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कोंडागांवः कलेक्ट्रेट पहुंचे मुलमुला गांव के किसान, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - मुलमुला धान खरीदी में अनियमितता

कोंडागांव के मुलमुला धान खरीदी केंद्र में अनियमितता को लेकर किसानों ने मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

Farmers submitted memorandum to collector
किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
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Published : Jan 21, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 3:04 PM IST

कोंडागांव: मुलमुला धान खरीदी केंद्र के सैकड़ों किसान मंगलवार को कलेक्ट्रट पहुंचे. जहां उन्होंने धान खरीदी केंद्र में अनियमितता को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

धान खरीदी केंद्रों में लगातार अनियमितता की वजह से किसान परेशान हो चुके हैं. किसानों ने बताया कि टोकन कटे हुए 2 महीने हो चुके हैं, लेकिन कई किसानों से धान की खरीदी नहीं की गई है, जिससे किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

धान खरीदी का समय खत्म होने का डर
किसानों का आरोप है कि यदि मौसम में बदलाव हो जाता है तो प्रबंधन समिति मुलमुला में धान खरीदी और टोकन देना बंद कर दिया जाता है. किसानों का कहना है कि यदि अनियमितता बनी रही और धान खरीदी का समय खत्म हो गया तो उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा.

अनियमितता की वजह से होती है परेशानी
मुलमुला धान खरीदी केंद्र पर 15 से 20 गांव के किसान आश्रित हैं, जो 20-25 किलोमीटर दूर से धान को लाते हैं और केंद्र तक पहुंचने के बाद जब प्रबंधन समिति धान खरीदने से मना कर देती है तो उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है. इसके अलावा धान खरीदी केंद्र में रखरखाव की व्यवस्था भी ठीक नहीं है, जिससे अचानक बारिश होने पर भींगने का डर बना रहता है.

पढ़ेंः-बस्तर की 18 लड़कियों को केरल में बनाया बंधक, परिजनों ने लगाई छुड़वाने की गुहार

भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री दया शंकर दीवान ने चेतावनी दी है कि यदि धान खरीदी को लेकर शासन-प्रशासन का यहीं रवैया रहा तो आचार संहिता खत्म होने के बाद किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा.

कोंडागांव: मुलमुला धान खरीदी केंद्र के सैकड़ों किसान मंगलवार को कलेक्ट्रट पहुंचे. जहां उन्होंने धान खरीदी केंद्र में अनियमितता को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

धान खरीदी केंद्रों में लगातार अनियमितता की वजह से किसान परेशान हो चुके हैं. किसानों ने बताया कि टोकन कटे हुए 2 महीने हो चुके हैं, लेकिन कई किसानों से धान की खरीदी नहीं की गई है, जिससे किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

धान खरीदी का समय खत्म होने का डर
किसानों का आरोप है कि यदि मौसम में बदलाव हो जाता है तो प्रबंधन समिति मुलमुला में धान खरीदी और टोकन देना बंद कर दिया जाता है. किसानों का कहना है कि यदि अनियमितता बनी रही और धान खरीदी का समय खत्म हो गया तो उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा.

अनियमितता की वजह से होती है परेशानी
मुलमुला धान खरीदी केंद्र पर 15 से 20 गांव के किसान आश्रित हैं, जो 20-25 किलोमीटर दूर से धान को लाते हैं और केंद्र तक पहुंचने के बाद जब प्रबंधन समिति धान खरीदने से मना कर देती है तो उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है. इसके अलावा धान खरीदी केंद्र में रखरखाव की व्यवस्था भी ठीक नहीं है, जिससे अचानक बारिश होने पर भींगने का डर बना रहता है.

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भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री दया शंकर दीवान ने चेतावनी दी है कि यदि धान खरीदी को लेकर शासन-प्रशासन का यहीं रवैया रहा तो आचार संहिता खत्म होने के बाद किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा.

Intro:मुलमुला ग्राम पंचायत के किसान कलेक्टर कोंडागांव को ज्ञापन सौंपने पहुंचे , धान खरीदी केंद्रों में हो रही लगातार अनियमितता से किसान हैं परेशान, आंदोलन की दी चेतावनीBody:सैकड़ों ग्रामीण किसान आज कलेक्ट्रेट पहुंचे, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ,ग्रामीण किसानों की मांग है कि धान खरीदी केंद्रों में हो रही लगातार अनियमितता से वे त्रस्त हो चुके हैं ,धान प्रबंधन समिति मूलमुला में यदि मौसम में बदलाव हो जाए या बदली छा जाए तो धान खरीदी और टोकन देना बंद कर दिया जाता है,
2 माह हो गए टोकन कटाये हुए, पर कई किसानों के धान क्रय नहीं किए जा रहे हैं जिससे किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,
किसानों का कहना है कि यदि अनियमितता बनी रही और धान खरीदी का समय खत्म हो गया तो किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा ,धान खरीदी केंद्रों में धान को लाने ले जाने में किसानों का समय और राशि दोनों का नुकसान होता है,
ग्राम पंचायत मुलमुला के धान खरीदी केंद्र में 15-20 ग्राम के किसान आश्रित हैं जो 20- 25 किलोमीटर दूर से धान को लाते हैं और केंद्र तक पहुंचने के बाद जब धान प्रबंधन समिति द्वारा धान क्रय करने से मना कर दिया जाता है तो उन्हें काफी नुकसान वाहन करना पड़ता है,
रखरखाव की भीकोई व्यवस्था नहीं होती है शासन- प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व धान खरीदी केंद्रों के प्रभारियों के तबादले भी किए थे, ताकि धान की अवैध खरीद-फरोख्त को रोका जा सके और खाने में तेजी लाया जा सके, पर धान प्रबंधन समिति के सुस्त रवैए से किसान त्रस्त और आक्रोशित हैं।

Byte_दयाशंकर दीवान, जिला महामंत्री, कोंडागांव, भारतीय किसान संघConclusion:जिला महामंत्री कोंडागांव भारतीय किसान संघ दया शंकर दीवान ने बताया कि यदि धान खरीदी को लेकर शासन- प्रशासन का यही रवैया रहा तो आचार संहिता खत्म होते ही किसान संघ द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, कांग्रेस ने सत्ता में आते ही वादाखिलाफी करते हुए किसानों को परेशान कर दिया है एक तरफ तो उन्होंने ₹2500 प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य देने का वादा किया था जिससे वे मुकर चुके हैं और कर्ज माफी को लेकर भी किसान संतुष्ट नहीं है अभी तक केवल कॉपरेटिव बैंक से ऋण लिए किसानों का कर्ज माफ किया गया है जबकि अन्य बैंकों के कर्जदार किसान अभी भी दहशत में जी रहे हैं जो कभी भी नोटिस आने पर बर्बादी के कगार पर खड़े हैं।
Last Updated : Jan 21, 2020, 3:04 PM IST
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