कोंडागांव: जिले के केशकाल में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के आदेशानुसार जिले के प्रवेश द्वार बनाए गए हैं. वहीं स्क्रीनिंग सेंटर के सामने पुलिस की टीम के द्वारा चेकपोस्ट लगाकर बाहर से आने वाले वाहनों की पूछताछ भी की जा रही है. बता दें की बीती रात महाराष्ट्र से मजदूरों को लेकर एक गाड़ी आयी जिसे स्क्रीनिंग सेंटर में रोक कर सभी मजदूरों की जांच की गई जहां 1 मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाया गया.
स्क्रीनिंग सेंटर में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई
बता दें की स्क्रीनिंग सेंटर में ड्यूटी कर रहे कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कोरोना पॉजिटिव युवक को अन्य मजदूरों के साथ एक ही गाड़ी में केशकाल रवाना कर दिया गया और केशकाल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में युवक के पॉजिटिव आने की जानकारी तक नहीं दी गई.
पढ़ें:-बलौदाबाजार: छतीसगढ़ अंशदायी पेंशन कल्याण समिति ने विधायक प्रमोद शर्मा को सौंपा ज्ञापन
वही खलेमुरवेंड स्क्रीनिंग सेंटर में जांच कराने के बाद देर रात में दो खेप में कुल 43 मजदूर केशकाल के प्री मेट्रिक बालक छात्रावास में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचे. यहां युवक के पॉजिटिव होने की जानकारी नहीं दी गयी थी, जिस वजह से वहां ड्यूटी कर रहें कर्मचारियों ने भी बिना पूछताछ किये सभी मजदूरों को कमरे में भेज दिया गया.
पढ़ें:-SPECIAL: लॉकडाउन के दौरान 'डाटा' का सहारा, बढ़ी इंटरनेट की खपत
इसके बाद प्री-पोस्ट मैट्रिक छात्रावास क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी आर.के. मरकाम ने बताया की रात में हमें केवल ये जानकारी मिली थी की झारखंड और महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर खलेमुरवेंड से टेस्ट करवाने के बाद क्वॉरेंटाइन केंद्र के लिए 2 खेप में 43 लोग रवाना होने वाले हैं, लेकिन युवक के रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव होने की जानकारी नहीं मिली थी. वही सुबह जैसे ही हमें युवक की जानकारी मिली तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डिहिपारा में स्थानांतरित कर दिया गया है.
पढ़ें:--मजबूरी भी और जरूरी भी: कोरोना काल में गर्भवती सोनोग्राफी के लिए हुईं परेशान, डॉक्टर भी सावधान
इसके साथ ही अब देखने वाली बात ये है की इस लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है या फिर क्लीन चिट दे दी जाती है ये चर्चा का विषय बना हुआ है.