैं. हम आपका कर्जा माफ करेंगे. ये हमने आपको दिखाया है. ये हम करके दिखा देंगे."
बीजेपी की सोच आदिवासी विरोधी: राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की सोच आदिवासी विरोधी है. वे आदिवासियों के खिलाफ रहते हैं. पहले बस्तर में आपके युवाओं के फेक एनकाउंटर हुआ करते थे. जब भी मौका मिलता था. आदिवासी युवाओं को डराया और धमकाया जाता था. एमपी में आपने एक वीडियो देखा होगा. एक आदिवासी युवा बैठा हुआ है. बीजेपी का नेता उसके ऊपर पेशाब कर रहा है. बीजेपी की यह सोच है.
जल जंगल जमीन के असली मालिक आदिवासी: राहुल गांधी ने जल जंगल और जमीन के असली मालिक आदिवासियों को बताया. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी आदिवासियों को जल जंगल जमीन का असली मालिक नहीं मानती हैं. उन्होंने कहा कि "हम आपको आदिवासी कहते हैं. वह आपको वनवासी कहते हैं. आदिवासी का मतबल वो लोग जो इस जमीन के हिंदुस्तान के पहले मालिक थे. मतलब ये जो पूरा का पूरा देश है. जिसको हम हिंदुस्तान कहते हैं. इसके ऑरिजनल मालिक आदिवासी लोग हैं. शब्दों के पीछे बहुत कुछ छिपा होता है. आदिवासी हम आपको इसलिए कहते हैं कि इस जमीन पर जंगल पर जल पर आपका हक बनता है. इसलिए हम पेसा कानून लाए. आदिवासी बिल लाए. इसलिए हम आपकी जमीन आपको वापस लौटाते हैं. हम आदिवासी आपके इतिहास और आपकी जमीन और आपकी जंगल की रक्षा करते हैं. वन वासी का कोई अधिकार नहीं होता है. इसका मतलब है कि वनवासी जंगल में रहते हैं. अगर जंगल गायब हो जाएगा तो आदिवासी सड़क पर भीख मांगेगे. आदिवासी मतलब आपकी जमीन जंगल, जल पर आपका अधिकार है आप इसके स्वामी हैं. ये आपके जंगल और जल को अडानी को देना चाहते हैं, हम आपको आपकी जमीन देना चाहते हैं."
"क्या आपको नोटबंदी, जीएसटी से फायदा हुआ. पांच कानून जो किसानों के लिए लाए गए थे. उससे फायदा हुआ. हमारी सारी योजनाओं से आपको फायदा होगा. इनके किसान बिल देख लीजिए. ये सारे लोग उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं. तेंदुपत्ता अभी साल में चार हजार रुपये में खरीदते हैं. हमारी सरकार आएगी तो चार हजार रुपये इसमें और मिलेगा. वन संपदा पर भी आपको प्रति संपदा पर 10 रुपये एक्सट्रा मिलेगा." : राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
बीजेपी की साजिश आप न पढ़ सकें: राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के नेता आपके बच्चों को पढ़ने देना नहीं चाहती है. बीजेपी के नेता जहां भी जाते हैं वह हिंदी की बात करते हैं. कहते हैं कि छत्तीसगढ़ी मत सीखो. अंग्रेजी मत सीखो. हम ये चाहते हैं कि आदिवासी युवा हिंदी, छत्तीसगढ़ी और अंग्रेजी भी सीखे. अब आप पूछेंगे कि तीन भाषाओं की क्या जरूरत है. हिंदी अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी इन तीन भाषाओं के सीखने से क्या होगा. अगर आप छत्तीसगढ़ में हैं तो छत्तीसगढ़ी चलेगी. अगर आप यूपी बिहार और दिल्ली जाओगे तो हिंदी काम आएगी. अगर आप दूसरे देश में जाना चाहते हो तो आपको अंग्रेजी की जरूरत पड़ेगी. जिससे आपको फायदा होगा. आपके पास बीजेपी के नेता आएंगे कहेंगे कि हिंदी सीखें और अंग्रेजी न सीखें. तो आप बीजेपी नेता से पूछना है कि आपके बच्चे कहां पढ़ते हैं. तो वह बताएंगे कि उनके बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जाते हैं. वह ऐसा इसलिए क्यों करते हैं ताकि आपका विकास न हो सके. इसलिए हमने पूरे के पूरे छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी स्कूलों का जाल बिछा रखा है. हम इसे और आगे बढ़ाएंगे. ताकि आपके बच्चे अच्छा पढ़ाई कर सकें. स्वामी आत्मानंद स्कूल आपके बच्चों के विकास की चाबी है.