पिछले 6 से 7 दिनों में मड़से ग्राम के एक हितग्राही के दो सौ से ज्यादा चूजों की मौत हो गई है. करीब दो साल पहले जिले में इसकी शुरुआत की गई थी. इस योजना का लाभ लेने बड़ी संख्या में हितग्राही प्रशासन के पास पहुंचे थे. लेकिन बीते एक हफ्ते में मड़से गांव के हितग्राही पीलू राम के यहां 250 चूजों में से 100 चूजों की मौत हो गयी है.
वहीं पीलूराम की पत्नी का ये भी कहना है कि वेटरनरी विभाग के डॉक्टर समय-समय पर आते हैं. लेकिन मरे हुए चूजों के बदले नए चूजे कब तक मिलेंगे ये नहीं बता पाते.
बता दें कि कड़कनाथ प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रशाशन ने धूमधाम से मुर्गों की शादी करवाई थी. इस शादी से जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी. साथ ही जीआई टेग के लिए घमासान भी हुआ था.
कड़कनाथ दंतेवाड़ा की प्रजाति बताते हुए प्रशासन ने जीआई टैग के लिए दावा किया था. लेकिन ये टैग मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले को मिला है.