कोंडागांव :छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं.वैसे वैसे आंदोलनों का दौर शुरु होता जा रहा है. ज्यादातर संगठन नियमितिकरण और वेतन विसंगति दूर करने की मांग पर अड़े हैं. इसी कड़ी में कोंडागांव में राज्यस्तरीय अतिथि शिक्षकों ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध जताया.छत्तीसगढ विद्या मितान कल्याण संघ के प्रांतीय संयोजक दामोदर दास वैष्णव ने बताया कि '' 2018 के चुनाव से पूर्व विद्या मितान शिक्षक संघ का 28 दिन तक लम्बा आंदोलन चला. इस आंदोलन को तुड़वाने वर्तमान सीएम और उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल आये थे. लंबे भूख हड़ताल के कारण कई लोग बहुत ज्यादा अस्वस्थ हो चुके थे. भूपेश बघेल ने हड़ताली कर्मियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया और नियमितीकरण का वादा किया.''
टीएस सिंहदेव ने जनघोषणा पत्र में किया शामिल : दामोदर दास के मुताबिक '' उसी समय टीएस सिंहदेव ने हमारी मांगों को कांग्रेस जन घोषणा पत्र में शामिल कर हमारा विश्वास जीता.उन्होंने वादा किया था कि हमारी सरकार जैसे ही बनेगी, आप लोगों को हम नियमित करेंगे. आज 4 साल हो गये, हम विद्यामितान शिक्षकों को नियमित करने के बजाए अतिथि शिक्षक नाम दे दिया गया. साथ ही हमारे गर्दन पर कुल्हाड़ी रखते हुए ये कह दिया गया कि आप लोग वैकल्पिक व्यवस्था हो. आपके जगह नियमित शिक्षक आने पर आपको सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. हम सरकार का विरोध किये पर सरकार के सचिव हमारी बातों को इग्नोर करते हैं. हमे अतिथि बनाया गया. पर उसमें भी हमारे लगभग 300 साथियों को जॉब नहीं दिया गया, वो आज भी नौकरी से बाहर हैं.''
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क्या है अतिथि शिक्षकों की मांग : राज्य अतिथि शिक्षक संघ की माने तो लगातार आंदोलन को देखते हुए 16 मार्च 2022 को सरकार ने ये आदेश निकाला कि आपकी जगह नियमित भर्ती से शिक्षक पदोनति से शिक्षक और ट्रांसफर से शिक्षक नहीं आ सकेंगे. लेकिन वर्तमान समय में उसका भी पालन नहीं हो पा रहा है. सरकार में नौकरशाही चरम सीमा पर है. हमें नियमितीकरण का वादा किया गया था पर शिक्षा सचिव और अधिकारी आने वाले भर्ती में 2 अंक देकर अपना पल्ला झाड़ना चाहते हैं. हमारी बस इतनी सी मांग है कि हमारे सेवा से वंचित एवं प्रभावित साथियों के साथ हमारे सभी विद्यामितान अतिथि शिक्षक साथियों का आपके वादे के अनुरूप नियमितीकरण हो.