कोंडागांव: केशकाल विधायक संतराम नेताम ने बुधवार को लिहागांव के गौठान में, गोधन न्याय योजना के तहत की जा रही गोबर खरीदी का निरीक्षण किया. इस दौरान विधायक ने पाया कि यहां लोग 10 से 15 हजार रुपए तक का गोबर बेच रहे हैं. जो ग्रामीणों के लिए आय का साधन बन गया है.
इस दौरान रायपुर में पढ़ाई करने वाले पैरामेडिकल के छात्र खेमेश्वर बघेल ने बताया कि वह अब तक करीब 75 क्विंटल गोबर बेच चुके हैं. जिसकी कीमत करीब 15 हजार रुपये है. वहीं धरमदास ने बताया कि उन्होंने अब तक 12 हजार रुपये का गोबर बेचा है. इसके अलावा कई ग्रामीणों ने बताया कि वे हर दिन 50 से 100 रुपये का गोबर बेच रहे हैं. जिससे कोरोना काल में उनकी रोजमर्रा का खर्च निकल रहा है.
विधायक ने नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी योजना का किया निरीक्षण
केशकाल विधायक संतराम नेताम ने लिहागांव ग्राम पंचायत के गौठान पहुंचकर नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना का भी निरीक्षण किया. विधायक का कहना है कि लोग इस योजना में काफी रूचि ले रहे हैं और यह योजना सफल भी हो रही है. उन्होंने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से बातचीत भी की. विधायक ने गौठान में कमी को लेकर ग्रामीणों से सवाल भी किया. जिसपर ग्रामीणों ने बताया कि अब तक यहां ट्यूबवेल और विद्युत की व्यवस्था नहीं हो पाई है. इस पर विधायक ने तत्काल व्यवस्था करने का आश्वासन दिया.
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गोबर खरीदी को लेकर लोगों में रुचि बढ़ी
विधायक संतराम नेताम ने वहां उपस्थित चरवाहों को बुलाकर उनकी समस्या के बारे मे पूछा तो चरवाहों ने बताया कि जब से गोधन न्याय योजना लागू हुई है, तब से उन्हें हर दिन 200 से 300 रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है. इसके पहले उनकी हालत बेहद खराब थी. वे वार्षिक ठेके पर हिसाब से किसानों के गाय बैल चराते थे. चरवाहों ने बताया कि वह गाय चराने के अलावा गोबर भी इकट्ठा करते हैं. गोबर से ही उन्हें करीब 200 से 300 रुपये की अलग आमदनी हो जाती है.
स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रहीं गोबर खरीदी
लिहागांव में जय अंबे समूह और मां दंतेश्वरी महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठानों में गोबर खरीदी का काम देख रही हैं. दोनों समूहों की महिलाओं ने विधायक को बताया कि वे हर दिन सुबह 8 से 11 बजे यहां ड्यूटी करती हैं. महिलाओं ने बताया कि ग्रामीणों का गोबर बेचने के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है. पहले कम लोग गोबर बेचने आते थे. लेकिन अब धीरे-धीरे गोबर बेचने वालों की संख्या बढ़ रही है. महिला समूह की सदस्यों ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है. जिसे किसानों को 8 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा.