कोंडागांव: केशकाल थाना क्षेत्र के ग्राम होनहेड के कुपगोंदी के जंगलों में सोमवार की शाम नक्सलियों और DRG जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी, इसमें एक नक्सली कमांडेंट मारा गया थी. नक्सली की मौत होने के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख वहां, मौजूद बाकी नक्सली भाग खड़े हुए. मुठभेड़ खत्म होने के बाद कोंडागांव और कांकेर DRG के जवानों ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र में रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया. जहां सर्चिंग के दौरान नक्सली का शव, एक 303 रायफल और भारी मात्रा में नक्सलियों का सामान बरामद किया गया है.
पुलिस को केशकाल के होनहेड के जंगलों में नक्सली गतिविधियां होने की जानकारी मिली थी,जिसके बाद कांकेर मुख्यालय से DRG की 2 और STF की एक टीम को मलांजुकडुम की ओर से रवाना किया गया था. वहीं BSF की एक टीम बोडागांव से रवाना हुई थी, इसके साथ ही आमाबेड़ा से भी BSF की एक टीम को रवाना किया गया था. इस ऑपरेशन के लिए कोंडगाव से भी DRG की टीमें रवाना हुई थीं. जवानों की टीम को इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की पक्की खबर मिली थी. नक्सली वहां 6 टेंट में अस्थाई कैम्प बनाकर रुके हुए थे.जवानों की टीम होनहेड के जंगलों में जैसे ही पहुंची, नक्सलियों ने जवानों को देखते ही उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. जवानों ने जवाबी हमला किया, जिसमें एक नक्सली के सिर पर गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. लगातार फायरिंग के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग निकले.
50-60 नक्सलियों के होने का लगाया जा रहा है अंदाजा
मुठभेड़ के बाद DRG के जवानों ने रात भर सर्च ऑपरेशन जारी रखा, जिसमें बड़ी संख्या में बरामद नक्सलियों की सामग्री को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान लगभग 50-60 नक्सली मौजूद थे. बरामद सामग्रियों में एक 303 रायफल के साथ दैनिक उपयोगी समान शामिल है, जिन्हें लेकर पुलिस की टीम कांकेर पहुंची.
साथियों के आत्मसमर्पण से बौखलाए नक्सली
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के सामने धनोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मड़गांव के 2 पुरूष और 2 महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया था. इसके बाद से नक्सली बौखला गए और नक्सलियों का यह आत्मसमर्पण ही मुठभेड़ की वजह बताई जा रही है.