कोंडागांव: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को युवती के साथ हुई हैवानियत के मामला गरमाया हुआ है. युवती के साथ गैंगरेप कर उसे बहुत मारा गया था, उसकी हड्डियां तोड़ दी गई थी और जीभ को काट दिया गया था. हालांकि यूपी पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, जिसके बाद से सरकार पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. इस मामले को लेकर अब छत्तीसगढ़ के लोगों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है. सरकार भी इस मामले में अब बैकफुट पर नजर आ रही है.
इस घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस जा रहे थे, जिन्हें उत्तरप्रदेश सीमा पर बलपूर्वक आगे जाने से रोका गया. कोंडागांव युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारों पर काम कर रही है. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सांसद राहुल गांधी को बलपूर्वक रोकने के साथ ही उनके साथ झूमाझटकी और मारपीट करते हुए उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया गया था.
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इस घटना के विरोध में और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कोंडागांव युवक कांग्रेस ने स्थानीय बस स्टैंड पर UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया है. इस दौरान जिलाध्यक्ष झुमुकलाल दीवान, शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष तबस्सुम बानो, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष विशाल शर्मा, जिला सचिव सकुर खान, शहर उपाध्यक्ष जितेंद दुबे, गुनमति नायक, हेमा देवांगन, पार्षद योगेंद्र पोयाम, तरुण भौमिक, अंकेश जैन, सुनील रायकवार, प्रवीण मिश्रा, अफराज खान, कल्पेश दीवान, अंकित उइके, हेम सागर, कुणाल गढ़पाले, ईशान ठाकुर, अरविंद नेताम, जागेश्वर कुलदीप, पारस गोस्वामी, रेवा यादव, गोपी मूर्ति और बाबू उपस्थित रहे.
मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म से इनकार
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती की मौत का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. शुरुआत में इस मामले में दुष्कर्म की बात सामने आई, लेकिन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार ने शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म से इनकार किया है. इस मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपी सरकार का घेराव किया है. राहुल और प्रियंका समेत कुछ अन्य कांग्रेस नेता गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस जा रहे थे, लेकिन नोएडा पुलिस ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इन्हें हिरासत में ले लिया. बाद में सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया. राहुल-प्रियंका समेत 153 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.